पेयजल संकट से निपटने को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई आहूत
जल चौपाल व जनजागरूकता अभियान चलाने के डीएम ने दिए निर्देश

ध्रुव कुमार सिंह, सीतामढ़ी, 07 जुलाई
जिले में बारिश की कमी के कारण उत्पन्न पेयजल संकट की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी रिची पांडेय की अध्यक्षता में सीतामढ़ी समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीडीसी, अपर समाहर्ता (राजस्व), अपर समाहर्ता, आपदा प्रबंधन, पीएचईडी विभाग के अभियंताओं सहित तकनीकी विभागों के वरीय पदाधिकारी एवं सभी नगर निकायों के कार्यपालक अधिकारी मौजूद थे। जबकि सभी अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ें। बैठक में जिलाधिकारी ने जिले के परिहार, सोनबरसा, नानपुर, बोखड़ा, बाजपट्टी, पुपरी एवं बथनाहा प्रखंडों में पेयजल संकट की आशंका को देखते हुए तत्क्षण सर्वेक्षण कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही कंट्रोल रूम से प्रतिदिन समीक्षा कर स्थिति की निगरानी करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा की वर्तमान परिस्थितियों में पेयजल का संकट जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर विषय है। इसे प्राथमिकता के आधार पर लिया जाए। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी गांव या मोहल्ले में पेयजल की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि खराब पड़े चापाकलों की शीघ्र मरम्मत कराई जाए एवं आवश्यकता अनुसार नए चापाकलों की स्थापना उन स्थानों पर कराई जाए जहां यह सर्वाधिक आवश्यक है। जिलाधिकारी ने सभी एजेंसियों को पारदर्शिता व तत्परता के साथ कार्य करने का निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम श्री पांडेय ने स्पष्ट निर्देश दिया कि बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को अविलंब चालू कराया जाए। साथ ही उन्होंने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जल के दुरुपयोग पर सख्ती से रोक लगाई जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी पंचायतों में ‘जल-चौपाल’ का आयोजन कर ग्रामीणों को जल संकट, जल संरक्षण एवं जल सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए। आमजन को इस अभियान से जोड़कर सामूहिक प्रयास से इस संकट से निपटने की अपील की गई।