सड़क अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई: अघोरिया बाजार से चांदनी चौक तक 105 अवैध संरचनाएँ ध्वस्त, जाम-मुक्त मुजफ्फरपुर की तैयारी: ई-रिक्शा रूट निर्धारण व वेंडिंग जोन के लिए उच्च स्तरीय कमिटी गठित
यातायात अनुशासन सख्त: 155 वाहनों की जांच, ₹62,500 का जुर्माना; 12 माह में 521 वाहन चालक से ₹13,53,509 जुर्माना की हुई वसुली

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २५ नवम्बर
मुजफ्फरपुर के शहरी क्षेत्र में सड़कों पर बढ़ते अतिक्रमण, अवैध दुकान विस्तार तथा अवैध अस्थायी संरचनाओं के कारण आमजन को लगातार परेशानी एवं जाम की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर शहर में अतिक्रमण हटाओ तथा वाहन चेकिंग का विशेष अभियान चलाया गया। यह अभियान जिलाधिकारी श्री सेन के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी) तुषार कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष टीम द्वारा अघोरिया बाजार, बैरिया एवं चांदनी चौक क्षेत्र में संचालित किया गया। अभियान के दौरान टीम ने सड़क के किनारे बनाये गये अवैध अतिक्रमणों को चिह्नित कर तत्काल हटाया और दुकानदारों तथा वाहन चालकों पर कार्रवाई भी की। अभियान के दौरान पाया गया कि अघोरिया बाजार में अधिकांश दुकानदारों ने अपनी दुकानों के सामने अवैध रूप से शेड, डिस्प्ले स्टैंड, ठेले–खोंचे और अस्थायी संरचनाएं खड़ी कर रखी थीं, जिससे सड़क संकरी हो गई थी और ट्रैफिक आवागमन गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा था जिसे हटाया गया। प्रशासनिक निर्देश के बाद की गई कार्रवाई में अघोरिया बाजार में 60 अवैध संरचनाएँ हटाई गईं। बैरिया से चांदनी चौक के बीच 45 अस्थायी संरचनाओं को हटाया गया साथ ही दुकानदारों को चेतावनी दी गई कि पुनः अवैध अतिक्रमण पाया गया तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी के निर्देश पर वाहन चेकिंग का भी विशेष अभियान चलाया गया। इस दौरान कुल 155 वाहनों की जांच की गई। मोटर वाहन अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए ₹62,500 का जुर्माना वसूला गया। जिलाधिकारी ने कहा कि सड़कें आम जनमानस के सुगम , सुचारू और सुरक्षित आवागमन के लिए बनाई जाती हैं, इसलिए उस पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, इससे जाम की समस्या पैदा होती है और आम लोगों को आवाजाही में कठिनाई होती है। जिलाधिकारी ने जिला परिवहन पदाधिकारी (DTO) को निर्देश दिया कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु शहरी क्षेत्रों में लगातार सघन वाहन जांच जारी रखें। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन सड़क दुर्घटनाओं की मुख्य वजह है। इस संबंध में जिला परिवहन पदाधिकारी कुमार सत्येंद्र ने कहा कि विगत 12 महीनों में 8419 वाहनों की जांच की गई। इसमें 521 वाहन चालक बिना हेलमेट के पकड़े गए। जिससे कुल ₹13,53,509 का जुर्माना मोटर वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत वसूला गया। इस संबंध में जिलाधिकारी ने बताया कि आगे भी इसी तरह कठोर अभियान चलाते हुए सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। जिलाधिकारी श्री सेन ने आम लोगों और वाहन चालकों को जागरूक करते हुए कहा की वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। सेल्फी लेना या वीडियो बनाना दुर्घटना का आम कारण बनता है, इससे बचें। दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट तथा चारपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य है। ओवर स्पीड और ओवरलोडिंग किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन शून्य सहनशीलता की नीति पर कार्य कर रहा है। मुजफ्फरपुर शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव, ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा की अव्यवस्थित पार्किंग तथा रुक-रुक कर चलने की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी श्री और वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने संयुक्त आदेश जारी कर एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है। कमिटी की अध्यक्षता नगर आयुक्त करेंगे और सदस्य के रूप में नगर पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी), पुलिस उपाधीक्षक (यातायात) एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (शहरी वन एवं शहरी टू) है. कमिटी को निर्देश दिया गया है कि शहरी क्षेत्र में जाम की समस्या के समाधान हेतु ई–रिक्शा एवं ऑटो रिक्शा के रूट निर्धारण पर कार्य करें। आवश्यकतानुसार वेंडिंग जोन तय करें ताकि सड़क पर अनावश्यक ठहराव न हो। रूटों को कलर कोडिंग के आधार पर व्यवस्थित करें। हर सप्ताह समीक्षा कर अद्यतन रिपोर्ट जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अतिक्रमण हटाओ/ वाहन जांच अभियान निरंतर जारी रहेगा। दोषियों को चिह्नित कर उन पर विधिसम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस मिलकर आम जनता को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगे। विदित हो कि शहर के अधिकांश चौक-चौराहों, कल्याणी,चंदवारा, सरैयागंज, मिठनपुरा, मोतीझील आदि में ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा मनमाने ढंग से बीच सड़क पर रुक जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने ई–रिक्शा एवं ऑटो रिक्शा के लिए निर्धारित स्थानों पर ही ठहराव की अनुमति देने तथा उनका रूट तय करने का निर्णय लिया है। जिला जनसम्पर्क अधिकारी प्रमोद कुमार नें बताया की अतिक्रमण हटाने और अवैध ठेलों को व्यवस्थित करने के बाद इन मुख्य बाजारों में पैदल यात्रियों को आराम मिलेगा, वाहन चालकों को जाम से राहत, दुकानों के सामने अवरोध कम होंगे, सड़क की चौड़ाई बढ़ेगी, आपातकालीन सेवाएँ सुचारु रूप से चल सकेंगी. श्री कुमार नें कहा की मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन द्वारा चलाया गया यह अतिक्रमण मुक्ति एवं वाहन जांच अभियान न केवल शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह आम लोगों की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान से भी जुड़ा है। प्रशासन ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सड़कें सार्वजनिक संपत्ति हैं और इन्हें कब्जे से मुक्त रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। आगे कमिटी के सक्रिय होने पर शहर के ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा संचालन और वेंडिंग जोन की व्यवस्था और भी व्यवस्थित होगी, जिससे जाम और अतिक्रमण की समस्या में काफी सुधार की उम्मीद है।




