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राजस्व महाअभियान : मुजफ्फरपुर जिले में रैयतों को घर-घर पहुंच रही जमाबंदी प्रति, अब तक कुल 4,40,304 जमाबंदी का हुआ वितरण

जिलाधिकारी ने रैयतों से सक्रिय भागीदारी की अपील, कहा– “समस्याओं का स्थायी समाधान” है इस अभियान का उद्देश्य

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २१ अगस्त

जिले में राजस्व महाअभियान के तहत घर-घर जमाबंदी प्रति वितरण का कार्य तेज़ी से जारी है। इस अभियान के तहत मुजफ्फरपुर जिला में अब तक कुल 4,40,304 जमाबंदी प्रति का वितरण किया जा चुका है। 16 अगस्त से शुरू यह कार्य आगामी 20 सितंबर 2025 तक लगातार जारी रहेगा। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि इस महाअभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक रैयत को उसकी भूमि से संबंधित सही एवं पारदर्शी दस्तावेज उपलब्ध कराना है, जिससे भूमि अभिलेखों की शुद्धता सुनिश्चित हो सके और ग्रामीणों की समस्याओं का स्थायी समाधान संभव हो। इस राजस्व महाअभियान के माध्यम से रैयतों को “समस्या का स्थायी समाधान” उपलब्ध कराने की दिशा में प्रभावी कदम है। अभियान की प्रमुख विशेषताएँ प्रत्येक रैयत को उसकी भूमि से संबंधित सही एवं पारदर्शी दस्तावेज उपलब्ध कराना। दाखिल-खारिज, परिमार्जन एवं अन्य सुधार कार्यों को त्वरित गति से पूरा करना। भूमि संबंधी विवादों से बचाव कर स्थायी समाधान उपलब्ध कराना। भूमि अभिलेखों की शुद्धता के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ एवं बैंकों से ऋण लेने की प्रक्रिया सरल बनाना। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अभियान केवल कागज़ी सुविधा प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से ग्रामीणों को प्रत्यक्ष सामाजिक एवं आर्थिक लाभ भी मिलेगा। इस महाअभियान को पंचायत स्तर तक पहुँचाने के लिए विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया गया है।16 अगस्त से 15 सितंबर 2025 तक जमाबंदी पंजी की प्रति तथा आवश्यकता अनुसार आवेदन प्रपत्र रैयतों को वितरित किए जाएंगे। कार्य जारी है तथा जिलाधिकारी स्तर से लगातार समीक्षा की जा रही है। 19 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक जिले के प्रत्येक पंचायत सरकार भवन या पंचायत के अन्य सरकारी भवन में हल्काबार विशेष शिविर लगाए जाएंगे। प्रत्येक हल्का में कम से कम 7 दिनों के अंतराल पर दो तिथियों में शिविर आयोजित किया जाना है। इन शिविरों में रैयतों के जमीन संबंधी त्रुटियों का निराकरण किया जाएगा। विवादित मामलों का नियमानुसार निपटारा कर ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान  कराया जाना है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि रैयतों को अब अपनी समस्याओं के समाधान के लिए न तो अतिरिक्त श्रम करना है और न ही अनावश्यक समय व्यय करना है। भूमि संबंधी समस्याओं का समाधान अब उनके दरवाजे और घर पर ही संभव है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और अपने दस्तावेजों की शुद्धता सुनिश्चित कर लाभ उठाएँ। राजस्व महाअभियान से रैयतों को केवल दस्तावेज की सुविधा ही नहीं बल्कि प्रत्यक्ष सामाजिक और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। भूमि अभिलेखों की शुद्धता से बैंक से ऋण प्राप्त करना सरल होगा। सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध होगा। विवाद रहित भूमि से ग्रामीण समाज में सौहार्द एवं समरसता को बढ़ावा मिलेगा। रैयतों को उनकी भूमि संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिल सकेगी। राजस्व महाअभियान का लाभ जिले के प्रत्येक पंचायत और प्रत्येक गांव तक पहुंचे। इसके लिए विस्तृत माइक्रो-प्लान तैयार किया गया है, जिसके अंतर्गत–प्रत्येक पंचायत में शिविर आयोजित करने की रूपरेखा तैयार की गई है। अधिकारियों एवं कर्मियों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। कार्यों की नियमित समीक्षा की जा रही है ताकि प्रत्येक स्तर पर पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सके। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार की यह पहल भूमि अभिलेखों को पारदर्शी एवं विवाद रहित बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे न केवल रैयतों का विश्वास बढ़ेगा बल्कि जिले के समग्र विकास की गति भी तेज़ होगी। उन्होंने जिले के प्रत्येक रैयत से अपील की कि वे इस राजस्व महाअभियान में सक्रिय रूप से शामिल हों और अपने दस्तावेजों की शुद्धता की पुष्टि कराएँ। उन्होंने कहा कि “यह अभियान केवल भूमि अभिलेखों की त्रुटि दूर करने का माध्यम ही नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण समाज में समस्या का स्थायी समाधान लेकर आया है। इसलिए सभी रैयत अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर इसका लाभ अवश्य उठाएँ।” इस प्रकार, राजस्व महाअभियान मुजफ्फरपुर जिले में एक जन-अभियान के रूप में सामने आया है, जो प्रत्येक रैयत को उनकी भूमि संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ आर्थिक एवं सामाजिक समरसता की दिशा में ठोस कदम साबित होगा।

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