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स्थानीय उद्यमियों के प्रोत्साहन को लेकर “आकांक्षा हाट मेला” का हुआ भव्य आगाज़, ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन की ओर बढ़ने का अवसर

यह मेला जिला प्रशासन की उस सोच को मूर्त रूप देता है, जिसमें ग्राम्य स्तर की महिलाओं एवं लघु उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है- सुब्रत कुमार सेन

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २८ जुलाई

स्थानीय उद्यमियों को बढ़ावा देने और उनके उत्पादों को पहचान दिलाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा खुदीराम बोस स्टेडियम, कंपनी बाग परिसर में “आकांक्षा हाट मेला” का भव्य शुभारंभ किया गया। जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत उन्मुक्त गगन में रंग-बिरंगे गुब्बारों का गुच्छ उड़ाकर की। इस अवसर पर श्री सेन नें कहा की यह मेला जिला प्रशासन की उस सोच को मूर्त रूप देता है, जिसमें ग्राम्य स्तर की महिलाओं एवं लघु उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि ग्रामीण सृजनशीलता और मेहनत को मंच प्रदान करने का अभियान है। ‘संपूर्णता अभियान’ में मुजफ्फरपुर की उल्लेखनीय उपलब्धि रही है। नीति आयोग द्वारा चलाए जा रहे “संपूर्णता अभियान” के तहत मुजफ्फरपुर जिले को आकांक्षी जिला के रूप में 10 करोड़ रुपये का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि जिले के विकास, नवाचार एवं जनसहभागिता को राष्ट्रीय मान्यता दिलाने वाली है। इस अनुदान से विकास की कई योजनाओं को सशक्त रूप से लागू किया जाएगा, जिससे जिले के समग्र विकास को गति मिलेगी। इस प्रकार “आकांक्षा हाट मेला” न केवल स्थानीय उत्पादों को नया बाजार देने का अवसर है, बल्कि यह मुजफ्फरपुर के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में एक सशक्त कदम भी है। जिला प्रशासन के इस सराहनीय प्रयास से स्थानीयता, स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण जैसे राष्ट्रीय संकल्प ज़मीनी हकीकत में बदलते नज़र आ रहे हैं। मेला में कृषि विभाग द्वारा लगाए गए स्टॉल पर ऑर्गेनिक उत्पादों की भरमार है। विशेष रूप से रागी, बाजरा, ज्वार का आंटा, तथा इनसे बने लड्डू, केक और मडुआ आधारित अन्य उत्पाद लोगों को खूब आकर्षित कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त एक अन्य स्टॉल पर वर्मी कंपोस्ट, जैविक कीटनाशी जैसे उत्पाद भी उपलब्ध हैं, जो क्षेत्र के किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं। मुजफ्फरपुर स्थित खादी मॉल की भागीदारी भी इस मेले में रही, जिसमें पुरुषों, महिलाओं एवं बच्चों के परिधान जैकेट, बंडी, कुर्ता, साड़ी, सूट, कॉटन कपड़े आदि 30% की विशेष छूट पर उपलब्ध हैं। खादी के दूसरे स्टॉल पर स्थानीय खाद्य उद्यमियों द्वारा निर्मित नमकीन, अचार और अन्य खाद्य उत्पाद भी विक्रय हेतु रखे गए हैं, जो बिहार की परंपरागत व्यंजन एवं स्वाद की झलक देते हैं। मेले का मुख्य आकर्षण जीविका समूहों की महिलाओं द्वारा संचालित स्टॉल हैं, जहाँ पर बिहारी व्यंजन, रेडीमेड वस्त्र, हस्तनिर्मित सामग्री, दीदी की रसोई जैसे उत्पाद उपलब्ध हैं। इसके साथ ही शिप से बनी हैंडमेड ज्वेलरी, नेकलेस, टॉप्स, ईयररिंग्स आदि भी दर्शकों को खासा लुभा रहे हैं। जिला पदाधिकारी द्वारा स्थानीय उद्यमियों को बढ़ावा देने तथा अधिक से अधिक युवाओं के लिए रोजगार का अवसर सृजित करने की दिशा में प्रभावी प्रयास किया गया है। इस क्रम में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना  के तहत जिला के युवा , EBC, अल्पसंख्यक, एससी एसटी, महिला आदि उद्यमियों को बढ़ावा देने तथा रोजगार का अधिक से अधिक अवसर सृजित करने का प्रयास किया गया है। जिला जनसम्पर्क अधिकारी प्रमोद कुमार नें बताया की यह मेला 28 जुलाई से 2 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें कुल 15 स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉलों पर जिले के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय उत्पादकों, खादी ग्रामोद्योग, कृषि विभाग एवं जीविका से जुड़ी महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शन और विक्री किया जा रहा है।

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