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उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के 6 महीने से लंबित भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय में शिक्षकों नें किया धरना-प्रदर्शन

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०५ फ़रवरी  

बिहार राज्य सम्बद्द डिग्री महाविद्यालय शिक्षक एवं कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर राज्य के सभी विश्वविद्यालय मुख्यालय पर  वित्तरहित शिक्षा नीति के विरोध में तथा बीआर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय से सम्बन्धित विभिन्न मांगों को लेकर बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों से आये शिक्षकों नें विश्वविद्यालय मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महासंघ के विश्वविद्यालय संयोजक सह सीनेट सदस्य डॉ.धर्मेन्द्र कुमार चौधरी नें कहा की उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन का भुगतान 6-7 महीने से लंबित है इसका भुगतान अभिलंब किया जाए। पूर्व की तरह पीएचडी रेगुलेशन 2016 के अंतर्गत संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों को शोध निदेशक बनाया जाए। 26 दिसंबर 2022 के अभिषद के निर्णय के अनुसार प्रति विद्यार्थी नामांकन की राशि 250/- रुपया सभी महाविद्यालयों एवं पीजी विभाग को लौटाना था जो विश्वविद्यालय के द्वारा नहीं लौटाया जा रहा है तथा संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को स्पेशल टेबुलेशन के कार्य से संबद्ध महाविद्यालय के नाम पर वंचित किया जा रहा है जो न्यायोचित नहीं है। यदि अविलम्ब विश्वविद्यालय प्रशासन मांगों को पूरा नहीं करता है तो चरणबद्ध आन्दोलन किया जायेगा. इस अवसर पर शिक्षक नेता डॉ.संत ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह, डॉ.कामेश्वर सिंह, डॉ.धीरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ.राकेश कुमार मिश्रा, डॉ.सीमा कुमारी, डॉ.विजय कुमार सिन्हा, डॉ.प्रवीर कुमार, डॉ.कमलेश कुमार, डॉ.रविन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ.अनिल कुमार सिंह नें धरना को सम्बोधित करते हुए कहा की

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Copy Evaluation और Practical के मूल्यांकन का पैसा On that time, On the Spot  मिले। अनुदानित महाविद्यालयों के योग्य शिक्षकों को पूर्व की भांति पीएचडी के Guide बनने का अवसर मिले। धरना-प्रदर्शन की सुचना पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ.अपराजिता कृष्ण के नेतृत्व में परीक्षा नियंत्रक डॉ.सुबालाल पासवान, उप-कुलसचिव प्रथम डॉ.धीरेन्द्र कुमार सिंह ‘मधु’, उप-कुलसचिव द्वितीय डॉ. विनोद बैठा धरना स्थल पर आकर आंदोलित शिक्षकों से वार्ता कर आश्वस्त किया की बकाया रैम्यूनरेशन का भुगतान 1 सप्ताह के अंदर में हो जाएगा, कुलसचिव ने कहा कि पीएचडी रेगुलेशन 2016 के आधार पर शोध निदेशक बनाये जाने को लेकर कुलपति के मुख्यालय आने के बाद उनसे बात करके इस समस्या का समाधान किया जाएगा, छात्रों के नामांकन की राशि 250/- रुपया यथा संभव जल्द से जल्द भुगतान महाविद्यालय को किया जाएगा तथा स्पेशल टेबुलेटर से संबंधित मामला पर भी कुलपति के आने के बाद निर्णय किया जाएगा. कुलसचिव के आश्वासन के पश्चात् धरना समाप्त हुआ. धरना कार्यक्रम में डॉ.दिनेश मिश्रा, डॉ.राजकुमार सिंह, डॉ.अमरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ.मो.जमीरुद्दीन, डॉ.अमिता, डॉ.उमेश श्रीवास्तव, डॉ.नन्द किशोर राम सहित बड़ी संख्या में शिक्षक- शिक्षिकाएं उपस्थित थें.

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