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महिला शिल्प कला भवन महाविद्यालय में चल रहे पांच दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम के अंतर्गत ‘महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता’ विषय पर जागरूकता व्याख्यान आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ११ अगस्त

महिला शिल्प कला भवन महाविद्यालय में चल रहे पांच दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम के अंतर्गत ‘महिला स्वास्थ्य एवं स्वच्छता’ विषय पर एक जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया। मनोविज्ञान एवं गृहविज्ञान की छात्राओं के लिए आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की संस्थापिका स्व.शांता देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ किया गया। बिहार विश्वविद्यालय के कुल-गीत की मधुर एवं भावपूर्ण प्रस्तुति से हुई, तत्पश्चात प्राचार्य डॉ.राकेश कुमार सिंह, मुख्य अतिथि सह उप-महापौर डॉ.मोनालिसा, उर्दू एवं फारसी विभागाध्यक्ष  प्रो.मो.रईस,  परीक्षा नियंत्रक सह मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.लक्ष्मी रानी, डॉ.इन्दू भूषण पांडे, प्रो.रमाकांत सिंह, बर्सर ममता वर्मा ने संयुक्त रूप से माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। इसके बाद नव प्रवेशित छात्राओं का तिलक लगाकर स्वागत हुआ व अतिथियों का स्वागत शाल, पौधा व पेंटिंग देकर किया गया। प्रेरणादायक स्वागत भाषण एवं महाविद्यालय का गौरवमयी इतिहास प्रो.लक्ष्मी रानी द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता सह मुज़फ्फरपुर की उप-महापौर डॉ.मोनालिसा नें अपनें व्याख्यान में उन्होंने छात्राओं को व्यक्तिगत स्वच्छता, मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन तथा संतुलित आहार के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने स्वच्छता को दैनिक जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाने और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी। अन्य वक्ताओं में सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. इन्दु भूषण पांडे ने मनोविज्ञान विषय के क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार के विविध अवसरों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मनोविज्ञान के अध्ययन से न केवल व्यक्ति स्वयं को बेहतर समझ सकता है, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन भी ला सकता है। वहीं प्रो.डॉ.रामाकांत सिंह ने  भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के समय में सफलता के लिए केवल बौद्धिक क्षमता ही नहीं, बल्कि भावनाओं को समझने और नियंत्रित करने की क्षमता भी अत्यंत आवश्यक है। अपनें अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य डॉ.राकेश कुमार सिंह ने छात्राओं को महाविद्यालय की गौरवशाली परंपरा एवं मूल्यों से अवगत कराते हुए उन्हें एकाग्रता, अनुशासन तथा सामाजिक दायित्व निभाने का संदेश दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि महाविद्यालय परिवार हमेशा उनके साथ रहेगा। प्राचार्य डॉ.सिंह ने उप-महापौर का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के व्याख्यान छात्राओं में जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं। सभी विभागों के विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने विभाग से सम्बद्ध शिक्षकों का परिचय कराते हुए उनकी शैक्षणिक योग्यताओं एवं अनुभवों से विद्यार्थियों को अवगत कराया। डॉ.ऋतु कुमारी ने मनोविज्ञान विषय और डॉ.कुमारी अनुपम गुप्ता ने गृहविज्ञान से संबंधित शिक्षकों की जानकारी देते हुए छात्राओं को विभागीय गतिविधियों, पाठ्यक्रम की संरचना से अवगत कराया। डॉ.अनुपम गुप्ता ने छात्राओं को राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत क्रेडिट आधारित सेमेस्टर पाठ्यक्रम के उद्देश्य, प्रक्रिया और परीक्षा प्रणाली की जानकारी दी तो वहीं प्रो. जितेन्द्र ने महाविद्यालय में संचालित विभिन्न समितियों की जानकारी दी। मंच संचालन करते हुए डॉ.ऋतु ने दीक्षारंभ के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम नवप्रवेशित छात्राओं को महाविद्यालय की शैक्षणिक, सांस्कृतिक और नैतिक परंपराओं से परिचित कराने का माध्यम है। इससे छात्राओं में आत्मविश्वास, अनुशासन और सहभागिता की भावना का विकास होता है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.प्रेम रंजन द्वारा एवं संचालन मनोविज्ञान विभाग की प्राध्यापिका डॉ.ऋतु कुमारी ने किया। इस अवसर पर डॉ.रामाशंकर रजक, डॉ.नागेन्द्र पासवान, डॉ.शमीम अंसारी, निशांत शेखर, विलियम कुजूर, राहुल रंजन, राजेश पंडित, सीमा पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मी और छात्राएं उपस्थित थें.

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