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जिले में बाढ़ आपदा के सभी कार्य एसओपी के अनुसार समय से पूर्व करें सुनिश्चित –सुब्रत कुमार सेन, डीएम

डीएम ने जिला आपदा शाखा का किया निरीक्षण के दौरान तटबंधों की सुरक्षा हेतु सीओ एवं इंजीनियर को नियमित निरीक्षण एवं निगरानी करने के दिए निर्देश

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ११ जून  

बाढ़ आपदा के संभावित खतरे को देखते हुए जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के मार्गदर्शन में आपदा प्रबंधन विभाग के एसओपी के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारी प्रभावी रूप से जारी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में  राहत एवं बचाव कार्य हेतु आश्रय स्थल की सूची तैयार करने, सामुदायिक किचेन का संचालन करने, मानव दवा , मेडिकल टीम का गठन, चिकित्सा कैंप, पशु दवा, पशु चारा, तटबंध का निरीक्षण, बिजली व्यवस्था, पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था, मोटरबोट, राहत सामग्री की तैयारी,  एनडीआरएफ एसडीआरएफ की तैनाती आदि की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन से जुड़े विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों तथा अंचलाधिकारी के साथ लगातार बैठक कर सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने विभाग से संबंधित दायित्व का पूरी जवाबदेही से समय से पूर्व सुनिश्चित कर लेने का सख्त निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के सभी अंचलाधिकारी को जल संसाधन विभाग के अभियंताओं के साथ तटबंधों की सुरक्षा हेतु संयुक्त रूप से निरीक्षण करने तथा सतत निगरानी बनाये रखने का निर्देश दिया है। जिले में मुख्य रूप से बूढी गंडक, गंडक एवं  बागमती नदी में बाढ़ आती है, जबकि अन्य नदियों लखनदेई, नून, झाझा, कदाने, वाया नदी के कारण भी बाढ़ एवं जल जमाव का प्रभाव रहता है। आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री विजय कुमार मंडल तथा अपर मुख्य सचिव, आपदा प्रत्यय अमृत द्वारा बाढ़ पूर्व तैयारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई। मुजफ्फरपुर जिला समाहरणालय से जिला पदाधिकारी, अपर समाहर्ता राजस्व/ आपदा, प्रभारी पदाधिकारी आपदा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े हुए थे। बैठक में अधिकारियों को आपदा प्रबंधन विभाग के एसओपी के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारी समय से पूर्व सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। बाढ़ आपदा हेतु पूर्वी चंपारण, वैशाली और शिवहर जिला से पॉलिथीन सीट्स की अधियाचना मुजफ्फरपुर से की गई है। उक्त अधियाचना के आलोक में पॉलिथीन सीट्स के क्रय करने की कार्रवाई की जा रही है. जिलांतर्गत बाढ़ राहत कार्य में प्रयुक्त होने वाले सभी सामग्रियों के दर का निर्धारण कर लिया गया है। जिला पशुपालन कार्यालय द्वारा पशु चारा का भी दर निर्धारित कर लिया गया है। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारी को देशी निजी नाव के पंजीकरण एवं एकरारनामा करने का निर्देश दिया  है साथ ही उनसे निजी नाव मालिकों की सूची की मांग की गई है। बाढ़ आपदा हेतु जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24 × 7 संचालित है। कर्मियों की तैनाती भी कर दी गई है। जिले में चिन्हित बाढ़ राहत शिविर एवं समुदायिक रसोई केंद्र के संचालन हेतु संबंधित अंचलाधिकारी को स्थल निरीक्षण करने तथा रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है ताकि सफल एवं सुचारु रूप से शिविर एवं रसोई केंद्र का संचालन किया जा सके। अनुग्रह अनुदान की राशि के हस्तांतरण हेतु आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर उपलब्ध लाभुकों की जांच करने तथा छूटे हुए व्यक्तियों का शत- प्रतिशत प्रविष्टि करने का निर्देश अंचलाधिकारी को दिया गया है। बाढ़ प्रवण क्षेत्र में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के आवासन हेतु स्थल चयन करने का निर्देश अंचलाधिकारी को दिया गया है। इन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा गया है। प्रभारी मंत्री, जिला बीस सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की अध्यक्षता में गठित जिला बाढ़ राहत अनुश्रवण सह निगरानी समिति की बैठक संभावित बाढ़ से पूर्व करा लेने का निर्देश दिया गया है।  इस क्रम में जिलाधिकारी ने जिला  आपातकालीन संचालन केंद्र तथा  जिला आपदा प्रबंधन शाखा का निरीक्षण  किया। उन्होंने कर्मियों को ससमय कार्यालय आने, सभी कार्यों का ससमय निष्पादन करने, सभी पंजी को अद्यतन रखने, संचिकाओं का व्यवस्थित रखरखाव करने, अंचलों से समन्वय बनाये रखने, सभी  अंचलों से ससमय रिपोर्ट प्राप्त कर समेकित प्रतिवेदन ससमय पुटअप करने आदि का निर्देश दिया। आपातकालीन संचालन केंद्र के निरीक्षण के दौरान टेलीफोन, मोबाइल, फैक्स, टेलीविजन एवं सेटेलाइट फोन आदि सभी उपकरण कार्यशील पाये गये।

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