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सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना के निर्माण के उपरांत भुगतान संबंधी कार्य का निष्पादन सरकारी दिशा-निर्देश एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप हो- जिलाधिकारी

अवैध निकासी करने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने 04 सदस्यों की विशेष टीम गठित करते हुए वित्तीय प्रावधान एवं प्रक्रिया के अनुरूप भुगतान की सूक्ष्मता से जांच करने का दिया निर्देश

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०३ मार्च

सरकारी विद्यालयों में आधारभूत संरचना के निर्माण के उपरांत भुगतान संबंधी कार्य का निष्पादन सरकारी दिशानिर्देश एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप हो, इसके लिए विभिन्न स्तरों से प्राप्त शिकायतों को पूरी पारदर्शिता एवं जबावदेही सुनिश्चित करने हेतु जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन द्वारा विशेष टीम का गठन कर जांच की कार्रवाई सतत् एवं प्रभावी रूप से की गई है। उल्लेखनीय है कि जिला स्तर पर दिशा की बैठक में सरकारी विद्यालयों में आधारभूत सुविधा के निर्माण पर हुए भुगतान में अनियमितता की शिकायत की गई तथा प्रधानाध्यापक के फर्जी हस्ताक्षर से राशि की अवैध निकासी करने के बारे मे भी जिलाधिकारी को अवगत कराया गया। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने 04 सदस्यों की विशेष टीम गठित करते हुए  वित्तीय प्रावधान एवं प्रक्रिया के अनुरूप भुगतान की सूक्ष्मता से जांच करने का निर्देश दिया। जांच कमिटि में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, निदेशक, डीआरडीए संजय कुमार, वरीय कोषागार पदाधिकारी, विनोद कुमार तिवारी, वरीय उप-समाहर्ता जुली कुमारी शामिल हैं। इन अधिकारियों को सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्य से शिकायत पत्र एवं हस्ताक्षर का नमूना प्राप्त करने का निर्देश दिया गया ताकि प्रधानाचार्य के शिकायत तथा मूल हस्ताक्षर के नमूना का मिलान कोषागार से प्राप्त विपत्र पर अंकित हस्ताक्षर से किया जा सके। कमिटि के समक्ष 03 मार्च को कुल 07 सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित हुए तथा विद्यालय के भुगतान से संबंधित आवश्यक पत्र एवं हस्ताक्षर का नमूना प्रस्तुत किया। उनमें से कुछ प्रधानाचार्य ने अनुरोध किया है कि उनका नाम सार्वजनिक नहीं किया जाए। इसके कारण उन विद्यालय के प्रधानाचार्य का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। वैसे प्रधानाचार्य जिन्हें लगता है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग कर अवैध राशि की निकासी की गई है वैसे शेष बचे प्रधानाध्यापक के लिए जिलाधिकारी ने 10 मार्च को अंतिम मौका दिया है, जिसमें वे उपस्थित होकर अपनी शिकायत एवं हस्ताक्षर का नमूना कमिटि के समक्ष दे सकते हैं। कमिटि के सदस्यगण उनकी शिकायत एवं हस्ताक्षर के नमूने का सूक्ष्म परीक्षण करते हुए जांच करेंगे। इसके लिए कोषागार से संबंधित विद्यालय का अभिश्रव प्राप्त कर उस पर अंकित प्रधानाचार्य के मूल हस्ताक्षर से मिलान किया जाएगा। कमिटि द्वारा कोषागार से प्राप्त विपत्र पर  प्रधानाचार्य के अंकित हस्ताक्षर से    उनके द्वारा प्राप्त हस्ताक्षर के नमूना से मिलान किया जाएगा। विभागीय प्रावधान एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप विद्यालयों में कार्य का संपादन एवं भुगतान का कार्य हुआ है कि नहीं। अगर कमिटि द्वारा जांच में उक्त बिन्दुओं पर प्रधानाचार्य के फर्जी हस्ताक्षर से राशि की अवैध निकासी सत्यापित होती हैं तो फोरेंसिक जांच की अनुशंसा की जाएगी साथ ही प्राथमिकी भी दर्ज कराया जाएगा। जिला पदाधिकारी श्री सेन ने शिक्षा विभाग के जिला स्तर से लेकर प्रखण्ड स्तर के अधिकारियों की नियमित समीक्षा बैठक कर तथा विशेष टीम का गठन कर सरकारी विद्यालयों में आधारभूत सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा वित्तीय प्रावधान एवं नियमों का पालन करने का लगातार निर्देश दिया गया है। वित्तीय अनुशासन एवं वित्तीय नियंत्रण हेतु जिलाधिकारी ने वित्त विभाग द्वारा निर्गत मार्गदर्शिका का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने तथा नियमानुसार भुगतान की कार्रवाई करने का निर्देश सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को दिया है।  उल्लेखनीय है कि सरकारी विद्यालयों में भौतिक सुविधा के निर्माण के भुगतान हेतु अभिश्रव का सीएफएमएस के माध्यम से आँनलाईन भुगतान की प्रक्रिया निर्धारित है। जिस पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य का हस्ताक्षर होना है। इस कार्य के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी होते हैं, जिनका हस्ताक्षर अभिश्रव पर होता है तथा उनके लॉग इन से कोषागार को विपत्र अग्रेसित भी किया जाता है। कोषागार द्वारा संबंधित विपत्र का वित्तीय प्रावधान एवं वित्तीय नियमों की सूक्ष्मता से परीक्षण करते हुए नियमानुसार विपत्र को पारित किया जाता है। इसके साथ ही महालेखाकार एवं वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर अंकेक्षण भी किया जाता है। जिलाधिकारी ने अपील की है कि किसी प्रधानाध्यापक को अगर प्रतीत होता है कि उनके हस्ताक्षर का फर्जी तरीके से उपयोग कर राशि की अवैध निकासी की गई है तो वैसे बचे हुए शेष प्रधानाध्यापक 10 मार्च को कमिटि के समक्ष उपस्थित होकर अपनी बात रख सकते हैं। इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाएगी। विदित हो कि इसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया की विडियोग्राफी भी की जा रही है।

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