बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में संविधान दिवस समारोह आयोजित
संविधान की विशिष्टताओं को स्वंय के आचरण में समावेश करना नितांत आवश्यक है, तभी संविधान का लक्ष्य सही अर्थो में फलित होगा- प्रो.दिनेश चंद्र राय, कुलपति

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २६ नवम्बर
बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में संविधान दिवस समारोह मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय ने कहा की भारत में हर साल 26 नवंबर को राष्ट्रीय संविधान दिवस मनाया जाता है, जो 1949 में भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारे देश को संचालित करने वाले सर्वोच्च कानून के निर्माण का प्रतीक है। उन्होंने संविधान की विशिष्टताओं की चर्चा करते हुए छात्रों एवं शिक्षकों से आग्रह किया कि इसे स्वंय के आचरण में समावेश करना नितांत आवश्यक है तभी संविधान का लक्ष्य सही अर्थो में फलित होगा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता सह पटना विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर डॉ.आर.पी.राही नें संविधान और संविधानवाद की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए भारतीय संविधान निर्माण की प्रक्रिया और संविधान सभा की बहसों का जिक्र करते हुए इसे विश्व का सर्वोतकृष्ठ संविधान बताया और यह भी कहा कि संविधान निर्माण के समय से ही भारतीय जनमानस में इस संविधान की स्वीकार्यता प्रवल रही जिसके कारण भारतीय लोकतंत्र निरंतर सुदृढ़ होता गया। इस अवसर पर सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो.आर.के चौधरी ने विधार्थियों को संविधान को पढ़ने, उसे सच्चे अर्थो में समझने पर बल दिया। विभागाध्यक्ष प्रो.नीलम कुमारी नें अपनें स्वागत भाषण में भारतीय संविधान को लोकतंत्र की आधार शिला बताते हुए उसकी प्रासंगिकता को स्पष्ट किया। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व छात्र सह मुजफ्फरपुर के नगर विधायक रंजन कुमार नें मुख्य अतिथि के रूप में इस बात पर बल दिया कि आज वह सामान्य नागरिक से नगर विधायक केवल भारतीय संविधान में वर्णित व्यक्ति के अधिकारों की गारण्टी के कारण बन सके है। उन्होने मुजफ्फरपुर की समस्याओं के समाधान पर प्राथमिकता देने पर बल दिया।इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो.विपिन कुमार राय ने कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ.अमर बहादुर शुक्ल ने किया। इस अवसर पर पुर्व विभागाध्यक्ष प्रो.एन.पी चौधरी, प्रो.विरेन्द्र सिन्हा, प्रो.अनिल कुमार ओझा, प्रो.उपेन्द्र मिश्र, प्रो.विकास नारायण उपाध्याय, डॉ.कांतेश कुमार, डॉ.भारती सेहता, डॉ.रक्षा सिंह, डॉ.देवेन्द्र प्रताप तिवारी सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, शोधार्थी, छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों की उपस्थिति रही।




