हमें अपनी आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हर पल सचेत रहने की जरूरत- आरिफ मोहम्मद खां, राज्यपाल-सह-कुलाधिपति
शिक्षा, विकास, आधारभूत संरचना और नई नीति से आज बदल चुका है जम्मू-कश्मीर- मनोज कुमार सिन्हा, उप-राज्यपाल, जम्मू कश्मीर

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २५ अगस्त
बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल-सह-कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां एवं जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा शामिल हुए। लंगट सिंह महाविद्यालय में उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया। राज्यपाल और उप-राज्यपाल एकेडमिक प्रोसेशन में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने किया। इस समारोह के मुख्य अतिथि जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा थे। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंगथु, राज्यपाल के अतिरिक्त उपायुक्त (एम) मेजर अरशदीप सिंह ‘हंस’, राज्यपाल के एडीसी (पी) किरणकुमार गोरख जाधव, (आईपीएस) भी मंच पर उपस्थित थे. अपनें सम्बोधन में समारोह के मुख्य अतिथि सह जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा की शिक्षा, विकास, आधारभूत संरचना और नई नीति से आज कश्मीर बदल चुका है। नया जम्मू कश्मीर वह है, जहां बच्चों के हाथों में अब पत्थर नहीं, पेन है। नया कश्मीर वह है जहां पाकिस्तान के इशारे पर नारेबाजी नहीं होती, बल्कि नेशनल व इंटरनेशनल कान्फ्रेंस होती हैं। यहां युवा रिसर्च, इनोवेशन से लेकर स्टार्टअप से जुड़ रहे हैं। देश के प्रीमियर इंस्टीट्यूट आइआइटी, आइआइएम व अन्य उच्च शिक्षण संस्थान से जुड़कर कश्मीर का युवा अपनी वैश्विक पहचान कायम कर रहा है। आज जम्मू कश्मीर का शिक्षा का नया माडल पूरे देश को आकर्षित कर रहा है। बिहार के युवा की तरह ही जम्मू कश्मीर के युवा भी अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करना चाहते हैं। राज्य में युवाओं ने 1030 नए स्टार्टअप का रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें 323 स्टार्टअप वहां की छात्र-छात्राओं ने शुरू किए हैं। इस बदलाव का श्रेय नई शिक्षा नीति को है। अमृतकाल में युवाओं को देश के विकास में बढ़-चढ़कर योगदान करना है। विकसित भारत के निर्माण के लिए युवा पीढ़ी को संकल्पित होना होगा। पिछले 11 वर्षों में भारत हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। आज भारत की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 34 हजार रुपये तक पहुंच गई है। इसमें युवा शक्ति का अद्भुत योगदान है। उन्होंने कहा कि युवा यह संकल्प लें कि वे बिहार को भारत का नंबर एक राज्य और भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाएंगे। जीवन में चुनौतियों का सामना करना होगा। हर परेशानी व चुनौती से निकलकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है तभी असली दीक्षांत समारोह का फल प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि घिसकर ही पत्थर हीरा बनता है। उप-राज्यपाल ने कहा कि इस शताब्दी का सबसे बड़ा उपहार राष्ट्रीय शिक्षा नीति है। उन्होंने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां से अनुरोध किया है कि वे राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्नातक स्तरीय कोर्स में सनातन से जुड़ा कोर्स शुरू कराने का निर्देश सभी कुलपतियों को जारी करें। उप-राज्यपाल ने कहा हमें उस परंपरा को बदलना होगा जो बेटियों को समाज का नेतृत्व करने से रोकती है। आज के दीक्षांत समारोह में 53 टापरों में 39 बेटियां हैं। इससे साबित होता है कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में आज बेटियां पीछे नहीं हैं। उन्होंने छात्राओं को और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। कहा जीवन का लक्ष्य नया खोजना व नया निर्माण करना है। आज बच्चे डिग्री लेकर जीवन में नई राह पर चलने के लिए तैयार हैं। यह राह केवल पाठ्यक्रम व थ्योरी की पढ़ाई नहीं, बल्कि पेशेवर अनुभव के साथ संगठित ज्ञान से परिपूर्ण होगी। हमारी भारतीय संस्कृति कहती है कि युवा के भीतर परिवर्तन की क्षमता व साहसिक व्यक्तित्व के निर्माण का गुण होना चाहिए। ऐसे ही युवाओं के बल पर भारत आज दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। अगले वर्ष की तिमाही में हमारी जीडीपी ग्रोथ 6.7 होगी और भारत दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कायराना आतंकी हमले में मारे गए लोगों को उन्होंने श्रद्धांजलि दी और कहा आपरेशन सिंदूर से भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया। इस अवसर पर अपनें अध्यक्षीय संबोधन में राज्यपाल सह कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खां ने कहा हमें अपनी आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हर पल सचेत रहने की जरूरत है। आज दुनिया के तमाम शक्तिशाली देश अपने फायदे की नीतियां बनाकर अपना हित साध रहे हैं। उन्होंने कहा की अमेरिका द्वारा एलान कर दिया गया कि भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे। भारत सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी। फिर कहा गया कि अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे। भारत की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलना ही अमेरिका के लिए सबसे बड़ा जवाब था। राज्यपाल ने कहा भारतीय सनातन परंपरा में माता-पिता और गुरु को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। इंसान इस दुनिया में हर किसी को पीछे छोड़कर आगे निकल जाना चाहता है। केवल माता-पिता व गुरु ही चाहते हैं कि उनकी संतान और उनका शिष्य उनको पीछे छोड़ दे। ज्ञान प्राप्त करने के अधिकारी वास्तव में वे ही हैं, जिनके मन में श्रद्धा भरी हो। उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को नए जीवन में प्रवेश के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा की आसमान खुला हुआ है। यह आपके संकल्पों पर निर्भर करता है कि आप कितनी ऊंची व लंबी उड़ान भर सकेंगे। हमारा ज्ञान सिर्फ हमारे लिए नहीं है। ज्ञान प्राप्त करने के बाद हमारा दूसरा जन्म होता है। ज्ञान से व्यक्तित्व का रूपांतरण होता है। हमारी संस्कृति इतनी समृद्ध है, क्योंकि हम विषमतम परिस्थितियों में भी अपनी ज्ञान की परंपरा को नहीं छोड़ते हैं। दीक्षांत समारोह में स्नातकोत्तर के सत्र 2021-23 और 2022-24 के 53 टापरों को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। वहीं पीएचडी के 96 शोधार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।दीक्षांत समारोह के अवसर पर राज्यपाल के आगमन पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार के नेतृत्व में मजबूत और व्यवस्थित विधि व्यवस्था व सुरक्षा-व्यवस्था के बीच विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ।