बिहारराज्यलोकल न्यूज़

श्रमिकों के विकास एवं कल्याण हेतु सरकार की पहल, मुख्यमंत्री के द्वारा मुजफ्फरपुर के 40496 श्रमिकों के खाते में 20.24 करोड़ की राशि का हुआ अंतरण

मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना वेब पोर्टल का हुआ शुभारंभ, जिलाधिकारी सहित काफी संख्या में श्रमिक ऐतिहासिक अवसर के बने साक्षी

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १७ सितम्बर

श्रमिकों के विकास एवं कल्याण के लिए बिहार सरकार तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदैव प्रतिबद्ध एवं सतत प्रयासरत हैं। इसी क्रम में बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत वस्त्र सहायता योजना के तहत राज्य के निबंधित निर्माण श्रमिकों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई। मुजफ्फरपुर जिले में मुख्यमंत्री बिहार के द्वारा इस योजना के अंतर्गत ₹5000 प्रति श्रमिक की दर से कुल 40,495 निबंधित श्रमिकों के खातों में ₹20,24,75,000 (बीस करोड़ चौबीस लाख पचहत्तर हजार) की राशि का सीधा अंतरण (Direct Benefit Transfer)  किया गया। इस अवसर  पर पटना स्थित 1 अणे मार्ग, संकल्प भवन में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री ने की। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभी जिलों में किया गया। मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार से जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में श्रमिक वर्ग इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने। इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री सेन ने अपने संबोधन में कहा कि यह पहल न केवल श्रमिकों के परिवारों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होगी, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि मजदूर समाज हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और उनके अथक श्रम से ही गाँव और शहर संवरते हैं, उद्योगों को गति मिलती है तथा राष्ट्र नई ऊँचाइयों को प्राप्त करता है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार की यह ऐतिहासिक पहल श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। वस्त्र सहायता योजना से श्रमिक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा, वहीं मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना के तहत युवाओं को रोजगार एवं कौशल विकास का अवसर मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं के लिए वेब पोर्टल का शुभारंभ किया। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं को MSME, सार्वजनिक उपक्रमों एवं सरकारी संस्थानों में इंटर्नशिप हेतु नियोजन एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह पहल युवाओं को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने, आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार युवाओं को न केवल प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है बल्कि उन्हें रोजगार एवं स्वावलंबन की राह पर अग्रसर करने के लिए सतत प्रयासरत है। जिलाधिकारी श्री सेन ने श्रम अधीक्षक को अधिक से अधिक श्रमिकों का निबंधन करने तथा उन्हें दी जाने वाली 16 प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से लाभान्वित करने को कहा। इसके लिए श्रमिकों के बीच व्यापक प्रचार प्रसार करने तथा उन्हें निबंधन के बारे में एवं उनके लिए संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी देने को कहा। इसके लिए जगह-जगह पर होर्डिंग फ्लेक्स लगाने तथा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि अधिक से अधिक श्रमिकों को सरकारी निबंधन की प्रक्रिया की जानकारी हो सके। बिहार भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का मुख्य कार्य निर्माण श्रमिकों का निबंधन करना तथा उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से आच्छादित करना है। वर्तमान में मुजफ्फरपुर जिला में कुल 1,58,751 श्रमिक निबंधित हैं। वस्त्र सहायता योजना के अंतर्गत वैसे श्रमिक पात्र होते हैं, जिनकी सदस्यता कम से कम 1 वर्ष पूर्ण हो चुकी हो। इसी आधार पर जिले के 40,449 निबंधित श्रमिकों को इस योजना का लाभ दिया गया है। श्रम विभाग वर्तमान में कुल 16 प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रहा है। सरकार व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर न केवल श्रमिकों का निबंधन सुनिश्चित कर रही है, बल्कि उन्हें इन योजनाओं से आच्छादित करने के लिए निरंतर कार्यरत है। निम्नलिखित श्रमिक वर्ग इस योजना के अंतर्गत आते हैं –भवन एवं सड़क निर्माण कार्य में संलग्न अकुशल कामगार, राजमिस्त्री एवं उनके सहायक, बढ़ई, लोहार, पेंटर, इलेक्ट्रीशियन, फर्श/फ्लोर टाइल्स मिस्त्री एवं सहायक, सेंट्रिंग व लोहे का कार्य करने वाले, गेट-ग्रिल एवं वेल्डिंग कार्य में संलग्न श्रमिक, कंक्रीट मिश्रण, मशीन संचालन एवं ढुलाई कार्य करने वाले, महिला श्रमिक जो सीमेंट-गारा ढोने का कार्य करती हैं, सड़क, पुल एवं बांध निर्माण कार्य में लगे श्रमिक, आधुनिक यंत्रों को चलाने वाले मजदूर, प्लंबर एवं भवन निर्माण में जल प्रबंधन से जुड़े श्रमिक, ईंट निर्माण एवं पत्थर तोड़ने वाले, रेलवे, हवाई अड्डा, टेलीफोन आदि निर्माण कार्य में संलग्न अस्थायी श्रमिक,मनरेगा के अंतर्गत कार्यरत मजदूर (बागवानी एवं वानिकी को छोड़कर). जिला जनसम्पर्क अधिकारी प्रमोद कुमार नें बताया की18 से 60 वर्ष तक के श्रमिक निबंधन करा सकते हैं। शहरी क्षेत्र के लिए श्रम अधीक्षक तथा ग्रामीण क्षेत्र के लिए श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी निबंधन पदाधिकारी होते हैं। सरकार का यह प्रयास श्रमिकों एवं युवाओं दोनों वर्गों को सशक्त बनाकर राज्य को आत्मनिर्भर एवं समृद्ध बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!