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लंगट सिंह महाविद्यालय के तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह के समापन पर “छात्रों के समग्र विकास में उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका” विषय पर सेमिनार आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०५ जुलाई

लंगट सिंह महाविद्यालय के तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का समापन “छात्रों के समग्र विकास में उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका” विषय पर आयोजित सेमिनार के साथ हुआ। जिसमें एमआईटी के प्राचार्य प्रो. एम.के. झा मुख्य अतिथि, नीतीश्वर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.मनोज कुमार और आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्या प्रो.ममता रानी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। सेमिनार की अध्यक्षता लंगट सिंह महाविद्यालय प्राचार्य प्रो.ओमप्रकाश राय ने की. इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो.झा ने अपने संबोधन में कहा की आज के प्रतिस्पर्धी युग में, उच्च शिक्षा संस्थानों को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करने की आवश्यकता है। हमें छात्रों को रोजगारपरक कौशल से लैस करना होगा ताकि वे न केवल नौकरी पाने वाले बनें, बल्कि नौकरी पैदा करने वाले भी बनें। उन्होंने तकनीकी शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देना समय की मांग है। नीतीश्वर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.कुमार ने कहा की उच्च शिक्षा संस्थानों को छात्रों में नैतिकता और मानवीय मूल्यों का संचार करना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक तैयार करना भी है। उन्होंने छात्रों को सामाजिक कार्यों में भाग लेने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझने के लिए प्रेरित किया। आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्या प्रो.ममता रानी ने अपने संबोधन में कहा कि आज के डिजिटल युग में, जहाँ ई-लर्निंग के विभिन्न माध्यम सुलभ हैं, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि क्लास रूम शिक्षण का कोई विकल्प नहीं है। यह छात्रों को न केवल अकादमिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि उन्हें सामाजिक और भावनात्मक रूप से भी परिपक्व बनाता है। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो.राय ने कहा की उच्च शिक्षा संस्थान केवल डिग्री बांटने का केंद्र नहीं हैं, बल्कि वे छात्रों के सर्वांगीण विकास का मंच हैं। हमें छात्रों में न केवल अकादमिक उत्कृष्टता विकसित करनी है, बल्कि उनमें नैतिक मूल्यों, सामाजिक जिम्मेदारी और नेतृत्व क्षमता का भी संचार करना है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कॉलेज को छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान कौशल और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए ताकि वे बदलती दुनिया की चुनौतियों का सामना कर सकें। प्रो.राय ने आगे कहा कि आज के दौर में शिक्षा का मतलब सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं है, बल्कि छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना भी है। हमें उन्हें ऐसे कौशल सिखाने होंगे जो उन्हें आत्मनिर्भर बना सकें और समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रेरित कर सकें। प्रो.राय ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का सफल आयोजन महाविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही। इस बहु-दिवसीय सेमिनार में राज्यपाल, बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति, केंद्रीय मंत्री, उप-मुख्यमंत्री सहित सभी क्षेत्रों के शीर्ष लोगों ने उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर विस्तृत चर्चा की। प्रो.राय ने विश्वास व्यक्त किया कि इन तीनों दिन के सेमिनार में हुई गहन चर्चा से महाविद्यालय की आगे की विकास यात्रा के लिए एक शानदार रोडमैप तैयार हुआ है। उन्होंने इस तीन दिवसीय समारोह के सफल आयोजन को सुनिश्चित करने में महाविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों द्वारा किए गए अथक परिश्रम की सराहना की। कार्यक्रम में विगत वर्षों में लंगट सिंह महाविद्यालय की विकास यात्रा पर बने एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण भी किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन इतिहास विभाग के प्राध्यापक और महाविद्यालय के एनसीसी पदाधिकारी डॉ.राजीव कुमार ने किया। कार्यक्रम में विषय प्रवेश अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक प्रो.संजीव मिश्रा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के डॉ.शिवेंद्र मौर्य ने किया। मौके पर प्रो. राजीव झा, प्रो.सुनील मिश्रा, प्रो.पुष्पा कुमारी, प्रो.शैलेन्द्र सिन्हा, डॉ.ऋतुराज कुमार, डॉ.विजय कुमार, डॉ. साजिदा अंजुम, डॉ.अर्धेंदु, डॉ.राजेश्वर कुमार, डॉ.नवीन कुमार, सुजीत कुमार, ऋषि कुमार, सत्येंद्र कुमार सहित बड़ी शिक्षक, कर्मी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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