जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों को बीज एवं उर्वरक पारदर्शी तरीके से और स-समय उचित मूल्य पर उपलब्ध करानें का डीएम नें दिए निर्देश

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, २३ मई
खरीफ महाअभियान 2025 अंतर्गत जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी रिची पांडेय संयुक्त निदेशक, पौधा संरक्षण,डॉ.प्रमोद कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी ब्रजेश कुमार एवं वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला जनसम्पर्क अधिकारी कमल सिंह, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक, डीडीएम नाबार्ड सहायक निदेशक उद्यान, सहायक निदेशक रसायन, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण, सहायक निदेशक शस्य, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी (सभी), उप-परियोजना निदेशक आत्मा, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण, जिला परियोजना प्रबंधक जीविका, केवीके.पुपरी से शस्य वैज्ञानिक एवं पौध संरक्षण वैज्ञानिक, प्रखंड कृषि पदाधिकारी सभी, सभी प्रखंड उद्यान पदाधिकारी सभी प्रखंड तकनीकी प्रबंधक सभी सहायक तकनीकी प्रबंधक सभी कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार के साथ-साथ प्रगतिशील किसान भी मौजूद थे। इस अवसर पर जिला पदाधिकारी श्री पाण्डेय ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों को बीज एवं उर्वरक पारदर्शी तरीके से और स-समय उचित मूल्य पर उपलब्ध कराएं साथ ही उर्वरक की कालाबाजारी का सतत निगरानी हो। सॉयल फर्टिलिटी मैप के आधार पर किसानों को उर्वरक प्रयोग करने की अनुशंसा की जाए। किसानों को बायो फर्टिलाइजर, प्राकृतिक खेती की जानकारी, फेरोमैन ट्रैप से होने वाले लाभ को किसानों के बीच अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें जिससे कि फर्टिलाइजर इंसेक्टीसाइड एवं पेस्टिसाइड का कम से कम प्रयोग हो सके। सभी लोग अपने-अपने फील्ड में राजकीय नलकूप की समीक्षा करें और खराब पड़े राजकीय नलकूप को लघु सिंचाई विभाग के पदाधिकारी से संपर्क कर सुधार करवाये। जंगली जानवर से फसल सुरक्षा के लिए किसानों को पंचायत के मुखिया एवं वन विभाग से संपर्क कर आवेदन करने एवं इस संबंध में जो प्रक्रिया है उसकी जानकारी किसानों को दें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला कृषि पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि इस कार्यक्रम अंतर्गत कृषि विभाग में कार्यरत जिला से लेकर प्रखंड स्तर एवं पंचायत स्तर तक के सभी पदाधिकारी एवं कर्मीयो सहित प्रगतिशील किसानों को भी आमंत्रित किया गया है। जिसमें कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों का जिला स्तर पर लक्ष्य निर्धारण एवं उसकी प्राप्ति हेतु प्रशासनिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से कृषि प्रसार पदाधिकारी एवं कर्मियों के तकनीकी क्षमता के विकास पर जानकारी उपलब्ध कराने के लिए इस जिला स्तरीय खरीफ़ कर्मशाला का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में नोडल पदाधिकारी के रूप में पटना से आए हुए संयुक्त निदेशक पौधा संरक्षण डॉ.प्रमोद कुमार के द्वारा बताया गया कि खरीफ मौसम उगने वाली फसलों को शारदीय फसल के नाम से जाना जाए तथा कृषि में विविधीकरण एवं प्राकृतिक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित एवं जागरूक किया जाए। किसानों को मोटे अनाज की खेती के लिए मोटिवेट करें। इसमें न्यूट्रिटिव वैल्यू अधिक रहता है और स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभप्रद होता है। कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान के द्वारा जैविक खेती प्राकृतिक खेती एवं जलवायु अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया गया।