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रामदयालु सिंह महाविद्यालय का इतिहास गौरवशाली, आगे इसका भविष्य स्वर्णिम होगा- प्रो.दिनेश चन्द्र राय, कुलपति, बीआरएबीयू

रामदयालु सिंह महाविद्यालय का 77वां स्थापना दिवस समारोह आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, १९ जुलाई

रामदयालु सिंह महाविद्यालय के 77वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति डॉ.दिनेश चंद्र राय ने कहा कि रामदयालु सिंह महाविद्यालय का इतिहास गौरवशाली है, आगे इसका भविष्य स्वर्णिम होगा। विगत 77 वर्षों के दौरान महाविद्यालय ने एकेडमिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने के साथ-साथ चहुंमुखी विकास किया है। इसमें यहां के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों की महती भूमिका है। यहां के शिक्षक शोध कार्यों में गहरी रुचि ले रहे हैं। विश्वविद्यालय में पदाधिकारी के रूप में यहां के शिक्षक काफी अच्छा कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के विभागों एवं कॉलेज में कार्यरत अतिथि प्राध्यापक भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। शिक्षक, कर्मचारी व छात्रों के सामूहिक सहयोग से विश्वविद्यालय के कार्य संस्कृति में बदलाव आया है आगे और बेहतर होने की आशा है।  रामदयालु बाबू ने जिस शिद्दत से इस महाविद्यालय को सींचा है उसे हम सबों को मिलकर आगे बढ़ाना है। प्राचार्या इस दिशा में काफी अच्छा कर रही हैं। इस अवसर पर प्राचार्या डॉ.अनिता सिंह ने सभी अतिथियों, पूर्व प्राचार्य, विश्वविद्यालय पदाधिकारी व सेवानिवृत्ति शिक्षकों को अंग वस्त्रम देकर स्वागत किया और कहा कि सबों के सहयोग और प्रेरणा से यह महाविद्यालय सभी क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। यहां के शिक्षक शोध एवं प्रोजेक्ट कार्य में काफी बेहतर कर रहे हैं। कर्मचारी एवं छात्रों का भी काफी सहयोग मिल रहा है। आगे सबों के प्रयास से महाविद्यालय ग्लोबल एकेडमिक ऊंचाई को प्राप्त करेगा। इस अवसर पर कुलपति एवं मंचासीन अतिथियों द्वारा महाविद्यालय की पत्रिका “वर्तिका” का विमोचन किया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम में कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के स्नातक व स्नातकोत्तर में तीस टॉपर छात्रों को सर्टिफिकेट, मेडल और प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया गया। एनसीसी और एनएसएस में बेहतर करने वाले छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। इस दौरान कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का यह पहला महाविद्यालय है जहां टॉपर्स को सम्मानित करने की संस्कृति है। स्थापना दिवस के अवसर पर कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कत्थक, गोदना गीत, शिव तांडव, विदेशिया नृत्य, सोलो डांस, समूह गीत आदि की प्रस्तुति नें कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में अक्षिता, आदित्य केशव, अंजलि, सृष्टि, पवन, गुंजा, शुभम, पलक आदि ने शानदार प्रस्तुति की। महाविद्यालय के इतिहास पर वर्तिका पत्रिका के संपादक डॉ.रमेश प्रसाद गुप्ता और डॉ.नीलिमा झा ने विस्तार से प्रकाश डाला। महाविद्यालय के शिक्षकों की उपलब्धियां का डिजिटल प्रेजेंटेशन भी किया गया। इसके साथ ही महाविद्यालय की उपलब्धियों पर डॉ.रजनीकांत पांडे ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अनुराधा पाठक और डॉ.नीरज कुमार मिश्रा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ.मंजरी आनंद ने किया। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो.प्रसून कुमार राय, डीएसडब्ल्यू डॉ.आलोक प्रताप सिंह, पूर्व प्राचार्य डॉ.बी.के आजाद, प्राचार्य डॉ.राकेश कुमार सिंह, प्राचार्य डॉ.ममता रानी, प्राचार्य डॉ.अमीता शर्मा, महाविद्यालय निरीक्षक डॉ.अरविंद कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ.रामकुमार, डॉ.शरतेंदु शेखर, सीनेटर डॉ.संजय कुमार सुमन, सीनेटर डॉ.भरत भूषण, सिंडिकेट सदस्य डॉ.सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डॉ.सौरभ राज, समेत पूर्ववर्ती छात्र, समाजसेवी, साहित्यकार, सीनेट व सिंडिकेट के सदस्य गण, महाविद्यालय  के सेवानिवृत्त प्राध्यापक गण सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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