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मीनापुर, बोचहा एवं गायघाट विधानसभा क्षेत्र का जिलाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्रभ्रमण कर चुनावी तैयारी का लिया जायजा

भेद्यता मानचित्रण, एरिया डॉमिनेशन, विश्वास बहाली पर दिया जोर, 100% बुथों तथा CAPF आवासन पर मूलभूत सुविधा सुनिश्चित करने का सख्त निर्देश

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १५ सितम्बर

जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन एवं वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने मीनापुर बोचहा एवं गायघाट विधानसभा क्षेत्र की तैयारी की समीक्षा सभी सेक्टर पदाधिकारी सभी थानाध्यक्ष तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी के साथ की। मीनापुर एवं बोचहा विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा रामकृष्ण हाई स्कूल मीनापुर में की जबकि गायघाट विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा गायघाट प्रखंड कार्यालय सभागार में की। मीनापुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 345 मतदान केंद्र हैं तथा 35 सेक्टर पदाधिकारी, 35 पुलिस सेक्टर पदाधिकारी, 4 चेक पोस्ट, 211 शस्त्र का सत्यापन किया गया है। जबकि बोचहा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मतदान केदो की संख्या 365 सेक्टर पदाधिकारी 35 पुलिस सेक्टर पदाधिकारी 35 चेक पोस्ट 3, शस्त्रों का सत्यापन 635 किया गया है।गायघाट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 239 मतदान केंद्र हैं तथा 25 सेक्टर पदाधिकारी एवं 25 सेक्टर पुलिस पदाधिकारी हैं। बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने भेद्यता मानचित्र, मतदान केदो तथा CAPF आवासन  स्थल पर मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, EVM/VVPAT से संबंधित एहतियाती उपाय, चेकपोस्ट पर सघन चेकिंग, शस्त्र सत्यापन, अवैध शस्त्रों की जब्ती, नॉन बेलेबल वारंट की स्थिति, आदतन अपराधियों की थानावार स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि चुनाव कार्य से जुड़े हुए सभी अधिकारी एवं कर्मी न केवल निष्पक्ष रहे बल्कि निष्पक्ष दिखें। सभी अधिकारी एवं कर्मी पक्षपात रहित एवं न्यूट्रल होकर निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के अनुरूप कार्य करें। चुनाव में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं चलेगी बल्कि कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी एवं कर्मी मतदाताओं के बीच इस प्रकार से विश्वास बहाली एवं एरिया डोमिनेशन का कार्य करें ताकि हर बुथ  पर मतदाता भयरहित होकर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान कर सकें। इसके लिए सभी सेक्टर पदाधिकारी क्षेत्र भ्रमण कर लोगों से फीडबैक प्राप्त करें तथा आवश्यक बातों को उच्चाधिकारियों को अवगत करायें। बैठक में जिलाधिकारी ने चुनाव कार्य की संवेदनशीलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन एवं एसओपी का पालन अक्षरशः किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक अधिकारी और कर्मी का दायित्व न केवल निष्पक्ष बने रहना है, बल्कि निष्पक्ष दिखना भी है। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी, पक्षपातपूर्ण आचरण या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।जिलाधिकारी ने सभी सेक्टर पदाधिकारियों को अवगत कराते हुए कहा कि जिला स्तर पर सभी सेक्टर पदाधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा चुनाव आयोग की मार्गदर्शिका से अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी लोग अपने-अपने दायित्वों के निर्वहन हेतु हैंडबुक एवं प्रशिक्षण पुस्तिका का गहन अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि चुनाव की प्रत्येक प्रक्रिया समयबद्ध, पारदर्शी एवं गाइडलाइन आधारित होगी ताकि मतदाताओं को निष्पक्ष और सुरक्षित वातावरण प्राप्त हो। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पेयजल, शौचालय, रैम्प, साइनेज एवं हेल्प डेस्क की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाये। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि मतदाताओं को उपलब्ध पानी की गुणवत्ता एवं शुद्धता पर कोई समझौता नहीं होगा। इसके लिए उन्होंने पीएचइडी लैब में पानी के नमूने की जांच कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी सेक्टर पदाधिकारी अपने क्षेत्राधीन 100% बुथों का, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी 25 % बुथों का और निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी 10% बुथों का स्वयं निरीक्षण करेंगे तथा सभी बुथों पर आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने आगे कहा कि  सभी मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की जाएगी, अतः बिजली की व्यवस्था दुरुस्त रखें ताकि किसी भी प्रकार की बाधा न हो। बैठक में जिलाधिकारी ने स्वतंत्र निष्पक्ष एवं भय रहित चुनाव संपन्न कराने हेतु भेद्यता मानचित्रण, एरिया डोमिनेशन तथा मतदाताओं में विश्वास बहाली पर अत्यधिक जोर दिया ताकि हर बूथ पर मतदाता भय रहित होकर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान कर सके। उन्होंने कहा कि कोई भी टोला, गांव, बुथ या समुदाय भलनरेबल हो सकता  है जिसकी  पहचान कर ससमय विधिसम्मत कार्रवाई करना आवश्यक है ताकि मतदान दिवस पर मतदाता बिना किसी भय, दबाव या प्रलोभन के स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकें। जिलाधिकारी ने थानावार शस्त्र के सत्यापन के क्रम में कहा कि थानावार बचे हुए असत्यापित शस्त्रों का शीघ्र सत्यापन करा लें तथा अवैध शस्त्रों की जब्ती की कार्रवाई तेज करें। उन्होंने थानाध्यक्षों से BNSS की धारा 126/129/135 के तहत बांड डाउन, नॉन-बेलेबल वारंट, आदतन अपराधियों की स्थिति एवं सीसीए प्रस्तावों पर अद्यतन फीडबैक प्राप्त किया। जिलाधिकारी ने कहा कि  चेक पोस्ट को पूरी तरह सक्रिय एवं प्रभावी बनाया जाये तथा प्रत्येक वाहन की सघन तलाशी ली जाये । इस दौरान वाहनों से अवैध रूप से शराब,पैसे, शस्त्र आदि के आवाजाही पर दृढ़ता से रोक लगाई जाएगी ताकि चुनाव की पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने जोर दिया कि चुनाव अवधि में शराब का उत्पादन, बिक्री, भंडारण, परिवहन एवं सेवन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इसके लिए उत्पाद विभाग एवं पुलिस प्रशासन को संयुक्त रूप से अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि इस विषय में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर जिम्मेदार कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के सभी 441 सेक्टर पदाधिकारी को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे मतदान केंद्र की तैयारी से लेकर चुनाव संपन्न कराने तक की संपूर्ण कार्य पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि चुनाव कार्य में ईवीएम की हैंडलिंग केवल पुलिस अभिरक्षा में ही होगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पोल्ड ईवीएम बाजार समिति स्थित स्ट्रांग रूम में तथा अनयूज्ड ईवीएम सिकंदरपुर स्थित वेयरहाउस में जमा किए जाएंगे साथ ही, मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से विशेष रूप से महिला मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने निर्देश दिया कि सभी  विधानसभा क्षेत्रों में परिचालित प्रचार वाहनों के माध्यम से EVM/VVPAT की तकनीकी जानकारी आम मतदाताओं तक पहुंचाई जाये। उन्होंने कहा की भारत निर्वाचन आयोग के गाइडलाइन का अक्षरशः पालन करें। अनुपस्थित एवं लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। सभी मतदान केंद्रों पर बिजली, पेयजल, शौचालय, रैम्प, हेल्प डेस्क उपलब्ध हों। CAPF आवासन स्थल पर मूलभूत सुविधाएं बहाल करें। मतदान दिवस पर बिजली व्यवस्था दुरुस्त रखें। भेद्यता मानचित्रण कर संवेदनशील बुथों पर विशेष ध्यान दें। सभी शस्त्रों का शीघ्र सत्यापन एवं अवैध हथियार जब्ती की कार्रवाई तेज करें। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध, चेक पोस्ट पर सघन तलाशी। ईवीएम की सुरक्षा केवल पुलिस अभिरक्षा में होगी। मतदाता जागरूकता पर बल, विशेषकर महिला मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित हो। विद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्ता सुधार के लिए सतत कार्रवाई करें।

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