पटना-बेतिया फोरलेन प्रोजेक्ट तथा पारु औद्योगिक विकास क्षेत्र की प्रगति का जिलाधिकारी ने लिया जायजा, स्थलीय निरीक्षण कर भू-अर्जन और मुआवजा भुगतान की समीक्षा, त्वरित कार्यान्वयन का निर्देश

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २० सितम्बर
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने पटना-बेतिया फोरलेन निर्माण कार्य की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आदिलवाड़ी-मानिकपुर तथा मानिकपुर-देवरिया साहेबगंज फोरलेन प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। मानिकपुर से देवरिया साहेबगंज तक 44 किलोमीटर लंबे फोरलेन प्रोजेक्ट के भू अर्जन कार्य हेतु 419 करोड़ रुपये है। जिलाधिकारी की पहल पर अब तक 301 करोड़ रुपये की राशि भू-धारियों के बीच वितरित की जा चुकी है। शेष भुगतान के लिए उन्होंने जिला भू-अर्जन कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को पूरी तत्परता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। इसके लिए सभी संबंधित कर्मियों को प्रखंड कार्यालय मोतीपुर में बुलाकर बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि रैयतों को शेष मुआवजा राशि कैंप मोड में शीघ्र भुगतान कर दिया जाये ताकि कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर, NHAI को भी आश्वस्त किया कि भुगतान प्रक्रिया में अब कोई देरी नहीं होगी और जल्द ही कार्य प्रारंभ किया जाय। इस स्ट्रेच के अंतर्गत कुल 36 मौजा शामिल हैं, जिनमें 183.7995 हेक्टेयर भूमि अर्जित की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि भुगतान में पारदर्शिता और तेजी दोनों अनिवार्य हैं, ताकि विकास परियोजनाओं में आमजन का विश्वास और सहयोग बना रहे। आदिलवाड़ी से मानिकपुर तक महज 3 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट का संचालन प्रोजेक्ट डायरेक्टर, NHAI पटना द्वारा किया जा रहा है। इसकी कुल प्राक्कलन राशि 36.58 करोड़ है, जिसमें से अब तक 12.71 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने इस खंड की प्रगति की भी समीक्षा की और भुगतान प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया शेष भू-धारियों को नियमानुसार अविलंब मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए। कैंप मोड में भुगतान कर कार्य में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। प्रोजेक्ट डायरेक्टर, NHAI कार्य शुरू करने में किसी प्रकार की देरी न करें। इस परियोजना के पूर्ण हो जाने पर पटना से बेतिया की दूरी और समय में उल्लेखनीय कमी आएगी साथ ही, आवागमन आसान होने से क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि यह परियोजना न केवल सड़क संपर्क को बेहतर बनाएगी बल्कि स्थानीय व्यापार और उद्योग के लिए भी नई संभावनाएं खोलेगी। उत्तर बिहार के औद्योगिक नक्शे पर एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। बेला और मोतीपुर के बाद अब पारू प्रखंड में भी विशाल औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने जा रहा है। पारू में 700 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित यह औद्योगिक क्षेत्र जिले और आसपास के क्षेत्रों के लिए रोजगार, निवेश और आर्थिक समृद्धि का नया द्वार खोलेगा।राज्य सरकार ने इसके लिए लगभग 300 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिलाधिकारी ने स्थलीय भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया तथा रैय्यतों से भी बातचीत की। जिलाधिकारी ने कहा कि बेला और मोतीपुर की तर्ज पर पारू औद्योगिक क्षेत्र को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा। पारु-साहेबगंज फोरलेन पर अवस्थित औद्योगिक क्षेत्र से स्थानीय लोगों को ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर बिहार को औद्योगिक दृष्टि से नई पहचान मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता है कि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी ढंग से हों और भूमि मालिकों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाये। आने वाले वर्षों में जब यह पूरी तरह विकसित हो जाएगा तो यह न केवल रोजगार और आय का स्रोत बनेगा बल्कि बिहार की औद्योगिक तस्वीर को बदलने में सहायक होगा। उद्योग विभाग की ओर से अब भूमि अधिग्रहण, आधारभूत संरचना निर्माण तथा निवेशकों से संपर्क साधने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। बेला और मोतीपुर औद्योगिक क्षेत्रों में पहले से ही कई कंपनियां कार्यरत हैं और वहां से उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। पारू में औद्योगिक क्षेत्र के विकसित होने से मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार का प्रमुख औद्योगिक हब बनकर उभरेगा। औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय युवाओं को मिलेगा। पारू औद्योगिक क्षेत्र में सैकड़ों इकाइयां स्थापित होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर हुनरमंद युवाओं को अपने ही जिले में अवसर प्राप्त होंगे। औद्योगिक क्षेत्र बनने से पारू के आसपास के क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने से छोटे व्यवसायियों और दुकानदारों को भी नया बाजार मिलेगा। कृषि आधारित उद्योगों के आने से किसानों को अपनी उपज की बेहतर कीमत और बाजार की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। औद्योगिक क्षेत्र को सफल बनाने के लिए सड़क, बिजली, पानी और संचार जैसी आधारभूत सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। पहले से ही बेला और मोतीपुर औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा विकसित करने के अनुभव से सरकार को पारू में कार्यान्वयन में सुविधा होगी। सड़क नेटवर्क और बिजली आपूर्ति को सुदृढ़ करने के लिए विशेष योजना तैयार की जायेगी। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि पारू औद्योगिक क्षेत्र में देश-विदेश के बड़े निवेशक आकर्षित हों। इसके लिए उद्योग विभाग की ओर से निवेशकों को प्रोत्साहन पैकेज, भूमि आवंटन में पारदर्शिता और त्वरित स्वीकृति प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। सरकार मानती है कि जब निवेशकों को भरोसेमंद और सुरक्षित वातावरण मिलेगा तो वे बड़े पैमाने पर यहां उद्योग स्थापित करेंगे। बड़े उद्योगों के साथ-साथ पारू औद्योगिक क्षेत्र में छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। विशेष रूप से खाद्य प्रसंस्करण, दूध उत्पाद, चीनी मिल से जुड़े सहायक उद्योग, प्लास्टिक, परिधान, पैकेजिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े उद्योगों की संभावनाएं प्रबल हैं। मुजफ्फरपुर पहले से ही लीची, मखाना और डेयरी उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। इनसे जुड़े उद्योगों के आने से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान मिलेगी। पारू में औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण केवल आर्थिक विकास का ही नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन का भी माध्यम बनेगा। रोजगार बढ़ने से युवाओं की जीवनशैली में सुधार होगा, पलायन रुकेगा और शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। औद्योगिक क्षेत्र से प्राप्त राजस्व का लाभ स्थानीय विकास योजनाओं में लगाया जा सकेगा।





