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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 : मतदाता जागरूकता और परिवहन व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने दिये निर्देश – लो वोटर टर्नआउट केंद्रों पर विशेष पहल, वाहन अधिग्रहण प्रक्रिया हुई तेज

जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन अधिकारी ने कोषांगों के नोडल एवं वरीय पदाधिकारी के साथ की बैठक

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १० अक्टूबर

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी से तैयारियों में जुट गया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार में सभी निर्वाची पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी एवं विभिन्न कोषांगों के वरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया के सफल एवं सुचारु संपादन को सुनिश्चित करना और मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करना था। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले के ऐसे पोलिंग स्टेशन, जहां पिछले चुनाव में 50 प्रतिशत से कम मतदान हुआ था, उनकी सूची स्वीप सेल को  उपलब्ध करायें। इन केंद्रों पर विशेष मतदाता जागरूकता अभियान (SVEEP गतिविधियाँ) चलाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि “हर मतदाता का वोट, लोकतंत्र की ताकत है। हमारा लक्ष्य है कि इस बार मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय वृद्धि हो। हर नागरिक 6 नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करे।” डीएम ने सभी बीडीओ, सीडीपीओ, जीविका, आईसीडीएस तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि 50% से कम मतदान वाले क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, घरों पर संपर्क अभियान, प्रभात फेरी और शपथ कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों और शहरी मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक किया जाये। साथ ही, उन केंद्रों के कम मतदान के कारणों का फीडबैक भी प्राप्त किया जाये, ताकि सुधारात्मक कदम उठाये जा सकें।जिलाधिकारी ने डीपीओ आईसीडीएस तथा डीपीएम जीविका को निर्देश दिया कि प्रतिदिन के कार्यक्रमों का संपादन नियमित रूप से करें और दैनिक प्रतिवेदन निर्वाचन कोषांग को उपलब्ध कराएं। बैठक में  अवगत कराया गया कि मतदान दलों, सुरक्षा बलों और निर्वाचन सामग्री के सुरक्षित एवं समयबद्ध आवागमन के लिए जिले में कुल 4207 वाहनों की आवश्यकता  है। इसके विरुद्ध अब तक 9886 वाहनों का अधिग्रहण किया जा चुका है। जिला परिवहन पदाधिकारी ने जानकारी दी कि सभी वाहन स्वामी को अपने अधिग्रहित वाहनों को 02 नवंबर  तक उपलब्ध करा देने  का निर्देश दिया गया है, अन्यथा निर्वाचन जैसे सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्य में लापरवाही मानते हुए नियमानुसार उनके वाहन का निबंधन रद्द किया जाएगा और सुसंगत धाराओं के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। वाहन अधिग्रहण कार्य के लिए जिले में तीन मुख्य स्थल जिला स्कूल, आरडीएस कॉलेज और एमआईटी को परिवहन कोषांग केंद्र के रूप में चिह्नित किया गया है। इस कोषांग के नोडल पदाधिकारी जिला परिवहन पदाधिकारी हैं तथा वरीय प्रभार नगर आयुक्त को सौंपा गया है। डीएम श्री सेन ने कहा कि परिवहन व्यवस्था चुनाव की रीढ़ है। उन्होंने डीटीओ को  वाहनों की तकनीकी जांच, चालक का सत्यापन और ईंधन आपूर्ति की तैयारी समय पर सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। बैठक में डीएम ने अन्य महत्वपूर्ण कोषांगों प्रशिक्षण, व्यय कोषांग, एमसीएमसी सेल, आदर्श आचार संहिता कोषांग, सामग्री प्रबंधन, संचार व्यवस्था, आईटी सेल, नियंत्रण कक्ष और स्वीप कोषांग की भी समीक्षा की। प्रशिक्षण कोषांग को निर्देश दिया गया कि मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण सुचारु ढंग से हो और सभी कर्मी EVM-VVPAT की कार्यप्रणाली को भलीभांति समझ लें। इसके लिए कर्मियों को EVM का हैंड्स ऑन ट्रेनिंग कराने को कहा। 11 अक्टूबर को बिहार विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में सेक्टर पदाधिकारी की ब्रीफिंग की जाएगी तथा उनके कार्यों को गति प्रदान की जाएगी। व्यय कोषांग को निर्देशित किया गया कि निर्वाचन व्यय पर सख्त निगरानी रखी जाये। सभी उम्मीदवारों के व्यय लेखा का प्रतिदिन अद्यतन करने के लिए सभी आवश्यक तैयारी सुनिश्चित कर लें। एमसीएमसी सेल को सोशल मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर आचार संहिता उल्लंघन की सतत मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया। सामग्री प्रबंधन कोषांग को मतदान सामग्री की सुरक्षित पैकिंग और वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई। आईटी एवं संचार कोषांग को डेटा ट्रांसमिशन और नेटवर्क व्यवस्था के बैकअप प्लान तैयार रखने को कहा गया। कंट्रोल रूम में 24×7 हेल्पलाइन की व्यवस्था रखने और शिकायतों के त्वरित निपटान का आदेश दिया गया। बैठक में जिलाधिकारी ने सभी पदाधिकारियों से कहा की “चुनाव लोकतंत्र का उत्सव है। इसे निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और सहभागितापूर्ण बनाना हमारी सर्वोच्च जिम्मेदारी है। प्रशासन की प्रत्येक इकाई को सतर्क और तत्पर रहना होगा।” उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर जिला का लक्ष्य है कि इस बार मतदान प्रतिशत 70 से अधिक पहुंचे। इसके लिए प्रशासनिक दक्षता और जनता की भागीदारी दोनों आवश्यक हैं। लोकतंत्र के इस महापर्व में हर मतदाता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

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