20 दिसंबर से बदलेगा ट्रैफिक का नक्शा: मुजफ्फरपुर में जोनिंग कार्य अंतिम चरण में, डीएम की सख्त मॉनिटरिंग से तेज़ हुई शहर विकास की रफ्तार
फॉगिंग–एंटी लार्वा से लेकर लेकफ्रंट तक: मुजफ्फरपुर में व्यापक शहरी परिवर्तन की शुरुआत

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०५ दिसम्बर
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जहां एक ओर गांवों के विकास की तस्वीर बदल रही है, वहीं शहर को भी स्वच्छ, सुंदर, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में प्रशासन तेजी से काम कर रहा है। इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा नगर निकायों के कार्यों की व्यापक समीक्षा की गई। बैठक में नगर आयुक्त विक्रम वीरकर, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी तुषार कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी कुमार सत्येंद्र सहित सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी बैठक में उपस्थित रहे। निकायवार प्रगति, विभागीय मानकों का अनुपालन, आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता तथा लंबित योजनाओं के कार्यान्वयन पर डीएम ने विस्तार से चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि हर निकाय अपने क्षेत्र के सभी वार्डों में मूलभूत सुविधाओं—जैसे साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, फॉगिंग, एंटी-लार्वा, हाई मास्ट लाइट, नल का जल, आवास योजनाएँ, शहरी विकास परियोजनाएँ, कचरा प्रबंधन और लेकफ्रंट विकास को सुनिश्चित करे ताकि शहर के हर वार्ड का का हर परिवार सुरक्षित और सुगम वातावरण में जीवन जी सके। समीक्षा बैठक में डीएम ने सभी कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर वार्ड में अलग-अलग सफाई टीम गठित कर जिम्मेदारियों को तय किया जाए तथा प्रतिदिन मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट और हाई मास्ट लाइट का नियमित निरीक्षण हो तथा खराब लाइटों की मरम्मत तुरंत की जाए, ताकि रात में कोई क्षेत्र अंधेरे में न रहे। जिलाधिकारी ने फॉगिंग और एंटी-लार्वा गतिविधियों को अभियान के रूप में जारी रखने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने बताया कि मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए यह कार्य अत्यंत आवश्यक है। डीएम ने कहा कि फॉगिंग और एंटी लार्वा दोनों मिलकर शहर को मच्छर-मुक्त बनाने में निर्णायक भूमिका निभायेगा। मुजफ्फरपुर शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव, ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा की अव्यवस्थित पार्किंग तथा बीच सड़क पर रुकने की समस्या को दूर करने हेतु डीएम श्री सेन एवं वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने संयुक्त आदेश जारी कर एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। इस कमिटी की अध्यक्षता नगर आयुक्त कर रहे हैं। कमिटी के प्रमुख सदस्यों में नगर पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी), पुलिस उपाधीक्षक (यातायात), अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (शहरी 1 और शहरी 2) होंगें. कमिटी का प्रमुख दायित्व शहर में ई-रिक्शा व ऑटो रिक्शा के रूट का निर्धारण, कलर कोडिंग के आधार पर रूटों को व्यवस्थित करना, वेंडिंग जोन को चिन्हित कर पहचान पत्र जारी करना, पिक एंड ड्रॉप के लिए 20 चयनित स्थानों को सक्रिय करना है.बैठक में बताया गया कि 20 दिसंबर तक जोनिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा और सभी रूटों को फंक्शनल कर दिया जाएगा। इससे प्रमुख चौक-चौराहे—कल्याणी, चंदवारा, सरैयागंज, मिठनपुरा, मोतीझील—पर अनियंत्रित पार्किंग और जाम की समस्या से राहत मिलेगी। नए ट्रैफिक प्लान से होने वाले लाभ में ऑटो व ई-रिक्शा निर्धारित स्थानों पर ही रुकेंगे, दुकानों के सामने अवरोध कम होंगे, मुख्य बाजारों में पैदल यात्रियों को राहत, सड़क की प्रभावी चौड़ाई बढ़ेगी, एंबुलेंस जैसी आपात सेवाएँ सुचारु रूप से चल सकेंगी, अवैध ठेलों और अनियमित पार्किंग पर नियंत्रण होगा. डीएम ने एसडीएम और जिला परिवहन पदाधिकारी को प्रतिदिन बैठक कर निर्णयों को तेजी से लागू करने का निर्देश दिया। बैठक में अधिकारियों को अवगत कराया गया कि सिकंदरपुर लेकफ्रंट के लिए 9 दिसंबर को प्री-बिड मीटिंग आयोजित की जाएगी। लेकफ्रंट को आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रमुख पर्यटन और मनोरंजन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जिलाधिकारी ने सभी कार्यपालक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने निकाय क्षेत्र के हर वार्ड में लोगों की मूलभूत सुविधाओं को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति या परिवार को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, यह प्रशासन की जिम्मेदारी है। उन्होंने वार्ड वार ली गई योजनाएं,उनकी प्रशासनिक स्वीकृति, कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी कार्यपालक प्राधिकारी को जिला योजना पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर गुणवत्ता पूर्ण एवं समयबद्ध कार्य सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। जिला जनसम्पर्क अधिकारी प्रमोद कुमार नें फॉगिंग से मिलने वाले प्रमुख लाभ के बारे में बताया की इससे वयस्क मच्छरों का त्वरित नाश, डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा कम, घरों व कॉलोनियों में मच्छरों का हमला कम, लोगों को राहत एवं सुरक्षित वातावरण मिलेगा. वहीँ एंटी-लार्वा उपचार के लाभ के बारे में कहा की इससे मच्छरों के जन्म को शुरुआत में ही रोकना, लार्वा के बढ़ने और प्रजनन पर रोक, दीर्घकालिक और स्थायी नियंत्रण, घर-घर जाकर पानी के कंटेनरों की जांच एवं उपचार होगा. जिला जनसम्पर्क अधिकारी नें बताया की मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन द्वारा चल रहा यह व्यापक अभियान—मूलभूत सुविधाओं का विस्तार, स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए फॉगिंग-एंटी लार्वा, यातायात प्रणाली का पुनर्गठन, वार्डवार सफाई व्यवस्था, तथा सिकंदरपुर लेकफ्रंट विकास—शहर को एक आधुनिक, स्वच्छ, स्वस्थ और सुव्यवस्थित नगर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। 20 दिसंबर तक जोनिंग योजना पूरी होने के बाद मुजफ्फरपुर की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। प्रशासनिक प्रतिबद्धता और निरंतर निगरानी से शहर के नागरिकों को आने वाले दिनों में बेहतर सुविधाओं का लाभ मिलेगा।




