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भारतीय संस्कृति वैश्विक सद्भाव और शांति का प्रतीक: राम लाल सिंह, प्रदेश सचिव, लोक शिक्षा समिति

सरस्वती विद्या मंदिर, सदातपुर व लोक शिक्षा समिति बिहार के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय प्रांतीय संस्कृति महोत्सव का समापन समारोह आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार

सरस्वती विद्या मंदिर, सदातपुर व लोक शिक्षा समिति बिहार के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय प्रांतीय संस्कृति महोत्सव के समापन समारोह में लोक शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव राम लाल सिंह बतौर मुख्य वक्ता के रूप में विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति वैश्विक शांति और सद्भाव का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति का महत्व इसके प्राचीन इतिहास, विविधता और मानवीय मूल्य में निहित है। यह विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच संतुलन, सहिष्णुता और वसुधैव कुटुंबकम को बढ़ावा देती है। यह कला, साहित्य, संगीत, दर्शन और विभिन्न परंपराओं के माध्यम से जीवन को पूर्णता प्रदान करती है। बिहार में चल रहे सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल संस्कृति के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। विशिष्ट वक्ता लोक शिक्षा समिति के प्रदेश मंत्री डॉ.सुबोध कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्राचीन काल से ही पर्यावरण संरक्षण पर बल देती रही है,जिसमें प्रकृति को पूजनीय माना जाता है। भारतीय संस्कृति की समावेशी और सह-अस्तित्व वाली जीवन शैली आज की दुनिया में पर्यावरण संरक्षण की सीख देती है। अध्यक्षता करते हुए भारती शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के सचिव डॉ.ललित किशोर ने कहा कि भारतीय संस्कृति बच्चों की पहचान और आत्मविश्वास को आकार देती है। इसके साथ ही उनके आत्म सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाती है। भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के बच्चे अहम भूमिका निभा रहे हैं। इन विद्यालयों में पढ़ाए जा रहे रहे सांस्कृतिक शिक्षा बच्चों में विविधता, सहानुभूति और अपने देश के प्रति सम्मान विकसित करने में मदद करती है। संस्कृति के माध्यम से बच्चों में नैतिक मूल्य, एकाग्रता और अन्य जीवन कौशल विकसित होते हैं। दो दिवसीय प्रांतीय संस्कृति उत्सव का आयोजन काफी सफल रहा है। *संस्कृति उत्सव में प्रांतीय प्रश्न मंच, संस्कृति ज्ञान प्रश्न मंच, मूर्ति कला एवं आशु भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया गया एवं अन्य छात्र-छात्राओं को सहभागिता प्रमाण पत्र दिया गया। आयुष रंजन, रिषु, अनन्या, वैष्णवी, सारिका वत्स, आदर्श राज, आस्था, प्राची, नेहा, आकांक्षा, परी पांडेय, अर्णव राज, सत्यम, आदित्य, सोनी, अंकित, कृतिका, साहिल, विकास, रितिक, अंकित कुमार, मयंक, शीतांश, आयुष, ऋषि, शिवानी, वाचस्पति आदि को क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मंदिर के सचिव डॉ.संजय कुमार, प्राचार्य विकास कुमार मिश्र, प्रो.सत्यनारायण गुप्ता, डॉ.राकेश कुमार पाल, रंजीत कुमार, प्रो.अशोक कुमार सिंह, चंद्र मोहन प्रसाद यादव, विनोद कुमार, कृष्ण कुमार प्रसाद, प्रमोद ठाकुर, रमेश शुक्ल आदि ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। मंच संचालन विभाग निरीक्षक राजेश कुमार रंजन ने किया। कार्यक्रम में लगभग छः सौ भैया बहनों ने भाग लिया।

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