मुजफ्फरपुर में उच्च स्तरीय सड़क सुरक्षा समीक्षा: हिट एंड रन मुआवजा भुगतान में तेजी का निर्देश, यातायात सुधार की नई पहल: ई-रिक्शा ज़ोनिंग, गुड सेमेरिटन प्रोत्साहन और अंडरपास निर्माण पर जोर
सड़क सुरक्षा पर जिलाधिकारी की सख़्त कार्रवाई: वाहनों की चेकिंग, ब्लैक स्पॉट सुधार और ट्रैफिक व्यवस्था में बड़े बदलाव

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २२ नवम्बर
सड़क सुरक्षा, यातायात प्रबंधन तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में मुजफ्फरपुर समाहरणालय स्थित सभागार में सड़क सुरक्षा समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार, नगर आयुक्त विक्रम विरकर, नगर पुलिस अधीक्षक कोटा किरण, अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी) तुषार कुमार, जिला परिवहन पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार, अपर समाहर्ता (राजस्व) प्रशांत कुमार, पुलिस उपाधीक्षक (यातायात) सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने, पीड़ित परिवारों को समय पर सहायता दिलाने, वाहन चेकिंग को सख्ती से लागू करने और शहरी यातायात व्यवस्था में सुधार लाने को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने बैठक की शुरुआत हिट एंड रन मामलों की समीक्षा से की। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना में मृत्यु या गंभीर घायल की स्थिति में पीड़ित परिवारों को शीघ्र सहायता मिलनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हिट एंड रन में मृत्यु पर ₹2,00,000, गंभीर घायल होने पर ₹50,000 का भुगतान पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता के साथ समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी, ट्रैफिक डीएसपी, एसडीओ, अंचल अधिकारी एवं थानाध्यक्षों को संवेदनशीलता के साथ कार्य करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने विशेष रूप से यह भी निर्देश दिया कि सभी थानाध्यक्ष सड़क दुर्घटना में मृतक के निकटतम आश्रितों को अनुग्रह अनुदान हेतु आवेदन करने के लिए प्रेरित करें और प्रकरणों का त्वरित निष्पादन करें। उन्होंने ट्रैफिक डीएसपी को हिट एंड रन के लंबित मामलों की क्राइम मीटिंग में एसएसपी स्तर से समीक्षा कराने का भी निर्देश दिया ताकि लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी लाई जा सके तथा पीड़ित परिवारों को समय पर मुआवजा राशि मिल जाए। नन-हिट एंड रन मामलों के निष्पादन को लेकर भी ट्रैफिक डीएसपी को सभी थानों से समन्वय स्थापित कर प्रगति लाने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाले नागरिकों को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि गुड सेमेरिटन योजना के तहत किसी घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को ₹10,000 प्रोत्साहन राशि दी जाती है। ऐसे उल्लेखनीय कार्य करने वालों की पहचान कर उन्हें सम्मानित किया जाए और दूसरों को भी प्रेरित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सरकार की प्रभावी राहवीर योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि गंभीर सड़क दुर्घटना के घायलों को स्वर्णिम घंटा यानी गोल्डन ऑवर के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को ‘राहवीर’ की उपाधि दी जाएगी और ₹25,000 पुरस्कार दिया जाएगा। यह योजना 21 अप्रैल 2025 से प्रभावी है। सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम का कड़ाई से पालन कराए जाने को लेकर डीएम ने निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि अक्टूबर 2024 से नवंबर 2025 तक जिले में 8419 वाहनों की जांच, 521 वाहन चालकों पर कार्रवाई और ₹13,53,509 जुर्माना वसूली की गई है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि वाहन चेकिंग को नियमित रूप से जारी रखा जाए और नियम उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई की जाए। जिलाधिकारी ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जन-जागरूकता को जरूरी बताते हुए कहा कि शहर के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग, फ्लेक्स, जागरूकता रथ,माइकिंग, नेत्र जांच शिविर आयोजित किए जाएं ताकि अधिक से अधिक लोगों को यातायात नियमों की जानकारी हो। उन्होंने आम जनता से अपील की जीवन अनमोल है। वाहन चलाते समय सीट बेल्ट एवं हेलमेट अवश्य लगाएँ, गलत लेन में न चलें और ओवरस्पीडिंग एवं ओवरटेक से बचें। सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा में पाया गया कि पहले से चिन्हित 9 ब्लैक स्पॉट पर ट्रैफिक सिग्नल ,रंबल स्ट्रिप,स्पीड ब्रेकर, साइनेज स्थापित कर दिए गए हैं। इसके साथ ही चार नए ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है, जिन पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह पहल सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बैठक में ट्रैफिक जाम की प्रमुख वजहों पर चर्चा करते हुए पाया गया कि शहर में सड़कों, चौक चौराहों पर जहां-तहां ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा के अनियंत्रित रूप से खड़ा कर देने से जाम की समस्या बढ़ती है। इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णय में ऐसे स्थानों को चिन्हित कर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती होगी। सुरक्षित पड़ाव स्थल (Parking Bays) बनाए जाएंगे, जहाँ ई-रिक्शा/ऑटो को खड़ा करना अनिवार्य होगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। शहरी क्षेत्र की सड़कों को जोन में विभाजित किया जाएगा। हर जोन के लिए अलग कलर कोडिंग की जाएगी। निर्धारित कलर कोड के अनुरूप ही ई-रिक्शा/ऑटो का परिचालन होगा ताकि अनियंत्रित आवागमन पर रोक लगाई जा सके। इस व्यवस्था के सफल क्रियान्वयन हेतु नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें नगर पुलिस अधीक्षक, टाउन डीएसपी, जिला परिवहन पदाधिकारी एवं ट्रैफिक डीएसपी शामिल होंगे। समिति की अनुशंसा के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अवगत कराया गया कि कांटी मोड़ और मधौल चौक के पास अंडरपास का कार्य प्रक्रियाधीन है। अंडरपास बनने से यातायात दबाव कम होगा। शहर में वाहनों का आवागमन अधिक सुगम, सुरक्षित एवं तेज़ होगा यह परियोजना शहर के दीर्घकालिक यातायात समाधान की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिलाधिकारी ने भूमि विवाद के मामलों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि ऐसे प्रकरणों के कारण कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है, इसलिए इन्हें प्राथमिकता से सुलझाया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक शनिवार को अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष ‘शनिवारीय जनता दरबार’ आयोजित करें। भूमि विवादों की सुनवाई कर तत्काल समाधान सुनिश्चित करें। अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी इन दरबारों की मॉनिटरिंग करेंगे। अपर समाहर्ता राजस्व साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शराब विनष्टीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जाए। खनन विभाग अपने निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि सुनिश्चित करे।





