जिलाधिकारी नें एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत चार मृतक के आश्रितों को नौकरी प्रदान की

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २४ अप्रैल
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत चार मृतक के आश्रितों को नौकरी प्रदान की। सरकारी प्रावधान के अनुरूप अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत हत्या के मामले में न्यायालय द्वारा आरोप गठन के उपरांत मृतक के आश्रित को परिचारी की नौकरी देने का प्रावधान है। इसके लिए जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिला अनुकंपा समिति गठित है। उक्त प्रावधान के तहत जिला अनुकंपा समिति की बैठक की गई तथा चार मृतक के आश्रितों को कार्यालय परिचारी की नौकरी की अनुशंसा की गई। जिसमें मृतक संदेश कुमार की पत्नी रंजना भारती, मृतक भुटारी मल्लिक की पत्नी गुजरी देवी, मृतक अवध पासवान की पत्नी रीना देवी एवं मृतक कमलेश दास की पत्नी कांती देवी को कार्यालय परिचारी के पद पर नियुक्ति हेतु जिला पदाधिकारी द्वारा स्वीकृति प्रदान किया गया। जिला पदाधिकारी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की समस्याओं के प्रति अधिकारियों को संवेदनशील होने तथा नियमानुसार शीघ्र समाधान करने का निर्देश दिया है साथ ही सरकार द्वारा संचालित डॉ.अंबेडकर समग्र सेवा अभियान के तहत छूटे हुए शत-प्रतिशत परिवारों को सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी को नियमित रूप से शिविर का सफल एवं सुचारु आयोजन करने तथा कोई भी परिवार सरकारी योजना से वंचित नहीं रहे इसका विशेष ध्यान रखने का सख्त निर्देश दिया है। जिला जनसम्पर्क अधिकारी प्रमोद कुमार नें बताया कि इस अभियान के तहत हर टोला- हर परिवार- हर सेवा का ध्यान रखते हुए सरकार के 22 विभागों के तहत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को सेवा प्रदान किया जाना है। इसके लिए जिला पदाधिकारी के निर्देश पर विशेष अभियान चलाकर कैंप मोड में एससी एसटी के लोगों को सरकारी लाभ से आच्छादित जा रहा है। अब तक 178 महादलित टोलों में कैंप लगाया गया है तथा 20000 परिवारों को सर्वेक्षित कर 22 सरकारी सेवाओं से आच्छादित करने का प्रयास किया गया है। आगामी 26 अप्रैल को जिला अंतर्गत 169 महादलित टोलों में कैंप लगाये जाएंगे तथा करीब 15 000 परिवारों को 22 सरकारी सेवाओं से आच्छादित करने का लक्ष्य है।