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जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने सेक्टर पदाधिकारियों की संयुक्त ब्रीफिंग के दौरान निष्पक्षता और जवाबदेही पर दिया विशेष बल

मॉक ड्रिल: चुनावी पारदर्शिता का आधार, 17C प्रपत्र: वास्तविक मतदान का आधिकारिक रिकॉर्ड

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ११ अक्टूबर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों को लेकर मुजफ्फरपुर में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों द्वारा लगातार समीक्षा एवं ब्रीफिंग का दौर जारी है। इसी क्रम में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवं वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार द्वारा सेक्टर पदाधिकारी एवं सेक्टर पुलिस पदाधिकारियों की संयुक्त ब्रीफिंग बी.आर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में आयोजित की गई। कार्यक्रम में जिले के सभी सेक्टर अधिकारी, सेक्टर पुलिस अधिकारी, निर्वाची पदाधिकारी, और संबंधित कोषांगों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। ब्रीफिंग के दौरान जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सेक्टर पदाधिकारी चुनावी प्रक्रिया की रीढ़ हैं। इनकी भूमिका न केवल प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने में भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। जिलाधिकारी श्री सेन ने कहा कि सेक्टर पदाधिकारी अपने सेक्टर के अंतर्गत आने वाले सभी 10-12 मतदान केंद्रों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं। उनका दायित्व यह सुनिश्चित करना है कि मतदान से पूर्व, मतदान के दौरान, और मतदान की समाप्ति के बाद सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ निर्वाचन आयोग के मानक के अनुरूप रहें। उन्होंने निर्देश दिया कि सेक्टर अधिकारी समय-समय पर अपने क्षेत्र के सभी बूथों का भौतिक सत्यापन करें, मतदान केंद्रों पर बिजली, रैम्प, पीने के पानी, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था आदि की स्थिति की निगरानी रखें, तथा किसी प्रकार की समस्या हो तो तत्काल निर्वाची पदाधिकारी को सूचित करें। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सेक्टर पुलिस पदाधिकारी की भूमिका सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। उन्हें अपने क्षेत्र के संवेदनशील एवं अति संवेदनशील बूथों की पहचान करनी होगी, और उसके अनुसार सुरक्षा बलों की संतुलित तैनाती सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने कहा कि मतदान के दिन सेक्टर पुलिस पदाधिकारी का यह दायित्व होगा कि वे कानून व्यवस्था की स्थिति पर सतत निगरानी रखें और किसी भी प्रकार की अफवाह या अप्रिय घटना पर तुरंत कार्रवाई करें। एसएसपी ने निर्देश दिया कि सभी सेक्टर पुलिस अधिकारी नियंत्रण कक्ष से निरंतर संपर्क में रहें। जिलाधिकारी श्री सेन ने अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान आप सभी न केवल निष्पक्ष रहे बल्कि अपने व्यवहार से निष्पक्ष दिखें। उन्होंने कहा की हमारा हर कदम मतदाताओं के विश्वास को मजबूत करने वाला होना चाहिए। चुनावी कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, पक्षपात या अनुशासनहीनता को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्वाचन आयोग के Model Code of Conduct (आचार संहिता) के अनुपालन का सख्त निर्देश दिया।  ब्रीफिंग में निर्देश दिया गया की प्रत्येक सेक्टर पदाधिकारी अपने सेक्टर के मतदान केंद्रों का ड्राई रन निरीक्षण करें। मतदान सामग्री के वितरण और डिस्पैच की पूर्व तैयारी रखें। मतदान के दिन प्रत्येक सेक्टर में रियल-टाइम रिपोर्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित हो। सेक्टर पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र में भेद्यता मानचित्रण करें तथा मतदाता स्वतंत्र निष्पक्ष एवं भय रहित होकर मतदान करें, इसे सुनिश्चित करना है। मतदान कर्मियों को समय पर बूथ तक पहुँचाने और सुरक्षित वापसी की जिम्मेदारी साझा रूप से निभाएँ। किसी भी असामान्य गतिविधि या विवाद की सूचना तुरन्त नियंत्रण कक्ष को दें। कार्यक्रम के प्रारंभ में अवर निर्वाचन पदाधिकारी (पूर्वी एवं पश्चिमी) ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा जारी हैंडबुक फॉर सेक्टर ऑफिसर्स का अध्ययन सभी अधिकारियों के लिए अनिवार्य है। इसके माध्यम से वे अपने कार्य और अधिकारों की स्पष्ट समझ विकसित कर सकेंगे। उन्होंने सेक्टर अधिकारियों को बताया कि उन्हें अपने क्षेत्र में संपर्क सूत्र की तरह कार्य करना होगा और मतदान दल, निर्वाची पदाधिकारी, और नियंत्रण कक्ष के बीच सुचारु संचार बनाये रखना होगा। कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन आगामी विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को यह जिम्मेदारी न केवल प्रशासनिक कर्तव्य के रूप में बल्कि लोकतंत्र के प्रति अपने दायित्व के रूप में निभानी होगी। संयुक्त ब्रीफिंग के माध्यम से प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान मुजफ्फरपुर जिले में किसी भी स्तर पर ढिलाई या पक्षपात की कोई गुंजाइश नहीं होगी। सेक्टर पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में मुख्य नियंत्रण इकाई की भूमिका निभाते हुए पूरी पारदर्शिता, समन्वय और सतर्कता से कार्य करना होगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य मतदान मशीनों की पूर्ण कार्यक्षमता की जांच करना तथा मतदान कर्मियों को मशीन संचालन की व्यावहारिक जानकारी देना है। मॉक ड्रिल  प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतों का परीक्षण हेतु मतदान कराया जाता है। इसमें सभी उम्मीदवारों के नाम पर वोट डालकर यह देखा जाता है कि वीवीपैट स्लिप और कंट्रोल यूनिट में दर्ज परिणाम मेल खाते हैं या नहीं। मॉक ड्रिल की प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है। 17C प्रपत्र मतदान केंद्र पर हुए वास्तविक मतदान का आधिकारिक रिकॉर्ड होता है, जिसमें कुल डाले गए मतों की संख्या, मॉक पोल की जानकारी, सील नंबर और संबंधित विवरण शामिल रहता है। मतदान समाप्ति के बाद यह प्रपत्र निर्वाचन अधिकारी को सीलबंद लिफाफे में सौंपा जाता है। जिलाधिकारी ने सभी प्रिजाइडिंग ऑफिसर को निर्देश दिया है कि मॉक ड्रिल की प्रत्येक प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से हो तथा 17सी प्रपत्र को सही-सही भरना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता का आधार है। किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित कर्मियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

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