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बिहार सैन्य पुलिस केंद्र -6 और पुलिस लाइन मुजफ्फरपुर में ” जीविका दीदी की रसोई” का हुआ शुभारम्भ

जीविका दीदी की रसोई” अब केवल एक भोजन केंद्र नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की रसोई बन चुकी है जहां से आत्मनिर्भरता की उठ रही है खुशबू

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २१ जुलाई

नारी सशक्तिकरण की दिशा में जीविका के निरंतर बढ़ते कदम के साथ मुजफ्फरपुर के बिहार सैन्य पुलिस केंद्र -6 और पुलिस लाइन मुजफ्फरपुर में जीविका दीदी की रसोई के शुभारम्भ  के साथ एक और नए आयाम की शुरुआत जीविका द्वारा किया गया |  पुलिस लाइन और बीएमपी -6 में  प्रशिक्षणार्थियों को स्वच्छ, पौष्टिक एवं संतुलित भोजन उपलब्ध कराने हेतु जीविका दीदियों द्वारा संचालित “दीदी की रसोई” का शुभारम्भ किया गया है। यह पहल न केवल प्रशिक्षण में भाग ले रहे पुलिस जवानों के लिए सुविधाजनक सिद्ध हो रही है, बल्कि जीविका दीदियों के लिए नए आजीविका का एक सशक्त माध्यम भी बन रही है। जिला जनसम्पर्क अधिकारी प्रमोद कुमार नें बताया की स्वास्थ्यवर्धक भोजन किसी भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होता है। जब भोजन व्यवस्था के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यरत महिलाएं आगे आती हैं, तो यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक उल्लेखनीय पहल होती है। उन्होंने जीविका के प्रयासों की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि यह मॉडल अन्य प्रशिक्षण संस्थानों के लिए भी प्रेरणा बनेगा। जीविका की जिला परियोजना प्रबंधक अनिशा ने कहा कि जीविका का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना है। इस तरह के संस्थागत साझेदारी से न केवल महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलते हैं, बल्कि वे समाज के मुख्यधारा से भी जुड़ती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रसोई में कार्य करने वाली सभी दीदियों को पूर्व में स्वच्छता, पोषण, खाद्य गुणवत्ता एवं सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है ताकि जवानों को गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान किया जा सके। इस रसोई केंद्र में प्रतिदिन लगभग 800 प्रशिक्षणार्थियों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। भोजन में विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि वह पौष्टिक, सुपाच्य एवं संतुलित हो। भोजन बनाने से लेकर परोसने तक की प्रक्रिया में सभी दीदियाँ एप्रन, स्वच्छ कपडे आदि का प्रयोग कर रही हैं, जिससे स्वच्छता और सुरक्षा के मानकों का पालन हो सके। इस पहल ने यह सिद्ध कर दिया कि जब सरकारी विभाग एवं समुदाय आधारित संगठन एक साथ मिलकर कार्य करते हैं, तो उसका प्रभाव दूरगामी एवं सकारात्मक होता है। इस अवसर पर नॉन फार्म  मैनेजर विकास कुमार, कैंटीन मैनेजर सोनू कुमार, विवेक आनंद और सर्वोतम और उत्तम जीविका संकुल स्तरीय संघ की प्रतिनिधि दीदियाँ एवं चयनित जीविका रसोई दीदियाँ भी उपस्थित थीं।

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