बिहारराज्यलोकल न्यूज़

जल संकट की स्थिति से निपटने हेतु जिला प्रशासन सतर्क, आपातकालीन रणनीतियों पर हो रहा अमल- रिची पांडेय, जिलाधिकारी

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, ३० जुलाई  

अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न जल संकट की स्थिति पर विस्तार से जानकारी देने एवं जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों को साझा करने के उद्देश्य से सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता जिलाधिकारी रिची पांडेय ने की। प्रेस वार्ता में अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) बृज किशोर पांडेय, कार्यपालक अभियंता (पीएचईडी) अरुण प्रकाश, जिला जन संपर्क पदाधिकारी कमल सिंह उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने प्रेस प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में उत्पन्न जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी गंभीरता एवं तत्परता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में जहां सामान्य वर्षापात 372 मिमी होना चाहिए था, वहीं अब तक मात्र 73.6 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से लगभग 80% कम है। इसी तरह जून माह में भी 190.8 मिमी के सापेक्ष मात्र 32.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 83% की कमी को दर्शाता है। इसका सीधा असर जिले के कुछ क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति पर पड़ा है। जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जिले के 14 प्रखंडों की 80 पंचायतों के 186 वार्ड जल संकट से प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों में 126 वाटर टैंकरों के माध्यम से नियमित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है तथा प्रभावित क्षेत्रों में कुल 1181 योजनाओं में से 1174 योजनाएं सुचारू रूप से संचालित की जा रही हैं और शेष योजनाओं को भी शीघ्र प्रारंभ करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। अब तक जिले में 4228 चापाकलों की मरम्मती, 70 नए चापाकलों का अधिष्ठापन, एवं 500 नए चापाकलों की अनुशंसा की गई है। मरम्मत कार्य हेतु 233 दल नल-जल योजनाओं में और 34 दल चापाकल मरम्मत में कार्यरत हैं। लापरवाही बरतने पर दो संवेदकों को डिबार भी किया गया है। जिलाधिकारी ने यह भी जानकारी दी कि वर्तमान जल संकट की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है, और सभी संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि पेयजल आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा नहीं होनी चाहिए। विद्युत आपूर्ति को लेकर भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि जल आपूर्ति योजनाएं निर्बाध रूप से चलती रहें। कृषि क्षेत्र की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि अब तक जिले में 65.90% धान की रोपनी पूर्ण हो चुकी है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कृषि कार्य भी प्रशासनिक प्रयासों से गति पकड़ रहा है। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि जल संकट के हर पहलू पर प्रशासन सतर्क है, और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!