संविधान दिवस पर जिलाधिकारी के नेतृत्व में कार्यक्रम आयोजित, संविधान की शपथ लेकर नागरिकों ने व्यक्त की प्रतिबद्धता

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २६ नवम्बर
संविधान दिवस के अवसर पर सोमवार को जिले में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में मुजफ्फरपुर समाहरणालय परिसर से लेकर नगर भवन तक संविधान दिवस की गरिमा को समर्पित कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ संपन्न हुईं। जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रम समाहरणालय परिसर एवं नगर भवन में आयोजित किए गए, जिनमें जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की। कार्यक्रम की शुरुआत समाहरणालय परिसर में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। जिलाधिकारी श्री सेन, उप- विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी फिरोज अख्तर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी शालिग्राम शाह, अपर समाहर्ता (विधि-व्यवस्था) सुधीर कुमार सिन्हा, वरीय कोषागार पदाधिकारी विनोद कुमार तिवारी सहित अन्य पदाधिकारियों एवं अतिथियों ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर संविधान निर्माण में बाबा साहब अंबेडकर के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की आधारशिला तथा संवैधानिक मूल्यों एवं आदर्शों की स्थापना उनके अद्वितीय नेतृत्व और दृष्टि से स्थापित हुई है। इसके उपरांत नगर भवन में आयोजित मुख्य समारोह में जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तथा विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यहां जिलाधिकारी श्री सेन ने उपस्थित जनसमूह को भारतीय संविधान की प्रस्तावना का शपथ दिलाया। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित मूल्यों को जीवन में अपनाना ही सच्चे अर्थों में लोकतंत्र को मजबूत करता है। अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—की पुनर्स्मृति का अवसर है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा संविधान को अंगीकृत किया गया था, जो हमारे गौरवशाली इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह दिवस न केवल बाबा साहब अंबेडकर के योगदान को सम्मानित एवं समर्पित है, बल्कि नागरिकों को अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी करता है। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों एवं नागरिकों से आह्वान किया कि वे संविधान की आत्मा को समझें, संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें। समारोह में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी और आमजन उपस्थित रहे, जिन्होंने संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।




