योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है, जो अनुशासन, एकाग्रता और आत्मचिंतन सिखाती है- प्रो.दिनेश चंद्र राय, कुलपति
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बी.आर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय में शिक्षकों एवं छात्रों नें किया योगाभ्यास

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २१ जून
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय और पीजी डिप्लोमा इन योगिक स्टडीज-विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगाचार्य शैलेंद्र ने शिक्षकों एवं छात्रों को योगाभ्यास कराया। इस अवसर पर कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग भारत की अनमोल देन है। यह हजारों वर्ष पुरानी एक आध्यात्मिक और शारीरिक विद्या है। आज योग विश्व भर में हेल्दी लाइफस्टाइल का दूसरा नाम बन चुका है। कुलपति प्रो.राय नें कहा की यह एक ऐसी विद्या है जो तन, मन और आत्मा को संतुलन में रखती है। योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है, जो अनुशासन, एकाग्रता और आत्मचिंतन सिखाती है। कार्यक्रम संयोजक सह विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ.आलोक प्रताप सिंह ने कहा कि योग आपके तन को ही नहीं, बल्कि आपके स्वस्थ दिमाग और शांत मन को भी दिशा देता है। यह अंदरूनी ऊर्जा को जाग्रत करता है और आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है। डॉ.सिंह नें कहा की वर्ष 2025 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम “योगा फॉर वन अर्थ वन हेल्थ ” वैश्विक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। निदेशक डॉ सरोज वर्मा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य योग के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। समन्वयक डॉ पयोली ने कहा कि योग समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। योगाचार्य शैलेंद्र ने सूर्य नमस्कार, श्वास क्रिया, अनुलोम विलोम, कपालभाति, कुंभक, भुजंगासन, वज्रासन, सर्वांगासन, पश्चिमोत्तासन आदि का घंटे भर अभ्यास कराया। इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो.बी.एस राय, महाविद्यालय निरीक्षक डॉ.राजीव कुमार, प्रो.ललन कुमार झा, प्रो.इंदुधर झा, डॉ.अनुराधा पाठक, डॉ.शंकर कुमार, चंदन कुमार समेत बड़ी संख्या में शिक्षक छात्र एवं कर्मचारियों ने योगाभ्यास किया। योग कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ.पयोली ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन निदेशक डॉ.सरोज कुमार वर्मा ने किया।