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जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत मॉडल सोलर ग्राम के चयन से संबंधित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, बिहार, ०४ सितम्बर

सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में जिलाधिकारी रिची पांडेय की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत मॉडल सोलर ग्राम के चयन से संबंधित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में निदेशक डीआरडीए राजेश भूषण, अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग, कार्यपालक अभियंता विद्युत विभाग, जिला जनसंपर्क अधिकारी कमल सिंह, सहायक अभियंता ब्रेडा और एलडीएम सीतामढ़ी उपस्थित थे। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत मॉडल सोलर ग्राम चयन के संबंध में जानकारी प्रदान की गई कि उक्त योजना के तहत जिला अंतर्गत 5,000 से अधिक की आबादी वाले गांवों को चिन्हित किया गया है। 5000 आबादी उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में जिले के अधिकतम जनसंख्या वाले कुछ ग्रामों को चिन्हित किया जाएगा चिन्हित किए गए सभी ग्राम उम्मीदवार ग्राम के रूप में अधिसूचित किए जाएंगे। उम्मीदवार ग्राम की सूची अधिसूचित किये जाने के साथ-साथ 06 माह का प्रतिस्पर्धा अवधि रखी जायेगी, जिसमें यह देखा जायेगा कि चिन्हित ग्रामों में से किन ग्रामों में सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं पीएम कुसुम योजना, पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एवं अन्य सौर आधारित परियोजनाओं का अधिक से अधिक क्रियान्यवयन किया गया है, के आधार पर जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा गांवों का मूल्यांकन किया जायेगा एवं उस ग्राम को मॉडल आदर्श ग्राम के रूप में चिन्हित किया जायेगा। आज की बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी प्रखंडों से एक-एक ग्राम का चयन कर उसकी सूची उपलब्ध कराई जाए। बैठक में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने एवं सौर ऊर्जा के माध्यम से घरेलू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिले में एक मॉडल सोलर विलेज (आदर्श सौर ग्राम) का चयन किया जाएगा, जहाँ योजना का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रभावी क्रियान्वयन किया जाएगा। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क, स्वच्छ और सतत बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम होगी साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु सभी प्रखंडों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लाभार्थी इससे जुड़ सकें और इसका लाभ उठा सकें। किसान अपनी लगभग चार एकड़ जमीन देकर एक मेगावॉट (1 MW) का सोलर प्लांट स्थापित कर सकते हैं, स्वयं बिजली उपयोग में ले सकते हैं एवं शेष बिजली ग्रिड को बेच सकते हैं. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के घटक-सी (Component-C) फीडर-स्तरीय सौरियकरण (Feeder-Level solarization) के अंतर्गत इसका लाभ किसानों को मिलेगा। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार रूनीसैदपुर में एक किसान के द्वारा जमीन उपलब्ध कराने को तैयार हैं जल्द ही इस दिशा में कार्य शुरू होगा। पीएम-कुसुम योजना, घटक-सी में कृषि फीडरों का सोलराइजेशन किया जाता है यानी ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों और संबंधित फीडर लाइन पर सौर ऊर्जा आधारित उत्पादन व्यवस्था स्थापित किया जाता है। इससे किसान प्लांट से उत्पन्न बिजली को स्वयं खेती, पंप, अन्य कृषि संबंधी कार्यों के लिए उपयोग कर सकते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता में सुधार होता है। यदि बिजली अधिशेष होती है, तो वह बिजली किसान पास के डिस्कॉम (ग्रिड) को बेच सकते हैं। इससे किसानों को किराए, सब्सिडी एवं बिक्री से अतिरिक्त आय होती है. इस योजना के तहत केंद्रीय सरकार 1.05 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट तक की वित्तीय सहायता (CFA) प्रदान करती है और बिहार जैसे राज्यों में राज्य सरकार अतिरिक्त 45 लाख प्रति मेगावाट सीएफए देती है. इस योजना से किसानों को डीजल पर निर्भरता से छुटकारा मिलता है, प्रदूषण कम होता है और कृषि क्षेत्र को स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से सशक्त बनाया जाता है।

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