13 मोबाइल प्रचार वाहनों को 11 विधानसभा क्षेत्रों के लिए डीएम ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, मतदाता सीखेंगे EVM/VVPAT से वोटिंग की प्रक्रिया, मिलेगा हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण
लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने और जनभागीदारी बढ़ाने की दिशा में सार्थक पहल

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १८ अगस्त
लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सशक्त एवं सहभागितापूर्ण बनाने की दिशा में जिलाधिकारी ने एक व्यापक मतदाता जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने मुजफ्फरपुर समाहरणालय परिसर से 13 मोबाइल प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन जिले के 11 विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण करेंगे और मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) तथा वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के उपयोग की प्रक्रिया से अवगत कराएंगे। इन वाहनों के माध्यम से मतदाताओं को न केवल मशीन की कार्यप्रणाली समझाई जाएगी, बल्कि उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण (हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग) भी दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इस पहल से मतदाताओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे मतदान दिवस पर बिना किसी आशंका के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए केवल मतदाता संख्या में वृद्धि ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह आवश्यक है कि हर मतदाता मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता और तकनीक की विश्वसनीयता को भी समझे। उन्होंने स्पष्ट किया कि EVM और VVPAT पूरी तरह सुरक्षित और विश्वसनीय प्रणाली है, जिसकी तकनीकी संरचना में किसी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि “यदि मतदाता मशीन की कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित होंगे तो वे मतदान केंद्र पर निडर होकर मतदान कर सकेंगे। यह प्रशिक्षण मतदाताओं में तकनीकी आशंका दूर करने और विश्वास जगाने का सबसे प्रभावी तरीका है।” प्रत्येक मोबाइल प्रचार वाहन को विशेष रूप से तैयार किया गया है ताकि मतदाताओं को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। इन वाहनों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं –मास्टर ट्रेनर की नियुक्ति – प्रत्येक वाहन पर प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर मौजूद हैं, जो मतदाताओं को मशीन की कार्यप्रणाली समझायेंगे और उन्हें व्यवहारिक प्रशिक्षण देंगे। दंडाधिकारी की तैनाती – कानून व्यवस्था और प्रशासनिक प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक वाहन के साथ दंडाधिकारी की नियुक्ति की गई है। पुलिस बल की मौजूदगी – सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक वाहन के साथ पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। दृश्यात्मक प्रचार सामग्री – वाहनों पर आकर्षक बैनर, पोस्टर और स्टैंडी लगाए गए हैं ताकि संदेश दृश्यात्मक रूप से भी प्रभावी हो। इन वाहनों के माध्यम से शहरी वार्डों से लेकर सुदूर ग्रामीण पंचायतों तक मतदाताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि इस अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विधानसभा स्तर पर सहायक निर्वाचन पदाधिकारी (AERO) को वाहनों की प्रतिदिन की गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) इस कार्यक्रम की निगरानी करेंगे। जिला स्तर पर नियंत्रण एवं रिपोर्टिंग की व्यवस्था समाहरणालय स्थित निर्वाचन कार्यालय से की गई है। मोबाइल प्रचार वाहनों के अतिरिक्त समाहरणालय परिसर में एक स्थायी ईवीएम डेमोंसट्रेशन सेंटर भी कार्यरत है। इस केंद्र पर प्रतिदिन औसतन 50 नागरिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसके लिए दो अनुभवी मास्टर ट्रेनर धीरेन्द्र कुमार एवं नीरज कुमार की प्रतिनियुक्त की गई है। ये ट्रेनर नागरिकों को मतदान की संपूर्ण प्रक्रिया विस्तार से समझा रहे हैं और आवश्यकतानुसार व्यावहारिक अभ्यास कराते हैं। यह केंद्र सामान्य नागरिकों के लिए कार्यालय अवधि में निःशुल्क उपलब्ध है, जहां कोई भी व्यक्ति जाकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है। जिलाधिकारी ने कहा कि लोकतंत्र में मतदाता ही सर्वोपरि है, और जब मतदाता आत्मविश्वास के साथ मतदान करेंगे तो लोकतंत्र मजबूत होगा। “हमारा उद्देश्य यही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर जिला उच्च मतदान प्रतिशत प्राप्त करे। इसके लिए मतदाता ईवीएम/ वीवीपैट की जानकारी प्राप्त करें, निर्भीक होकर मतदान केंद्र तक पहुंचे और मशीन का सही उपयोग कर अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें।” जिलाधिकारी ने कहा है कि यह व्यापक अभियान न केवल तकनीकी प्रशिक्षण तक सीमित रहेगा, बल्कि यह मतदाताओं में लोकतांत्रिक जिम्मेदारी का भाव भी उत्पन्न करेगा। इससे मतदाता समझेंगे कि मतदान केवल एक अधिकार ही नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। लोकतंत्र तभी सशक्त होगा जब हर नागरिक अपनी भूमिका का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे। जिलाधिकारी का यह प्रयास निश्चित रूप से आगामी विधानसभा चुनाव में अधिक मतदान प्रतिशत, पारदर्शी प्रक्रिया और जनभागीदारी सुनिश्चित करेगा। इससे जहां मतदाताओं में मतदान प्रक्रिया को लेकर विश्वास उत्पन्न होगा, वहीं जिले में स्वच्छ, पारदर्शी और सहभागितापूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया की नींव और अधिक मजबूत होगी।




