भारतीय नववर्ष के अवसर पर बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय को रोशनी से सजाया गया




ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ३० मार्च
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय में भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2082 के अवसर पर पूरे विश्वविद्यालय परिसर को रोशनी से सजाया गया। कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र राय और कुलसचिव डॉ.संजय कुमार ने सभी को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। भारतीय नववर्ष के अवसर पर अपने शुभकामना संदेश में सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण पर बल देते हुए कुलपति ने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में, जब हम तेजी से पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं, यह आवश्यक है कि हम अपनी जड़ों को न भूलें। हमारी सांस्कृतिक विरासत हमारी पहचान है, और हमें इसे संरक्षित और बढ़ावा देना चाहिए। चैत्र प्रतिपदा हमें हमारी समृद्ध परंपराओं और मूल्यों की याद दिलाता है। यह दिन हमें अपने पूर्वजों के ज्ञान और परंपराओं को याद रखने और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का अवसर देता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी आने वाली पीढ़ियां भी हमारी सांस्कृतिक विरासत को समझें और उसका सम्मान करें। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी संस्कृति को जीवित रखें और इसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं। चैत्र प्रतिपदा हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है और हमें अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने का अवसर देता है। हमें इस अवसर पर अपनी संस्कृति और धरोहर को संरक्षित करने के लिए संकल्पित होना चाहिए। प्रो.राय ने चैत्र नवरात्रि की भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, चैत्र प्रतिपदा के साथ ही, चैत्र नवरात्रि का भी आरंभ हो रहा है। यह नौ दिवसीय पर्व, शक्ति की देवी माँ दुर्गा को समर्पित है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह पर्व हमें नारी शक्ति के महत्व और हमारे समाज में उनके योगदान की याद दिलाता है। कुलसचिव डॉ. संजय कुमार नें अपनें शुभकामना सन्देश में कहा की नव संवत्सर, विक्रम संवत-2082 की सभी को हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं! यह नव वर्ष सबके जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करे, आपके सभी संकल्प सिद्ध हों।







