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“विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के अवसर पर विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक और “भाषण प्रतियोगिता” आयोजित

रोजमर्रा की जिंदगी में भी हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए- प्रो.रजनीश कुमार गुप्ता

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १० अक्टूबर

“विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस” के अवसर पर विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए एक नुक्कड़ नाटक थीम- “मानसिक स्वास्थ्य-अपने, अपनों एवं समाज की उन्नति का आधार” का आयोजन किया गया साथ ही, छात्रों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में “भाषण प्रतियोगिता” भी आयोजित किया गया, जिसमें पीजी सेकेंड सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। नुक्कड़ नाटक में बेहतर अभिनय के लिए निर्णायक मंडल की ओर से रौशन परवीन, अंतरा कुमारी और प्रिया कुमारी को कार्यक्रम समन्वयक डॉ.विकास कुमार द्वारा लिखित पुस्तक पुरस्कार स्वरूप दिया गया साथ ही, भाषण प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार अंतरा कुमारी, द्वितीय पुरस्कार श्रुति कुमारी और तृतीय पुरस्कार अश्मिता कुमारी को दिया गया। विभागाध्यक्ष प्रो.रजनीश कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025के थीम-Access to Services: Mental Health in Catastrophes & Emergencies (सेवाओं तक पहुंच: आपदाओं और आपात परिस्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य) प्रकाश डालते हुए बताया कि मुश्किल हालातों में भी मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच कितनी जरूरी है, लेकिन सिर्फ मुश्किल समय या जब कोई बड़ी आपदा, प्राकृतिक दुर्घटना या सामाजिक संकट आता है तो उसका असर सिर्फ शरीर पर ही बल्कि मन और मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी में भी हमें अपने मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए। विभागाध्यक्ष प्रो.गुप्ता नें कहा की मानसिक स्वास्थ्य के 5 ‘सी’: क्षमता, आत्मविश्वास, चरित्र, जुड़ाव और देखभाल है। ज़्यादातर लोगों को किसी न किसी समय अपने मानसिक स्वास्थ्य से जूझना पड़ा है। जब ऐसा लगता है कि कुछ भी काम नहीं कर रहा है, तो यह चुनौतीपूर्ण और निराशाजनक हो सकता है – चाहे आप कुछ भी करें, आप फिर भी उदास, निराश या चिंतित महसूस करते हैं। प्रो.आभा रानी ने भारतीय ज्ञान परंपरा के परिप्रेक्ष्य में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया। मौके पर डॉ.तुलिका सिंह, डॉ.सुनीता कुमारी, डॉ.किरण कुमारी, डॉ.ऋतु कुमारी,  रिसर्च स्कॉलर दीपक मिश्रा, कुंदन, सौरभ कुमार, शाहीन खातून, आशा, खदिजा खातुन, मुस्कान, आदित्य, आदि उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ.सुनीता कुमारी ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ.ऋतु कुमारी ने किया।

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