स्वच्छ, पारदर्शी एवं निष्पक्ष चुनाव हेतु कर्मियों का प्रशिक्षण शुरू
केंद्रीय विद्यालय में शुरू मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण 19 अक्टूबर तक रहेगा जारी

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०३ अक्टूबर
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को स्वच्छ, पारदर्शी एवं निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने की दिशा में जिला प्रशासन ने व्यापक स्तर पर कर्मियों के प्रशिक्षण की तैयारी शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के मार्गदर्शन में केंद्रीय विद्यालय, मुजफ्फरपुर में मतदान कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी के साथ उप- विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार, 

अनुमंडल पदाधिकारी पश्चिमी श्रेयाश्री, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सह प्रशिक्षण कोषांग के नोडल पदाधिकारी शालिग्राम साह, उप-निर्वाचन पदाधिकारी सत्यप्रिय कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। आयोग की मार्गदर्शिका के अनुरूप तैयार किये गये इस प्रशिक्षण कैलेंडर के तहत 19 अक्टूबर तक पीठासीन पदाधिकारी, मतदान पदाधिकारी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय को क्रमवार प्रशिक्षित किया जायेगा। प्रथम चरण के तहत जिले में कुल 50 हजार से अधिक निर्वाचन कर्मियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी श्री सेन ने केंद्रीय विद्यालय में स्थित प्रशिक्षण केंद्र का भ्रमण कर प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षण हॉल, बैठने की व्यवस्था, तकनीकी उपकरणों और प्रशिक्षण पद्धति का अवलोकन किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण सत्र को भी संबोधित किया और सभी कर्मियों से पूरी निष्ठा व समर्पण भाव के साथ प्रशिक्षण लेने को कहा। उन्होंने कहा कि “चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है और इसे सफल बनाने की जिम्मेदारी मतदान एवं मतगणना से जुड़े प्रत्येक कर्मी की है। इसलिए सभी कर्मी निर्वाचन कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें तथा पूरी निष्ठा एवं समर्पण भाव से चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त करें। सीखे गये ज्ञान और अनुभव का उपयोग चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने में किया जाएगा।” जिलाधिकारी ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकती है, इसलिए प्रत्येक मतदान एवं मतगणना कर्मी का यह दायित्व है कि वे अपने कार्य को पूरी गंभीरता और अनुशासन के साथ करें। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि चुनावी प्रक्रिया में “एक छोटी सी गलती भी पूरे निर्वाचन की छवि को प्रभावित कर सकती है, इसलिए सतर्कता और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण गुण हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग ने समयबद्ध और व्यवस्थित ढंग से कार्य करने के लिए आधुनिक तकनीक का समावेश किया है। आईटी आधारित मॉनिटरिंग, मोबाइल एप्लिकेशन और डिजिटल रिपोर्टिंग सिस्टम के जरिये चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी तथा सुगम बनाया गया है। प्रशिक्षण के पहले दिन जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर और विधानसभा मास्टर ट्रेनर के रूप में कुल 250 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षक के रूप में अवर निर्वाचन पदाधिकारी राजू कुमार और आईटी मैनेजर प्रवीण कुमार मौजूद रहे। इन मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से आगामी दिनों में विभिन्न प्रखंडों और विधानसभा क्षेत्रों के हजारों मतदान एवं मतगणना कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान ईवीएम और वीवीपैट के संचालन, मतदान प्रक्रिया की बारीकियां, आदर्श आचार संहिता, मतदाता सूची, दिव्यांगजन एवं वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं की सुविधा, संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों पर विशेष सतर्कता जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही मतदान केंद्र पर आपात स्थिति से निपटने और आयोग के नवीनतम दिशा-निर्देशों के पालन पर विशेष बल दिया गया। उप-निर्वाचन पदाधिकारी सत्यप्रिय कुमार नें बताया की 19 अक्टूबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से चलेगा। इस अवधि में जिले के लगभग सभी मतदान केंद्रों से संबंधित कर्मियों को प्रशिक्षित कर दिया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए केंद्रीय विद्यालय को मुख्य केंद्र के रूप में चुना गया है, जहां एक साथ बड़ी संख्या में कर्मियों को प्रशिक्षित करने की सुविधा उपलब्ध है। जिलाधिकारी ने सभी कर्मियों से आह्वान किया कि वे इस प्रशिक्षण को केवल एक औपचारिकता न समझें, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती और मतदाता के अधिकारों की रक्षा के एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में लें। उन्होंने कहा कि “निर्वाचन प्रक्रिया में आपकी भूमिका केवल एक कर्मचारी के रूप में नहीं, बल्कि लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में है। इसलिए पूरी निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ चुनाव में योगदान देना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।”




