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बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पैट) का प्रश्नपत्र हुआ सोशल मीडिया पर वायरल, एक छात्र गिरफ्तार

प्रश्न पत्र वायरल होने के बाद बीआरएबीयू ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पैट) किया रद्द

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १४ सितम्बर

बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पैट) का प्रश्न पत्र लीक हो गया। लंगट सिंह महाविद्यालय स्थित परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में एक परीक्षार्थी को पकड़ा गया जिसके बाद दोनों पालियों की परीक्षा रद्द कर दी गई। कुलपति प्रो.दिनेश चन्द्र राय के नेतृत्व में अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया। प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था जिसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई की। प्रश्न पत्र लीक करने वाले परीक्षार्थी को विश्वविद्यालय की टीम ने पकड़नें के बाद परीक्षा से निष्कासित कर दिया। गौरतलब है की मोबाइल से खींची गई प्रश्न पत्र की तस्वीर इंटरनेट से प्रसारित हुई थी. इसकी सूचना जब विश्वविद्यालय प्रशासन को मिली तो जांच के बाद प्रश्न पत्र लीक करने वाले परीक्षार्थी की पहचान की गई। वहीं वीक्षक की ओर से लिखित आवेदन के आधार पर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए विश्वविद्यालय थाना में आवेदन दिया गया है। विश्वविद्यालय के कुलानुशासक सह पैट के नोडल अधिकारी प्रो.बीएस राय ने बताया कि पैट की परीक्षा को रद कर दिया गया है साथ ही इस परीक्षा को यथाशीघ्र कराने का भी निर्णय लिया गया। लंगट सिंह महाविद्यालय के केंद्राधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर प्रश्नपत्र प्रसारित करने में संलिप्त सभी सबंधितों पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जांच कराते हुए कार्रवाई होगी। बताया गया कि 11 बजे एलएस कालेज केंद्र पर पैट की पहली पाली की परीक्षा शुरू हुई। आर्ट्स ब्लाक के कमरा संख्या 37 में परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद परीक्षार्थी अभिषेक कुमार ने प्रश्नपत्र को खिड़की के बाहर खड़े अपनें साथी को दे दिया। दस मिनट बाद वापस परीक्षार्थी को प्रश्नपत्र वापस मिल गया। इस बीच मोबाइल से प्रश्नपत्र की तस्वीर खींचकर उसे इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया गया और देखते ही देखते वायरल प्रश्न पत्र इंटरनेट मीडिया पर कई ग्रुप में तेजी से प्रसारित होने लगा। इसकी जानकारी मिलते हीं कुलपति, कुलानुशासक समेत विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी मामले की जांच में लग गए। कुलपति प्रो.राय ने बताया कि पेपर लीक होने की सूचना पर वे तुरंत लंगट सिंह महाविद्यालय स्थित परीक्षा केंद्र पहुंचे। चूँकि लीक प्रश्नपत्र में परीक्षार्थी का क्रमांक भी था उसके आधार पर  विश्वविद्यालय ने अपने रिकार्ड, रालशीट और सीटिंग अरैंजमेंट से परीक्षार्थी की पहचान की। इसके बाद सभी परीक्षा समाप्त होने की प्रतीक्षा करने लगे। दूसरी पाली की परीक्षा जब डेढ़ बजे शुरू हुई तो अधिकारियों ने परीक्षार्थी को सीट पर ही दबोच लिया। पूछताछ में दोषी छात्र ने बताया कि उसने खिड़की से प्रश्नपत्र अपने मित्र को दे दिया था, जो 10 मिनट के बाद उसे फिर वापस मिल गया। इसकी सूचना जिला प्रशासन को देते हुए कुलपति ने जिला प्रशासन और पुलिस के वरीय अधिकारियों से बातचीत की है। विश्वविद्यालय सूत्रों नें बताया की पैट की परीक्षा का प्रश्नपत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करने में बड़ा नेटवर्क कार्य कर रहा है। इसमें केंद्र के वीक्षकों से लेकर अन्य की भी संलिप्तता सामने आ सकती है। दूसरी ओर परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों पर कई संदिग्ध को घूमते हुए देखा गया था। इसमें विश्वविद्यालय और परीक्षा केंद्र  से जुड़े कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस से मामले की तह तक जाने का अनुरोध किया है। वहीँ दूसरी ओर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक का पुतला दहन कर उनसे इस्तीफे की मांग की और आरोप लगाया कि परीक्षा नियंत्रक की लापरवाही व भ्रष्टाचार के कारण ही पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पैट) का प्रश्न-पत्र लीक हुआ है. विश्वविद्यालय दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुशील सिंह ने कहा कि तीन दिन पहले ही एक प्रतिनिधिमंडल कुलपति व प्रॉक्टर से मिला था और निष्पक्ष परीक्षा कराने की मांग की थी. इसके बावजूद परीक्षा नियंत्रक की वजह से पेपर लीक हो गया, इसलिए उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये. अब देखने वाली बात होगी की निष्पक्ष और कदाचार-मुक्त परीक्षा के आयोजन करनें सम्बन्धी बड़े-बड़े दावें करनें वाले अधिकारी और विश्वविद्यालय प्रशासन इन सवालों का जबाब परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों को दे पायेगा की परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों जैमर की व्यवस्था क्यों नहीं थी, जिससे मोबाइल फोन का इस्तेमाल रोका जा सके ? परीक्षा कक्ष  सहित पुरे केंद्र पर सीसीटीवी क्यों नहीं कार्यरत था??? परीक्षा के दौरान पर्याप्त प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था का अभाव क्यों था, जिससे पेपर लीक जैसी घटना हुई, पैट जैसे महत्वपूर्ण परीक्षा का फेसबुक व व्हाट्सएप पर प्रश्न-पत्र कैसे वायरल हो गया?? लंगट सिंह महाविद्यालय स्थित परीक्षा केंद्र के अतिरिक्त अन्य केन्द्रों पर भी गड़बड़ी नहीं हुई होगी इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा??? इसकी क्या गारंटी है की दुसरे पाली का प्रश्न-पत्र लीक नहीं हुआ है ??? इसके साथ हीं भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन अब क्या-क्या निर्णय लेगा यह भी देखनें वाली बात होगी.

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