फर्जी कॉल और साइबर फ्रॉड से रहें सतर्क, अनजान नंबर से ठगी की हो रही कोशिश, जिलाधिकारी ने सावधान एवं सतर्क रहने की अपील की

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०६ अक्टूबर
हाल के दिनों में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। जिले में एक नया मामला सामने आया है, जिसमें 84563193461 मोबाइल नंबर से कई अधिकारियों एवं आम नागरिकों को कॉल और मैसेज कर ठगी करने की कोशिश की गई है। इस नंबर से धन वसूली, बैंक जानकारी तथा ओटीपी साझा करने की मांग की जा रही है। मामले के प्रकाश में आने के बाद जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने आम जनता को सतर्क और सावधान रहने की अपील की है। जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसे फर्जी कॉल और संदेशों के माध्यम से साइबर अपराधी लोगों से ठगी कर रहे हैं। ये अपराधी प्रायः सरकारी विभागों, बैंक अधिकारियों, बिजली विभाग, बीमा कंपनियों आदि के नाम पर लोगों से संपर्क करते हैं और विश्वास हासिल करने के बाद धोखाधड़ी करते हैं। कई बार वे सोशल मीडिया, व्हाट्सएप या एसएमएस के जरिये लिंक भेजकर भी ठगी करते हैं। किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक खाता संख्या, एटीएम या डेबिट कार्ड नंबर, ओटीपी, या यूपीआई पिन साझा न करें। यदि कोई व्यक्ति सरकारी अधिकारी या संस्था का प्रतिनिधि बनकर कॉल करे, तो उसकी पहचान की पुष्टि अवश्य करें। ऐसे मामलों में तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी थाने में सूचना दें। इसके साथ ही नागरिकों को सलाह दी गई है कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और अज्ञात नंबरों से प्राप्त ऐप डाउनलोड न करें। बैंक या सरकारी संस्थान कभी भी फोन या मैसेज के माध्यम से ओटीपी या पासवर्ड नहीं मांगते। जिलाधिकारी ने कहा कि डिजिटल युग में जहाँ तकनीक ने सुविधा बढ़ाई है, वहीं साइबर अपराधियों ने ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर लिए हैं। इसलिए नागरिकों की जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा कवच है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने मोबाइल और इंटरनेट उपयोग के प्रति सजग रहना चाहिए। संदिग्ध नंबर 84563193461 की जांच जारी है और साइबर सेल को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। यदि किसी व्यक्ति को इस नंबर से कॉल या मैसेज प्राप्त हुआ हो, तो वे उसका स्क्रीनशॉट या कॉल डिटेल सुरक्षित रखकर पुलिस को उपलब्ध कराएँ। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें का संदेश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा है कि थोड़ी सी सावधानी आपको बड़ी ठगी से बचा सकती है। फर्जी कॉल और साइबर फ्रॉड से खुद को और अपने परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता और सूचना ही सबसे बड़ा हथियार है।




