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मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव ने प्रमंडल अंतर्गत अधिकारियों के साथ की बैठक, चुनाव पूर्व निगरानी व छापेमारी तेज करने पर बल

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २५ सितम्बर

मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के सचिव अजय यादव की अध्यक्षता में मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार में तिरहुत प्रमंडल अंतर्गत शराबबंदी अभियान की अद्यतन स्थिति एवं प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक अमित जैन, आयुक्त मद्यनिषेध अंशुल अग्रवाल,  जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार,  कोटा किरण कुमार सिटी एसपी, राजेश कुमार सिंह प्रभाकर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक, प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों के उत्पाद अधीक्षक एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने जिले में की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की और आगामी कार्ययोजना साझा की। बैठक में प्रमंडल अंतर्गत जिलों में संचालित शराबबंदी अभियान के अंतर्गत छापेमारी, गिरफ्तारी, जब्ती, विनष्टीकरण एवं अन्य कार्रवाई की बिंदुवार समीक्षा की गई। बैठक में सचिव श्री यादव ने कहा कि शराबबंदी कानून के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को और अधिक सक्रिय, सतर्क एवं तत्पर रहना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर अवैध शराब के कारोबार को रोकने हेतु व्यापक एवं कठोर कदम उठाये जायें। शराब के अवैध धंधे में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाय तथा सीमावर्ती जिलों में विशेष निगरानी रखी जाय। बैठक में जनवरी 2025 से सितंबर 2025 तक की अवधि में प्रमंडल स्तर पर की गई कार्रवाइयों का विवरण प्रस्तुत किया गया। इस दौरान 19 चेक पोस्टों पर वाहनों की जांच के क्रम में कुल 12,819 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई, 856 वाहनों की जब्ती की गई तथा 96,994 लीटर शराब जब्त की गई। समेकित रूप से जनवरी से सितंबर 2025 तक 68,138 छापेमारी की गईं, जिनमें 7,400 अभियोग दर्ज किये गये। इस अवधि में कुल 3,34,401 लीटर शराब की जब्ती की गई और 1,162 वाहनों को अधिहरण में लिया गया। रेल गाड़ियों में की गई कार्रवाई की समीक्षा में बताया गया कि जनवरी से अगस्त 2025 तक प्रमंडल अंतर्गत कुल 175 छापेमारी की गई। इसमें 12 अभियोग दर्ज हुए, 21 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया तथा 1,965 लीटर शराब जब्त की गई। बैठक में समीक्षा के उपरांत सचिव ने निर्देश दिया की सीमावर्ती चेक पोस्टों पर निगरानी बढ़ाई जाए तथा वहां कार्यरत अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता के साथ जांच अभियान चलाना चाहिए। रेल पुलिस के साथ समन्वय स्थापित किया जाए, चिन्हित रेलमार्गों एवं रेलगाड़ियों में नियमित छापेमारी की जाए। शराब विनष्टीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए तथा अधिहरित वाहनों का शीघ्र मूल्यांकन कर उनकी नीलामी सुनिश्चित की जाए। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीमावर्ती जिलों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ समन्वय बैठक की जाए। मद्यनिषेध के क्रियान्वयन की नियमित समीक्षा सभी स्तरों पर की जाए तथा उत्पाद थानों एवं चेक पोस्टों का सतत अनुश्रवण किया जाए। पूर्व में जहरीली शराब की घटनाओं वाले क्षेत्रों में विशेष छापेमारी अभियान चलाकर निगरानी कड़ी की जाए। शराब माफियाओं के विरुद्ध सीसीए (Crime Control Act) लगाने की कार्रवाई की जाए। भारतीय न्याय संहिता के सुसंगत प्रावधानों के तहत शराब कारोबारियों एवं आदतन अभियुक्तों पर कठोर कार्रवाई की जाए। विभाग के पास उपलब्ध संसाधनों जैसे हैंड हेल्ड स्कैनर, ड्रोन एवं स्निफर डॉग्स का अधिकतम उपयोग किया जाए। पुलिस एवं सशस्त्र सीमा बल के साथ संयुक्त छापेमारी अभियान चलाए जाएं। नये प्रस्तावित चेक पोस्टों पर भी समुचित व्यवस्था एवं संयुक्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। आसूचना तंत्र को और मजबूत किया जाए तथा नोडल रेड में ग्रुप सेंटर से उपलब्ध बल का प्रभावी उपयोग हो। अभियोजन संबंधी मामलों को प्राथमिकता दी जाए ताकि अपराधियों को शीघ्र सजा सुनिश्चित हो सके।सचिव ने कहा कि शराबबंदी कानून की सफलता तभी सुनिश्चित होगी जब जब्ती की गई शराब का शीघ्र विनष्टीकरण और अधिहरित वाहनों का शीघ्र निपटारा हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वाहनों के मूल्यांकन एवं नीलामी की प्रक्रिया को तेज करें, ताकि विभागीय कार्रवाई समयबद्ध रूप से पूरी हो सके। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी जिलों में विशेष छापेमारी अभियान चलाया जाए। चुनाव के दौरान अवैध शराब की आपूर्ति रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में गहन जांच अभियान चलाया जाए और संदिग्ध गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाए। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि विभागीय संसाधनों का अधिकतम एवं समुचित उपयोग किया जाए। विशेषकर ड्रोन, स्कैनर और स्निफर डॉग्स जैसे उपकरणों का उपयोग छापेमारी एवं निगरानी कार्य में किया जाए। रेल पुलिस और सशस्त्र सीमा बल के साथ संयुक्त कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करने पर बल दिया गया। शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन कराया जाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए सभी अधिकारी संयुक्त रूप से कार्य करें और अभियान को और अधिक प्रभावी बनाएं। उन्होंने दोहराया कि विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष एवं पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराने के लिए शराबबंदी कानून का पूर्ण क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है।

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