जिलाधिकारी ने की कृषि योजनाओं की समीक्षा, लापरवाही पर सख्त चेतावनी, किसानों के हित में बड़ा एक्शन
उर्वरक निगरानी, बीज वितरण और धान खरीद पर डीएम का सख्त निर्देश कृषि टास्क फोर्स बैठक सम्पन्न: आधुनिक खेती, पारदर्शी खरीद और योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन पर जोर

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०९ दिसम्बर
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में कृषि टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार में आयोजित की गई, बैठक में उप-विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी तुषार कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी पश्चिमी श्रेयाश्री, अपर समाहर्ता (विधि-व्यवस्था) सुधीर कुमार सिन्हा सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक से जुड़े। बैठक में रबी मौसम के दौरान उर्वरक उपलब्धता, बीज वितरण, धान अधिप्राप्ति, आत्मा, मत्स्य संसाधन, लघु सिंचाई, मनरेगा तथा जल-जीवन-हरियाली अभियान सहित कई अहम मुद्दों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिया कि जिले में उर्वरकों की उपलब्धता पर्याप्त है, इसे सतत निगरानी में रखते हुए पारदर्शी ढंग से उचित मूल्य पर जरूरतमंद किसानों को ससमय बांछित उर्वरक उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी प्रखंड से उर्वरक से संबंधित शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने किसानों के हित में उर्वरक एवं बीज वितरण कार्य की सतत एवं प्रभावी मॉनिटरिंग करने तथा औचक निरीक्षण करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया । उन्होंने किसान सलाहकार और कृषि समन्वय को किसानों के बीच उर्वरक एवं बीज के वितरण कार्य के बारे में जानकारी देने तथा व्यापक प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि रबी मौसम को देखते हुए विभाग द्वारा कठोर कदम उठाए गए हैं। छापामारी के दौरान दो उर्वरक विक्रेताओं पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और आठ विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति रद्द की गई है। जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अगले एक सप्ताह के भीतर प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक अवश्य आयोजित करें। इसके अतिरिक्त हर प्रखंड में विशेष टीम का गठन कर थोक एवं फुटकर विक्रेता की दुकानों की जांच करने तथा विभागीय दिशा निर्देश एवं मानक के अनुरूप किसानों को उर्वरक एवं बीज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। बैठक में बीज वितरण की अद्यतन प्रगति और रबी फसलों के आच्छादन की समीक्षा की गई। जिले में रबी की अच्छी प्रगति पर जिलाधिकारी ने यद्यपि प्रसन्नता व्यक्त की गई तथापि वर्तमान रफ्तार को बनाए रखने का निर्देश दिया। आत्मा द्वारा संचालित कार्यों की समीक्षा के क्रम में जिलाधिकारी ने उप परियोजना निदेशक (ATMA) को निर्देश दिया कि कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों और किसानों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए नवाचारी परियोजनाएं तैयार करें। उन्होंने कहा कि ऐसे नए इनोवेटिव मॉडल तैयार किए जाएं जिनके माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी हो और आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रसार तेजी से हो सके। बैठक में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को भौतिक सत्यापन कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया ताकि अपात्र किसानों को लाभ से वंचित कर पात्र किसानों को योजना का वास्तविक लाभ मिल सके। धान अधिप्राप्ति की समीक्षा बैठक में विशेष रूप से की गई। मुरौल एवं गायघाट प्रखंड के सहकारिता पदाधिकारियों की अधिप्राप्ति प्रगति असंतोषजनक पाई गई, जिस पर जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण मांगते हुए चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी पैक्स के माध्यम से धान खरीद में तेजी लाएं तथा छोटे-छोटे किसानों को भी इस प्रक्रिया से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके धान का उचित मूल्य दिलाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी एवं पश्चिमी को निर्देश दिया कि अपने-अपने क्षेत्रों में धान अधिप्राप्ति की सतत और प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। साथ ही 11 दिसंबर को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों तथा वरीय पदाधिकारियों को अपने अपने क्षेत्र के दो-दो पैक्स का औचक निरीक्षण कर प्रतिवेदन उप विकास आयुक्त को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पैक्स के माध्यम से गांव के छोटे-छोटे किसानों के भी धान की खरीदारी की जाए तथा किसानों को धान का उचित मूल्य दी जाए। बैठक में जल-जीवन-हरियाली अभियान, जल संचय, जनभागीदारी आधारित कार्यों, मनरेगा, लघु सिंचाई योजनाओं तथा मत्स्य संसाधन विभाग की प्रगति पर भी व्यापक चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने तथा सभी योजनाओं को समयबद्ध पूरा करने का निर्देश दिया। सांख्यिकी विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने विभाग को डेटा संकलन और रिपोर्टिंग को और बेहतर करने के लिए कहा ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाई जा सके। जिलाधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों को किसानों के हित से जुड़े कार्यों में पूरी निष्ठा और तत्परता से कार्य करने के निर्देश के साथ किया गया।




