बिहार मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार, भाजपा के सात विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ
नए मंत्रियों में जीवेश कुमार, संजय सरावगी, सुनील कुमार, राजू कुमार सिंह, मोती लाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल और कृष्ण कुमार मंटू शामिल

ध्रुव कुमार सिंह, पटना, बिहार
बिहार विधानसभा के बजट सत्र से ठीक दो दिन पहले बिहार में हुए मंत्रिमडल विस्तार में भाजपा कोटे के सात नए मंत्रियों ने शपथ ली है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान नें सभी नव-नियुक्त मंत्रियों को शपथ दिलाई. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नन्द किशोर यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित भाजपा और जदयू के सभी मंत्री और वरिष्ठ नेता उपस्थित थें. शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में जीवेश कुमार, संजय सरावगी, सुनील कुमार, राजू कुमार सिंह, मोती लाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल और कृष्ण कुमार मंटू शामिल हैं। इनमें से जीवेश कुमार और विजय कुमार मंडल पहले भी मंत्री रह चुके हैं। जीवेश कुमार पिछली NDA सरकार में मंत्री थे, जबकि विजय मंडल RJD सरकार में सूचना और जनसंपर्क राज्य मंत्री थे। नए मंत्रियों में जातिगत समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है। इनमें संजय सरावगी, कृष्ण मंटू और सुनील कुमार पिछड़ा वर्ग (OBC) से हैं। मोती प्रसाद और विजय मंडल अति पिछड़ा वर्ग (EBC) से हैं। जबकि राजू सिंह और जीवेश कुमार सवर्ण जाति से आते हैं। बिहार में बजट सत्र शुरू होने से पहले सभी नए मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया जाएगा. मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा ने उत्तर बिहार के कोर वोट बैंक को प्राथमिकता दी है। मंत्रिमंडल में भाजपा के दो उप-मुख्यमंत्री समेत अब कुल 21 मंत्री हैं जिनमें से15 उत्तर बिहार से और 6 दक्षिण बिहार से हैं। लगभग 13 माह बाद हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा ने यादव समुदाय को छोड़कर लगभग सभी जातियों को साधने का प्रयास किया है। पहली बार कुर्मी और कुशवाहा (कोईरी) के प्रति पार्टी नेतृत्व ने विशेष समर्पण दिखाई है। नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सभी नये मंत्रियों को बधाई दी। बिहार मंत्रिमंडल में अब कुल 36 मंत्री हैं। इनमें 11 सवर्ण जाति (पांच राजपूत, तीन भूमिहार, दो ब्राह्मण और एक कायस्थ), सात EBC (तीन मल्लाह और एक-एक कहार, तेली, नोनिया और धानुक), पांच अनुसूचित जाति (दो-दो पासवान और रविदास और एक पासी), दो महादलित (मुसहर), एक मुस्लिम और 10 OBC (चार कोइरी-कुशवाहा, तीन कुर्मी, दो वैश्य और एक यादव) शामिल हैं। इस फेरबदल को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, जो सितंबर या अक्टूबर में होने की संभावना है।