भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में “शिक्षक संवाद कार्यक्रम” आयोजित
शिक्षकों को तकनीकी रूप से समृद्ध होने की जरूरत: डॉ.ललित किशोर, सचिव

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १४ अक्टूबर
भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित “शिक्षक संवाद कार्यक्रम” में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सचिव डॉ.ललित किशोर ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों को तकनीकी रूप से समृद्ध होने की बहुत जरूरत है। शिक्षकों को मल्टीमीडिया प्रस्तुति, इंटरएक्टिव क्लास, क्विज व पीपीटी के माध्यम से शिक्षण कार्य पर फोकस करने की आवश्यकता है। बदलते दौर में डिजिटल और एआई आधारित उपकरण के माध्यम से शिक्षण कार्य किया जा सकता है। आधुनिक तकनीक शिक्षकों को प्रत्येक छात्र की जरूरत और सीखने की शैली के अनुसार सामग्री को अनुकूलित करने की अनुमति देता है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग छात्रों और शिक्षकों के बीच जुड़ाव बढ़ाने में मदद करते हैं। एजुकेशन टेक्नोलॉजी के बढ़ते उपयोग के कारण शिक्षकों के लिए यह आवश्यक है कि वर्चुअल लर्निंग और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करने के लिए आवश्यक कौशल हासिल करें। अध्यक्ष प्रो.सत्यनारायण गुप्ता ने कहा कि संस्कृति बोध और शिक्षक का संबंध गहरा है। शिक्षक छात्रों को संस्कृत की गहरी समझ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो उन्हें जिम्मेदार और सांस्कृतिक रूप से सक्षम नागरिक बनने में मदद करता है। समावेशी वातावरण बनाने के लिए शिक्षकों को सांस्कृतिक जागरूकता केंद्रित शिक्षण विधियां को अपनाने की जरूरत है। समिति के कोषाध्यक्ष अवधेश कुमार ने कहा कि शिक्षकों को डॉक्यूमेंटेशन कार्य में दक्ष होने की जरूरत है। शिक्षण की योजना बनाने और उसका मूल्यांकन करने, छात्रों की प्रगति को ट्रैक करने व छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों में पेशेवर विकास के लिए दस्तावेजीकरण कार्य काफी महत्वपूर्ण होता है। शिक्षण संवाद कार्यक्रम में डॉ.सौरभ कुमार, डॉ.सतीश चंद्र, डॉ. मिनी कुमारी, डॉ.अनामिका रानी, सरोज कुमार, हितेंद्र कुमार, शैलेंद्र मिश्र, मनोज कुमार, प्रवाल बेरा, रामजी यादव, संजय कुमार गुप्ता आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं विषय प्रवेश प्राचार्य डॉ.राकेश कुमार पाल ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ.सौरभ कुमार ने किया।




