स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में माइक्रो आब्जर्वर की निर्णायक भूमिका, आयोग की आँख और कान होते हैं माइक्रोआब्जर्वर, 1 नवंबर को 311 माइक्रो आब्जर्वर की होगी ट्रेनिंग
पारदर्शी मतदान व्यवस्था के सशक्त स्तंभ — माइक्रो आब्जर्वर की तैनाती से चुनाव की निष्पक्षता, पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता को मिलेगा बल

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ३० अक्टूबर
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के उद्देश्य से बहुस्तरीय निगरानी व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था में माइक्रो आब्जर्वर की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। ये अधिकारी यह सुनिश्चित करते हैं कि मतदान पूरी तरह से निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संपन्न हो।वस्तुत: माइक्रो आब्जर्वर सीधे भारत निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षण में कार्य करते हैं और अपनी रिपोर्ट सीधे प्रेक्षक (Observer) को सौंपते हैं। जिला जनसम्पर्क अधिकारी प्रमोद कुमार नें बताया की मुजफ्फरपुर जिले के सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव संपन्न कराने हेतु जिले में कुल 311 माइक्रो आब्जर्वर की तैनाती की गई है। इन सभी अधिकारियों को आगामी 1 नवंबर को पूर्वाह्न 11:00 बजे से केंद्रीय विद्यालय गन्नीपुर में द्वितीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। माइक्रो आब्जर्वर के प्रशिक्षण का उद्देश्य उन्हें चुनाव प्रक्रिया की बारीकियों से अवगत कराना है ताकि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन बिना किसी भ्रम या त्रुटि के कर सकें। प्रशिक्षण में उन्हें आयोग के नवीनतम निर्देश, मॉडल आचार संहिता, मतदान प्रक्रिया, शिकायत निवारण तंत्र, ईवीएम और वीवीपैट की तकनीकी जानकारी तथा रिपोर्टिंग के मानक प्रारूपों की विस्तृत जानकारी दी जायेगी। गौरतलब है कि यह प्रशिक्षण पूर्व में 31 अक्टूबर को होना निर्धारित था, किंतु अपरिहार्य कारणवश इसे स्थगित करते हुए अब 1 नवंबर को आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक (Observer) स्वयं माइक्रो आब्जर्वरों को ब्रीफ करेंगे और उन्हें आयोग की नवीनतम गाइडलाइंस से अवगत कराएंगे। माइक्रो आब्जर्वर निर्वाचन प्रक्रिया में आयोग की आँख और कान की भूमिका निभाते हैं। इनकी प्रमुख जिम्मेदारी मतदान केंद्रों पर हो रही समस्त गतिविधियों की निगरानी करना, किसी भी प्रकार की अनियमितता, पक्षपात या दबाव की स्थिति की पहचान करना तथा निर्वाचन प्रेक्षक को रिपोर्ट देना है। यह अधिकारी मतदान केंद्र पर मतदाताओं की आवाजाही, मतदान की गति, मतदान कर्मियों का व्यवहार, महिला एवं दिव्यांग मतदाताओं के लिए की गई व्यवस्था और कानून-व्यवस्था की स्थिति का निरीक्षण करते हैं। माइक्रो आब्जर्वर की उपस्थिति चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की गारंटी मानी जाती है। ये मतदान केंद्र पर किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधि, जैसे मतदाताओं को प्रभावित करना, फर्जी मतदान, या दबावपूर्ण वातावरण को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष होकर कार्य करते हैं और किसी भी प्रभाव/दबाव से परे रहते हैं। इस पद पर कार्य करने वाले अधिकारी केंद्र सरकार के विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों या केंद्रीय संस्थानों में कार्यरत अधिकारी होते हैं ताकि उनकी निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनी रहे। वे यह सुनिश्चित करते हैं कि मतदान समय पर प्रारंभ हो, सभी तकनीकी उपकरण सुचारु रूप से कार्य करें और मतदान कर्मियों द्वारा सभी प्रक्रियाओं तथा आयोग के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन हो। यदि किसी केंद्र पर तकनीकी समस्या, कानून-व्यवस्था की गड़बड़ी या किसी मतदाता से शिकायत प्राप्त होती है, तो वे उसकी जांच कर तत्काल सूचना प्रेक्षक को देते हैं। मतदान समाप्ति के बाद वे यह देखते हैं कि ईवीएम की सीलिंग सही ढंग से की गई है और सभी दस्तावेज ठीक से भरे गए हैं। उनका फीडबैक आयोग को वास्तविक स्थिति का आकलन करने और आवश्यक कदम उठाने में मदद करता है। माइक्रो आब्जर्वर न केवल आयोग की निगरानी व्यवस्था का अहम हिस्सा हैं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षक भी हैं। उनकी सजगता और निष्पक्षता से ही मतदान प्रक्रिया पर मतदाताओं का भरोसा कायम रहता है।




