निलंबन की अनुशंसा, वेतन स्थगित -जिलाधिकारी की बड़ी कार्रवाई, तीन अधिकारी-कर्मी घिरे शिकंजे में, जिलाधिकारी का सख्त संदेश -लापरवाही बर्दाश्त नहीं; दो अधिकारियों पर कार्रवाई, एक का वेतन रोका
भ्रष्टाचार पर कड़ी चोट: लिपिक पर निलंबन की अनुशंसा, कार्यपालक पदाधिकारी वित्तीय अनियमितता में दोषी

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०६ दिसम्बर
मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों में पाई गई अनियमितताओं, लापरवाही और अवैध गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में बागमती प्रमंडल, रुन्नीसैदपुर के निम्न वर्गीय लिपिक जितेंद्र प्रसाद कुशवाहा के विरुद्ध गंभीर लापरवाही, आदेश उल्लंघन और भू-स्वामियों से अवैध राशि मांगने की शिकायतें प्रमाणित होने के बाद उनके निलंबन और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी को सूचित किया गया कि अर्जित भूमि के मुआवजा भुगतान के दौरान भू-स्वामियों से अवैध राशि मांगी जा रही है। इसके अतिरिक्त, पूर्व में भी कार्यपालक अभियंता बागमती प्रमंडल रून्नीसैदपुर द्वारा भी उक्त लिपिक के विरुद्ध आरोप पत्र गठित कर अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण अंचल, सीतामढ़ी को भेजा गया था। शिवहर से सीतामढ़ी स्थानांतरण के बाद भी उक्त लिपिक ने पुनर्वास से जुड़े महत्वपूर्ण अभिलेख उच्च अधिकारियों द्वारा कई बार स्मारित कराने के बावजूद नहीं सौंपे। यह न केवल उच्च अधिकारी के आदेश का उल्लंघन है बल्कि सरकारी सेवक आचार नियमावली के विपरीत आचरण माना गया। अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण अंचल सीतामढ़ी ने भी मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग को उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। इन सभी बिंदुओं को गंभीर मानते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने प्रधान सचिव, जल संसाधन विभाग को लिपिक के निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसी क्रम में नगर परिषद साहेबगंज के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी रंधीर लाल के विरुद्ध भी कड़े कदम उठाए गए हैं। जेम पोर्टल के माध्यम से स्ट्रीट लाइट, रिफ्यूज कंपैक्टर, हाई मास्ट लाइट टावर एवं सीसीटीवी कैमरों की खरीद में घोर अनियमितता एवं सरकारी राशि के गबन करने की शिकायत जिलाधिकारी को मिली। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी और जिला भविष्य निधि पदाधिकारी की त्रिसदस्यीय कमेटी गठित कर जांच कराई। उपलब्ध अभिलेख और साक्ष्यों के आधार पर जांच टीम ने कार्यपालक पदाधिकारी को वित्तीय अनियमितताओं का दोषी पाया। इसके बाद जिलाधिकारी ने नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव को आवश्यक कार्रवाई करने की अनुशंसा भेजी है। इसके साथ ही जिला नियोजन पदाधिकारी श्वेता वशिष्ठ के विरुद्ध भी कार्यालय संचालन में लापरवाही और अनुशासनहीनता की शिकायतें मिलने पर जिलाधिकारी द्वारा सख्त कार्रवाई की गई है। अपर समाहर्ता राजस्व द्वारा 2 दिसंबर को पूर्वाह्न 10:40 बजे कार्यालय निरीक्षण के दौरान वे कार्यालय से अनुपस्थित पाई गईं। इससे पहले 21 नवंबर को भी एक महत्वपूर्ण पारिवाद मामले की सुनवाई के समय वे अनुपस्थित थीं, जिस पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। बार-बार मनमानी अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने उनका वेतन अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है तथा पूछा है कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध निलंबन एवं अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की जाए। जिलाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन ने स्पष्ट कहा है कि सभी अधिकारी एवं कर्मी सरकारी दिशा-निर्देश और मानकों के अनुरूप पूर्ण जवाबदेही से कार्य करें। लापरवाही, अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकारी कार्यों में पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रकार की अनियमितता पर तत्काल व कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।




