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मुजफ्फरपुर में उर्वरक का रिकॉर्ड भंडारण, डीएम ने कहा—किसानों को समय पर मिलेगी हर जरूरत, 2775 किसानों को अनुदानित दर पर सुलभ होंगे कृषि यंत्र, कस्टम हायरिंग में 8 लाभार्थियों का चयन

पारदर्शी कृषि व्यवस्था की ओर बड़ा कदम: POSH मशीन से सत्यापन, उर्वरक वितरण में आएगी 100% पारदर्शिता, धान अधिप्राप्ति के तहत 283 समितियों का हुआ चयन

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २४ नवम्बर

रबी 2025-26 सीजन में जिले के किसानों के लिए उर्वरक की उपलब्धता और वितरण की स्थिति की समीक्षा  करते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने स्पष्ट कहा कि जिले में खाद का पर्याप्त भंडार मौजूद है तथा किसी प्रकार की कमी नहीं है। उन्होंने संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जरूरतमंद किसानों को उचित मूल्य पर, समय से और गुणवत्ता युक्त उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस उद्देश्य से मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार में कृषि टास्क फोर्स की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें कृषि विभाग के सभी वरीय अधिकारी उपस्थित थे। समीक्षा में पाया गया कि जिले में रबी सीजन के लिए सभी प्रकार के उर्वरक का पर्याप्त भंडारण उपलब्ध है और किसानों को निर्धारित दर पर वितरण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने समीक्षा  के दौरान पाया कि रबी कृषि कार्य हेतु विभिन्न उर्वरकों की उपलब्धता संतोषजनक स्थिति में है। डीएपी – 7000 मीट्रिक टन उपलब्ध; इफ्फको द्वारा अतिरिक्त उर्वरक एक-दो दिन में उपलब्ध हो जाएगा। जिसमें यूरिया – 11000 मीट्रिक टन, एनपीके – 15000 मीट्रिक टन, एमओपी – 5000 मीट्रिक टन, एसएसपी – 3145 मीट्रिक टन शामिल है. जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार प्रत्येक पंचायत में किसानों को उपलब्ध स्टॉक एवं दरों की जानकारी दें, ताकि कोई भी किसान भटकने या अधिक खर्च करने को मजबूर न हो। जिलाधिकारी ने थोक एवं फुटकर विक्रेताओं की दुकानों पर औचक निरीक्षण तेज करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि कृषि  विभाग के पदाधिकारियों को टीम गठित कर अपने-अपने स्तर से दुकानों की जांच करने तथा अनियमितता मिलने पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। समीक्षा में बताया गया कि जिले में अब तक 56 छापेमारी की गई है, जिसमें 8 मामलों में अनियमितता पाई गई। इनमें 7 विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द किए गए, एक विक्रेता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कालाबाजारी और जमाखोरी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उर्वरक से संबंधित किसी भी शिकायत के समाधान हेतु जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय में नियंत्रण कक्ष संचालित है। किसान 9661697355 नंबर पर संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं, इसके अतिरिक्त किसान , प्रखंड कृषि पदाधिकारी तथा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। बैठक में कृषि यंत्रों पर अनुदान तथा कस्टम हायरिंग सेंटर के चयन की समीक्षा भी की गई। जिले को चालू वित्तीय वर्ष में 91 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान हेतु 5570 यंत्रों का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। इस लक्ष्य के विरुद्ध 8442 ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए। कंप्यूटरीकृत लॉटरी सिस्टम के माध्यम से 2775 किसानों का चयन किया गया है। चयनित किसानों को अब कृषि यंत्रों की खरीद पर निर्धारित अनुदान का लाभ दिया जाएगा। जिले को 8 कस्टम हायरिंग सेंटर का लक्ष्य मिला था। इनके लिए 85 आवेदन प्राप्त हुए और लॉटरी सिस्टम से सभी 8 लाभार्थियों का चयन पारदर्शी तरीके से कर लिया गया। इन सेंटरों की स्थापना पर 10 लाख रुपये की लागत में सरकार 40% यानी अधिकतम 4 लाख रुपये का अनुदान देगी। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि यांत्रिकीकरण से खेती में आधुनिकता आएगी, श्रम लागत कम होगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी। बैठक में जिलाधिकारी ने POSH मशीन से गोदामों में उपलब्ध उर्वरक का डिजिटल सत्यापन कर प्रखंडवार रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि POSH मशीन से सत्यापन का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, सटीकता और कालाबाजारी रोकना है। इससे किसानों को कई महत्वपूर्ण लाभ मिलते हैं, जिनमें POSH मशीन से किसानों को उर्वरक/बीज की उपलब्धता सुनिश्चित, गोदामों का वास्तविक स्टॉक रिकॉर्ड में रहता है, जिससे किसानों को आवश्यकता अनुसार सामग्री समय पर मिलती है। कालाबाजारी और जमाखोरी पर रोक, कोई विक्रेता गलत स्टॉक दिखाकर उर्वरक छिपा नहीं सकता, जिससे कृत्रिम कमी की संभावना समाप्त होती है। गुणवत्तापूर्ण सामग्री की गारंटी, पोश मशीन के सत्यापित रिकॉर्ड से नकली या निम्न गुणवत्ता वाले उर्वरकों की बिक्री पर रोक लगती है। पारदर्शिता और जवाबदेही, सभी लेनदेन डिजिटल रूप से दर्ज होते हैं, जिससे हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित होती है। समय पर वितरण, सत्यापन के बाद वितरण प्रक्रिया तेज होती है, और किसान को सीजन के अनुरूप उर्वरक समय से मिलता है। सरकारी योजनाओं का सही लाभ, सब्सिडी वाले उर्वरक/बीज का सहीवार्ता किसान तक वितरण सुनिश्चित होता है। शिकायतों का त्वरित समाधान, मशीन में दर्ज डेटा के आधार पर शिकायतें तुरंत निपटाई जा सकती हैं। बैठक में खरीफ धान अधिप्राप्ति की स्थिति की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सभी पैक्स समितियों को सक्रिय करने और भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। जिले में  270 समितियों का चयन किया गया है। आज 13 नई समितियों का चयन किया गया, जिसके बाद कुल 283 समितियां अधिप्राप्ति प्रक्रिया में शामिल हैं। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी समितियां तुरंत सक्रिय होकर धान अधिप्राप्ति में तेजी लाएं, ताकि किसानों को समय पर भुगतान और सुविधा मिल सके। जिले में रबी 2025-26 कृषि सीजन हेतु उर्वरक, बीज, कृषि यंत्र, धान अधिप्राप्ति और निगरानी व्यवस्थाओं को मजबूत करते हुए जिलाधिकारी श्री सेन ने स्पष्ट किया है कि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। पर्याप्त स्टॉक, पारदर्शी वितरण, POSH मशीन से सत्यापन और सख्त निगरानी के माध्यम से किसानों को समय पर, सही और गुणवत्तापूर्ण उर्वरक उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने  कहा कि उनका लक्ष्य किसान हित सर्वोपरि, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कृषि व्यवस्था को मजबूत बनाना है।

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