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धर्म अच्छी बातों को अपनाना और उसके अनुसार ही आचरण करना है- राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल, केरल

जिस आचरण से दुनिया भी सुधर जाए और करने के बाद कल्याण हो वही धर्म है- आरिफ मोहम्मद खां, राज्यपाल, बिहार

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १८ सितम्बर

श्रीकृष्ण जुबली विधि महाविद्यालय में एलएलएम विभाग के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा की धर्म अच्छी बातों को अपनाना और उसके अनुसार ही आचरण करना है। केरल के राज्यपाल ने कहा कि विधि और निषेध को ही हमारी संस्कृति में धर्म कहा गया है। धर्म का अर्थ है अच्छी बातों को अपनाना और उसके अनुसार ही आचरण करना। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के सूत्र वाक्य का अर्थ बताते हुए कहा कि यतो धर्मस्ततो जयः। यानी सत्य और धर्म की हमेशा ही विजय होती है। जब सुप्रीम कोर्ट इस बात में विश्वास रखता है तो हमें धर्म का गलत अर्थ नहीं निकलना चाहिए। धर्म का अर्थ मजहब कभी भी नहीं है। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां नें अपनें संबोधन में कहा की जिस आचरण से दुनिया भी सुधर जाए और करने के बाद कल्याण हो वही धर्म है। बिहार के राज्यपाल ने कहा कि भारत की संस्कृति ज्ञान की संस्कृति है। धर्म की व्याख्या को बताते हुए उन्होंने कहा कि जिस आचरण से दुनिया भी सुधर जाए और करने के बाद कल्याण भी हो वही धर्म है। उन्होंने कानून की पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपनी शक्ति का इस्तेमाल समाज में वंचितों को न्याय दिलाने में करेंगे। उन्होंने कहा कि देश के युवा उच्च शिक्षा हासिल कर केवल अपने बारे में नहीं सोचें बल्कि देश के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करें। इस अवसर पर सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि एलएलएम कोर्स शुरू किए जाने का प्रस्ताव 15 वर्षों से अटका था लेकिन बिहार के पूर्व राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने 15 दिनों में ही इस कोर्स को मान्यता प्रदान कर दी थी। उन्होंने इसके लिए पूर्व राज्यपाल के प्रति कृतज्ञता जाहिर की।इस अवसर पर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र राय ने कहा कि विधि के विद्यार्थियों का यह दायित्व है कि वह अपने ज्ञान से समाज को लाभान्वित करें और न्याय स्थापित करें। कार्यक्रम में महाविद्यालय की सचिव और अध्यक्ष ने भी विचार रखे। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, सीनेट और सिंडिकेट के सदस्य, विभिन्न दलों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित और छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए। कार्यक्रम के पश्चात् बीआरए बिहार विश्वविद्यालय संयुक्त छात्र संगठन के छात्र नेताओं ने बिहार के राज्यपाल सह  कुलाधिपति से मुलाकात कर विश्वविद्यालय में फैली अराजकता से अवगत कराया। छात्र नेताओं नें कुलाधिपति से कहा की कुलपति यूपी से आकर बिहार के युवाओं का भविष्य खाना चाहते है वैसा हम बिहारी युवा होने नहीं देंगे, इनको यहां से यूपी खदेड़ के भगाने का काम करेंगे,  कुलाधिपति ने छात्र नेताओं से विस्तृत वार्ता हेतु राजभवन आने की बात कही। जबकि छात्र जेडीयू जिलाध्यक्ष अभिषेक कुमार गुप्ता ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिसमें विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में फैली अराजकता को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही गयी. ज्ञापन में पैट का प्रश्न पत्र जहां से लीक हुआ, उसमें शामिल पदाधिकारियों को परीक्षा से हमेशा के लिए हटाने, पेपर लीक में शामिल सभी पदाधिकारियों और अधिकारियों पर उच्च स्तरीय जांच कर कार्रवाई करने, बिहार सरकार द्वारा आदेशित एससी और एसटी सहित सभी वर्ग की महिलाओं के लिये मुफ्त शिक्षा को बिहार विश्वविद्यालय में तुरंत लागू करने, पीजी सत्र 2023-25 के परिणामों में हुए भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराने, विश्वविद्यालय के सभी मुख्य द्वार खुलवाने, कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, डिग्री और मार्कशीट निर्गत करने की समय-सीमा तय करने, दो अवैध रूप से नियुक्त डिप्टी कंट्रोलर को हटाने व अराजकता और शिक्षण कार्य में असमर्थता को देखते हुये कुलपति को तत्काल प्रभाव से निष्कासित करने की मांग की गयी. मुजफ्फरपुर में बिहार और केरल के राज्यपाल के आगमन पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवम् वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार द्वारा विधि व्यवस्था व सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया गया और श्रीकृष्ण जुबली विधि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम को शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराया गया।

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