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कुलपति प्रो.दिनेश चन्द्र राय नें राघव प्रसाद सिंह महाविद्यालय, जैतपुर में संस्थापक वीरेंद्र कुमार सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण एवं प्रथम प्राचार्य राजमंगल बाबू स्मृति उद्यान का लोकार्पण किया

महाविद्यालय के संस्थापक की आदमकद प्रतिमा का अनावरण एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक समारोह है- कुलपति

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २५ अप्रैल

राघव प्रसाद सिंह महाविद्यालय जैतपुर में महाविद्यालय के संस्थापक परिवार के सदस्य वीरेंद्र कुमार सिंह की आदमकद प्रतिमा का अनावरण एवं संस्थापक प्राचार्य राजमंगल बाबू स्मृति उद्यान का लोकार्पण हुआ। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्विद्यालय के कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र राय नें प्रतिमा का अनावरण और स्मृति उद्यान का लोकार्पण किया. इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो.विनय शंकर राय, महाविद्यालय निरीक्षक प्रो.राजीव कुमार, डॉ.रदन रंजन, ई.अमी रंजन एवं जैतपुर परिवार से अनन्तवीर सिन्हा, शिवहर डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ.मो.रईस की गरिमामय उपस्थिति रही। प्राचार्य डॉ.राकेश कुमार सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। एनसीसी कैडेटों ने कुलपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बिहार विश्वविद्यालय के कुलगीत गाकर किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो.राय ने कहा की महाविद्यालय के संस्थापक की आदमकद प्रतिमा का अनावरण एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक समारोह है। यह कार्यक्रम न केवल संस्थापक की विरासत को याद करता है, बल्कि महाविद्यालय की स्थापना के पीछे के उद्देश्यों को भी दर्शाता है। उन्होंने महाविद्यालय के ऐतिहासिकता को रेखांकित करते हुए तमाम सुविधा उपलब्ध कराने का वादा किया। कुलपति ने कहा कि महाविद्यालय की स्थापना राघव प्रसाद सिंह ने की थी। उन्होंने कहा कि राघव बाबू की महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घर में महाविद्यालय की स्थापना कर मुजफ्फरपुर में अपना घर बन जाने तक वे स्वयं अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहे थे। इस अवसर पर महाविद्यालय के संस्थापक परिवार के सदस्य अनंतवीर सिन्हा ने कहा कि पूर्वजों ने ग्रामीण क्षेत्र में आजादी के बाद महाविद्यालय की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। छात्रों ने महाविद्यालय में पीजी की पढ़ाई शुरू करवाने का आग्रह किया जिसे कुलपति ने स्वीकार कर लिया और प्राचार्य महोदय से आग्रह किया कि इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। कुलानुशासक डॉ.राय ने इस अवसर पर कहा कि महापुरुषों का मूर्ति इसलिए लगायी जाती है कि विद्यार्थियों को अच्छे नागरिक बनने की प्रेरणा मिले। शिक्षकों को प्रेरणा मिलती है कि हम क्वालिटी एजुकेशन छात्र-छात्राओं को दें। महाविद्यालय निरीक्षक डॉ.कुमार नें कहा कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाई पर पूरा फोकस करना चाहिए. जिससे आने वाले दिनों में हमारा समाज और देश काफी आगे बढ़ सके. इससे पूर्व कुलपति के महाविद्यालय पहुंचते ही महाविद्यालय प्रशासन की ओर से प्राचार्य ने उनका स्वागत माला पहना कर और बुके देकर किया. इसके बाद एनसीसी कैडेट्स ने कुलपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. उन्होंने कैडेट्स का निरीक्षण किया. यहां से वह प्रिंसिपल चैंबर पहुंचे. जहां से प्रतिमा अनावरण करने के लिए पहुंचे. मुख्य कार्यक्रम महाविद्यालय के सेमिनार हाल में आयोजित किया गया. जहां विभिन्न आयोजनों और स्वागत गानों से महाविद्यालय के एनएसएस एवं एनसीसी कैडेट्स, छात्राओं और छात्रों ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया. स्वागत गीत से छात्राओं ने कुलपति का स्वागत किया और उन्हें पुष्प गुच्छ और अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं और ग्रामीणों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ.मृत्युंजय कुमार ने किया। मंच संचालन आयोजन समिति के अध्यक्ष और डॉ.विनोद आजाद ने किया।

 

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