सरदार बल्लभभाई पटेल की कूटनीति, साहस और दूरदर्शिता ने विविधता को भारत की ताकत बनाया- प्रो.कनुप्रिया

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ३१ अक्टूबर
लंगट सिंह महाविद्यालय में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई साथ ही उनकी जयंती पर मनाए जाने वाले राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में महाविद्यालय सभागार में कार्यक्रम आयोजन किए गए. कार्यक्रम की शुरुआत सरदार पटेल के चित्र पर प्राचार्या प्रो. कनुप्रिया और महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मियों द्वारा माल्यार्पण कर किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या ने कहा कि राष्ट्रीय एकता दिवस प्रतिवर्ष 31 अक्तूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल के भारत के एकीकरण में योगदान के सम्मान में मनाया जाता है। जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारत को एकीकृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्ष 2025 में यह दिवस विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि यह सरदार पटेल की 150वीं जयंती का प्रतीक है। पटेल की कूटनीति, साहस और दूरदर्शिता ने विविधता को भारत की ताकत बनाया, कमजोरी नहीं। पटेल की समावेशिता ने बहुलवादी लोकतंत्र का मार्ग प्रशस्त किया और राष्ट्रीय एकता दिवस एकीकरण और न्याय की इसी भावना का जश्न मनाता है। सरदार पटेल की दूरदृष्टि और दृढ़ संकल्प ने एकीकृत भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. प्राचार्या ने सभी से सरदार पटेल के जीवन से प्रेरणा लेते हुए समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से योगदान देने का आह्वान किया, ताकि हम उस मजबूत और एकजुट भारत के सपने को साकार कर सकें जिसके लिए सरदार पटेल ने अपना जीवन समर्पित कर दिया. उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी लोगों को ‘राष्ट्रीय एकता की शपथ’ भी दिलाई. यह शपथ सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों का सम्मान करने और देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए समर्पित रहने का एक सामूहिक संकल्प था. कार्यक्रम का संचालन एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ.शशिकांत पाण्डेय में तथा धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के एनसीसी पदाधिकारी डॉ.राजीव कुमार ने किया. मौके पर सीसीडीसी प्रो.टीके डे, प्रो.एसआर चतुर्वेदी, प्रो.शैलेन्द्र सिन्हा, प्रो.विजय कुमार, प्रो.पुष्पा कुमारी, प्रो.सुरेंद्र राय, प्रो.एनएन मिश्रा, डॉ.ऋतुराज कुमार, डॉ.रीमा कुमारी, डॉ.अर्धेंदु, डॉ.रविभूषण सिंह, डॉ.प्रदीप कुमार, डॉ.आनंद कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।




