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स्वास्थ्य विभाग की बैठक में डीएम ने की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, टीकाकरण, फाईलेरिया, कालाजार, आयुष्मान, हेल्थ वेलनेस सेंटर, मातृ मुत्यु समीक्षा, संस्थागत प्रसव की प्रखण्ड वार समीक्षा

जिला पदाधिकारी के द्वारा सुप्पी एवं सुरसंड को छोड़ बाकी सभी प्रखंड के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक के वेतन पर लगाई गयी रोक

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, २३ जून  

जिला पदाधिकारी रिची पांडे की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक सीतामढ़ी समाहरणलय परिसर के परिचर्चा भवन में आयोजित हुई। बैठक का उद्देश्य जिला में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रखंडों एवं स्वास्थ्य संस्थानों के प्रदर्शन और चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा करना था। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.जियाउद्दीन जावेद, जिला वीबीडीसी पदाधिकारी डॉ.रवींद्र कुमार यादव, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ.मुकेश झा, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी सुनील कुमार सिन्हा के साथ जिला सामुदायिक उत्प्रेरक समरेन्द्र वर्मा, डीपीसी दिनेश कुमार, डीएमएनइ संतोष कुमार सहित पीरामल फाउंडेशन के जिला प्रबंधक प्रभाकर कुमार, प्रोग्राम लीड दुर्गा प्रसाद सिंह, रोहित कुमार, अकरम खान, पी एसआई इंडिया से अनुज मिश्रा, डबल्यूएचओ एसएमओं हरि तेजा, यूनिसेफ़ के कुमार अभिषेक एवं नवीन कुमार श्रीवास्तव आदि ने भाग लिया। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, टीकाकरण, फाईलेरिया, कालाजार, आयुष्मान, हेल्थ वेलनेस सेंटर, मातृ मुत्यु समीक्षा, संस्थागत प्रसव, इत्यादि का प्रखण्ड वार समीक्षा किया तदनुसार आवश्यक निर्देश दिए। जिला पदाधिकारी के द्वारा सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अवैध नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन चेक करते हुए, अविलंब कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिले के सभी प्रखंडों में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने हेतु हर संभव प्रयास करने का निर्देश सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक को दिया। डॉ.जावेद ने टीबी के क्षेत्र में जिला कि स्थिति के बारे मे जानकारी दी तथा प्रखण्ड वार नए मरीजों की खोज से लेकर पूर्ण इलाज तथा पोषण उपलब्ध कराने की दिशा मे उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। वही, डॉ.यादव द्वारा जिले मे कालाजार, मलरिया, डेंगू, फाइलेरिया के अलावे एईएस तथा जेई की स्थिति पर विस्तृत जानकारी दी गई। जिला पदाधिकारी के द्वारा सुप्पी एवं सुरसंड को छोड़ बाकी सभी प्रखंड के प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक के वेतन पर रोक लगाया गया।

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