महिला सशक्तिकरण की नई उड़ान: प्रधानमंत्री ने जीविका निधि साख सहकारी संघ का किया शुभारंभ, मुजफ्फरपुर की 1.28 लाख से अधिक जीविका दीदियों ने रचा इतिहास

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०२ सितम्बर
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बिहार ने एक और ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। प्रधानमंत्री के द्वारा बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड, पटना का शुभारंभ किया गया। इस पुनीत अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे राज्य में हुआ। मुजफ्फरपुर जिला इस ऐतिहासिक घड़ी का विशेष साक्षी बना, जहां जिले भर के 83 कार्यक्रमों में कुल 1,28,363 जीविका दीदियों ने एक साथ भाग लेकर इस पल को भव्य और गरिमापूर्ण बना दिया। जिला स्तर का मुख्य कार्यक्रम बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ। इसमें सांसद वीणा देवी, विधायक रामसूरत राय, जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, उप-विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, अनुमंडल पदाधिकारी (पूर्वी) तुषार कुमार, अपर समाहर्ता विभागीय जांच संजय कुमार सहित कई वरीय अधिकारी एवं काफी संख्या मे जीविका दीदीयां उपस्थित रहे। कार्यक्रम स्थल महिलाओं के उत्साह और उमंग से सराबोर रहा। जीविका समूहों से जुड़ी हजारों महिलाएं अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक सशक्तिकरण की नई कहानी लिखने को तैयार नजर आईं। सरकार ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास को अपना ध्येय बनाया है। जीविका निधि का शुभारंभ इसी दिशा में एक अभूतपूर्व कदम है। अब जीविका दीदियों को आर्थिक सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया और अधिक सरल एवं तेज होगी। महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना – मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना – को भी मंजूरी दी है। इसके तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को उनके पसंदीदा रोजगार की शुरुआत के लिए ₹10,000 की प्रथम किस्त दी जाएगी। रोजगार की शुरुआत के 6 माह बाद आकलन करते हुए जरुरत पड़ने पर ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाएगी। इससे महिलाएं न केवल उद्यमिता के नये आयाम छू सकेंगी बल्कि गांव से लेकर शहर तक अपने उत्पादों की बिक्री हेतु हाट-बाजारों का विकास भी किया जाएगा। इस योजना के क्रियान्वयन से महिलाओं की स्थिति और मजबूत होगी। राज्य के भीतर ही रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे और लोगों को रोजगार की तलाश में बाहर नहीं जाना पड़ेगा। कार्यक्रम में अतिथियों और अधिकारियों ने जीविका दीदियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पहल न सिर्फ महिलाओं के जीवन को समृद्ध एवं सशक्त करेगी बल्कि विकसित बिहार के सपने को साकार करने में भी महती भूमिका निभाएगी। मुजफ्फरपुर की जीविका दीदियों ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। वे आज सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की वाहक बनकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान प्राप्त कर रही हैं। हाल ही में विश्व बैंक की टीम ने जिले का भ्रमण किया। उन्होंने दीदियों द्वारा संचालित बैग क्लस्टर, बीज प्रसंस्करण, दीदी की रसोई, सौर ऊर्जा पंप और अन्य उद्यमों का अवलोकन किया। टीम ने इन प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह मॉडल ग्रामीण आत्मनिर्भरता का अद्वितीय उदाहरण है। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री ने मन की बात के 125वें संस्करण (31 सितंबर 2025) में मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा प्रखंड की देवकी जी का विशेष उल्लेख किया। देवकी जी ने सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए सोलर पंप से 40 एकड़ से अधिक भूमि तक पानी पहुंचाने का कार्य किया है। उनके इस प्रयास ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया बल्कि उन्हें राष्ट्रीय पहचान भी दिलाई। आज वह अन्य जीविका दीदियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं। जीविका निधि और नई योजनाओं ने बिहार की महिलाओं के सपनों को पंख दिए हैं। गांव की महिलाएं अब घरेलू दायरे से निकलकर उद्यमिता की राह पर आगे बढ़ रही हैं। बीज प्रसंस्करण ने किसानों की पैदावार को बाजार तक पहुंचाने में नई दिशा दी। बैग क्लस्टर से महिलाओं ने उत्पादन और विपणन की कला सीखी। दीदी की रसोई से न केवल रोजगार मिला बल्कि गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था भी हुई। सौर ऊर्जा पंप ने कृषि क्षेत्र में हरित क्रांति की नींव रखी। ये सब प्रयास न केवल व्यक्तिगत जीवन को बदल रहे हैं बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी एक नई चेतना और जागरूकता का संचार कर रहे हैं। आज की जीविका दीदियां सिर्फ आर्थिक रूप से सक्षम नहीं बल्कि नेतृत्व क्षमता और सामाजिक सम्मान में भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वाली कई महिलाओं ने कहा कि पहले वे दूसरों पर निर्भर थीं, लेकिन अब सरकार की योजनाओं और समूह की ताकत से वे अपने परिवार का पालन-पोषण, बच्चों की पढ़ाई और समाज में सम्मानजनक स्थान हासिल कर पाई हैं। बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ का शुभारंभ एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय मील का पत्थर है। मुजफ्फरपुर की जीविका दीदियों ने जिस उत्साह और उमंग के साथ भाग लिया, वह इस बात का प्रमाण है कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में सशक्त, आत्मनिर्भर और अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार हैं। यह पहल न सिर्फ महिलाओं की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी बल्कि बिहार को आत्मनिर्भर और विकसित राज्य बनाने की दिशा में भी मजबूत आधार साबित होगी।