रामदयालु सिंह महाविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में असाइनमेंट लेखन पर कार्यशाला आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ३० जून
रामदयालु सिंह महाविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में पीजी फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों के लिए इतिहास में असाइनमेंट लेखन पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को असाइनमेंट लेखन की सही प्रकिया और शोध कौशल को बेहतर बनाने के लिए जागरूक करना था। इस अवसर पर इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ.एम.एन रजवी ने कहा कि इतिहास के असाइनमेंट लेखन में स्रोतों का अध्ययन बहुत महत्व रखता है। स्रोत हमें अतीत की घटनाओं, लोगों और संस्कृतियों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्रोत किसी घटना से जुड़े दस्तावेज, पत्र, डायरी, तस्वीर, कलाकृति वह पुरातात्विक अवशेष के अध्ययन पर जोर डालता है। वहीं द्वितीयक स्रोत प्राथमिक स्रोत पर आधारित होते हैं, जो किसी घटना या अवधि के बारे में जानकारी साझा करते हैं। इसके लिए संदर्भ के रूप में किताबें, लेख, पत्र- पत्रिकाओं आदि का अध्ययन आवश्यक होता है। इस प्रकार विश्वसनीय स्रोतों का उपयोग करके हम इतिहास को सही ढंग से समझ सकते हैं और उसका विश्लेषण कर सकते हैं। कार्यशाला में अध्यक्षीय संबोधन प्रेषित करते हुए प्राचार्या डॉ.अनिता सिंह ने कहा कि इस प्रकार के वर्कशॉप से छात्रों के अंदर लेखन क्षमता का विकास होता है और वे बेहतर शोध कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं। उन्होंने इतिहास विभाग के सभी शिक्षकों को असाइनमेंट लेखन वर्कशॉप के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। इतिहास विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक व सीनेटर डॉ. संजय कुमार सुमन ने कहा कि इतिहास के छात्रों के लिए असाइनमेंट लेखन कई कारणों से महत्वपूर्ण है। असाइनमेंट लेखन छात्रों के अंदर शोध कौशल, समीक्षात्मक सोच, तार्किक सोच व संचार कौशल को बढ़ावा देता है। निश्चित रूप से असाइनमेंट लेखन छात्रों के समग्र शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास के लिए भी आवश्यक है। इस अवसर पर डॉ.ललित किशोर ने लेखन प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि असाइनमेंट लेखन में बुनियादी प्रारूप, विषय का अवलोकन और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। कार्यशाला में छात्रों ने विभिन्न ऐतिहासिक विषयों पर असाइनमेंट प्रस्तुत किये और अपने विचार साझा किये। इस अवसर पर डॉ. अजमत अली, डॉ.अनुपम कुमार और डॉ.मनीष कुमार शर्मा ने भी अपना विचार प्रस्तुत किया और छात्रों को बेहतर असाइनमेंट लिखने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला का संचालन डॉ.ललित किशोर और धन्यवाद ज्ञापन डॉ.मनीष कुमार शर्मा ने किया।