बी.आर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा आश्वासन के बाद संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय संघर्ष मोर्चा द्वारा जारी चरणबद्ध आन्दोलन स्थगित
यदि एक सप्ताह के भीतर मांगे पूरी नहीं हुई तो फिर जोरदार तरीके से आंदोलन शुरू किया जाएगा- संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय संघर्ष मोर्चा

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २६ जून
बी.आर अम्बेडकर बिहार विश्वविद्यालय में संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय संघर्ष मोर्चा द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आंदोलन के चौथे चरण में संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय में धरना/प्रदर्शन किया। धरना/प्रदर्शन को समर्थन देते हुए विश्वविद्यालय कर्मचारियों ने भी विश्वविद्यालय को बंद कर दिया। धरना स्थल पर पहुंचकर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा नें भी आंदोलनरत शिक्षकों को अपना समर्थन दिया। धरना को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मांगे जायज है। सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को अनुदान की राशि उपलब्ध कराये जाने के बाद भी विश्वविद्यालय द्वारा अनुदान वितरण न करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने शिक्षकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जल्द ही कुलपति से इस संदर्भ में बात की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अनुदानित शिक्षकों की समस्याओं को लेकर वे सरकार से भी वार्ता करेंगे। धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो.अभय नाथ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में उच्च शिक्षा को गति प्रदान करने में संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है। दोपहर बाद विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो.वी.एस राय, कुलसचिव प्रो.समीर कुमार शर्मा एवं सिंडिकेट सदस्य प्रो.प्रमोद कुमार ने धरना पर बैठे संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों से वार्ता कर आश्वस्त किया कि कुलपति के मुख्यालय में आते ही मांगों को उनके समक्ष निराकरण हेतु रखा जाएगा। पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया कि एक सप्ताह के भीतर अनुदान की राशि कॉलेज को भेज दी जाएगी। बाकि मांगों पर भी जल्द विचार किया जाएगा। सकारात्मक वार्ता के बाद धरना को समाप्त कर दिया गया है। वार्ता के दौरान संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर मांगे पूरी नहीं हुई तो फिर जोरदार तरीके से आंदोलन शुरू किया जाएगा। प्रो.संत ज्ञानेश्वर प्रसाद सिंह के अध्यक्षता में आयोजित धरना में प्रो.सुनील कुमार, प्रो.पी.के शाही, डॉ.बबीता, प्रो.विपिन कुमार, प्रो.श्रीकांत पांडे, प्रो.डी.के सिंह, प्रो.अरुण कुमार, प्रो.घनश्याम ठाकुर, प्रो.सुरेश कुमार, प्रो.विनय भूषण, प्रो.विजय कुमार समेत बड़ी संख्या में शिक्षक, शिक्षिका एवं कर्मचारी मौजूद थे।

