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विद्यार्थियों में सांस्कृतिक विकास बहुत जरूरी है, इससे उनकी पहचान, समझ और दुनिया के प्रति दृष्टिकोण विकसित होता है- प्रो.दिनेश चंद्र राय, कुलपति, बीआरएबीयू

रामदयालु सिंह महाविद्यालय की सांस्कृतिक इकाई 'विरासत' द्वारा दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव की हुई शुरुआत

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २९ अप्रैल

रामदयालु सिंह महाविद्यालय की सांस्कृतिक इकाई ‘विरासत’ द्वारा दो दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव का उद्घाटन करते हुए बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय ने कहा कि विद्यार्थियों में सांस्कृतिक विकास बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे उनकी पहचान, समझ और दुनिया के प्रति दृष्टिकोण विकसित होता है। महाविद्यालयों को अपनी संस्कृति से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए। सांस्कृतिक गतिविधियों में नृत्य, संगीत, नाटक आदि बच्चों के समग्र विकास में योगदान देती है। रामदयालु सिंह महाविद्यालय की सांस्कृतिक इकाई विरासत एक अनूठा प्रयास कर रहा है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए महाविद्यालय में लगातार कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं। प्राचार्या का प्रयास काफी अच्छा है। इनके नेतृत्व में विरासत की टीम बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय कुलगीत से शुरू हुआ। इसके बाद विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह सीमा जागरण मंच के अखिल भारतीय सह-संयोजक राम कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों के जीवन में सभ्यता और संस्कृति का विकास एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह छात्रों में सामाजिक गुणों को विकसित करने, मूल्यों, विचारधाराओं और रीति रिवाज को स्थापित करने में मदद करता है। रामदयालु सिंह महाविद्यालय का इस दिशा में प्रयास काफी सराहनीय है। सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों को रचनात्मक और प्रतिभा का प्रदर्शन करने का एक मंच प्रदान करते हैं, साथ ही उन्हें विभिन्न संस्कृतियों और दृष्टिकोणों से परिचित कराते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या डॉ.अनिता सिंह ने कुलपति समेत आगत अतिथियों का अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। उन्होंने महाविद्यालय की प्रगति के रोड मैप पर चर्चा करते हुए कहा कि महाविद्यालय विकास की और प्रतिबद्ध है। महाविद्यालय में अकादमिक गतिविधि के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधि पर जोर दिया जा रहा है। इसमें शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्रों का अपार सहयोग मिल रहा है। सांस्कृतिक इकाई विरासत के संयोजक डॉ.नीरज कुमार मिश्रा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विरासत की टीम छात्रों के समग्र विकास के लिए सतत प्रयासरत है। मौके पर विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ.आलोक प्रताप सिंह, सिंडिकेट सदस्य डॉ.रमेश प्रसाद गुप्ता, सीनेट सदस्य डॉ.संजय कुमार सुमन, डॉ.नीलिमा झा, डॉ.रजनीश कुमार गुप्ता, डॉ.आर.एन ओझा, डॉ. रामकुमार, डॉ.एम.एन रिजवी, डॉ.रजनीकांत पांडे, डॉ.आनंद प्रकाश दुबे, डॉ.अनुराधा पाठक समेत बड़ी संख्या में महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में राग जौनपुरी, तबला वादन, राग अहीर भैरव, कृष्ण की चेतावनी, काव्य पाठ, भोजपुरी गीत, छठ गीत, एवं समूह नृत्य की प्रस्तुति की गई। सभी कार्यक्रम ने दर्शकों का मन मोह लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति में प्रणव, श्रावणी श्रेया, पलक, अंकिता, निकिता, आशा, अभिषेक, गुंजा, शुभम, खुशी, पूजा, सनी ने भाग लिया। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. सारिका चौरसिया, सांस्कृतिक कार्यक्रम का विषय प्रवेश डॉ.नीरज कुमार मिश्रा ने कराया।

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