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हीट वेव एवं अगलगी से सुरक्षा एवं जागरूकता हेतु जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्गत मार्गदर्शिका के अनुरूप दायित्व का जिम्मेवारी से स-समय निष्पादन का दिया निर्देश

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, ०५ अप्रैल

आपदा प्रबंधन के तहत हीट वेव एवं अगलगी की घटनाओं से सुरक्षा एवं जागरूकता हेतु जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार में बैठक की तथा सभी अधिकारियों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्गत मार्गदर्शिका के अनुरूप अपने-अपने विभागीय दायित्व का जिम्मेवारी से स-समय निष्पादन का निर्देश दिया। गर्मी की तपिश तथा आम लोगों की जरूरत को देखते हुए जिलाधिकारी ने नगर निकायों के तहत प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु “प्याऊ” की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके लिए नगर आयुक्त एवं सभी कार्यपालक पदाधिकारी को अपने स्तर से शहरी क्षेत्र में प्रमुख स्थलों को चिन्हित कर शुद्ध पेयजल के उपयोग हेतु आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया साथ ही हीट वेव से बचाव हेतु सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिंग का संस्थापन कर आवश्यक सावधानी एवं एहतियाती उपायों के बारे में आम लोगों को जानकारी प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। स्कूलों में बच्चों को हीट वेव से सुरक्षा हेतु आवश्यक जानकारी देने को कहा। नल जल योजना  तथा चापाकलों के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी के द्वारा विशेष टीम का गठन कर जांच कराई गयी है। खराब चापाकलों की मरम्मती हेतु हर प्रखंड में मरम्मती दल भेजा गया तथा चपकालों की मरम्मती की गई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा जारी टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने पर चापाकलों को पुनः ठीक किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केदो सामुदायिक स्वास्थ्य केदो रेफरल अस्पताल सदर अस्पताल में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं का संचालन एवं आपातकालीन चिकित्सा सुविधा का सुचारू रूप से संचालन का निर्देश दिया गया है तथा अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ओआरएस पैकेट तथा जीवन रक्षक दवा आदि की पर्याप्त व्यवस्था रखने का निर्देश दिया गया है। गर्मी के मौसम में खेत खलिहानों, भवनों इमारतों, झुग्गी झोपडियों, फुस के घरों, गैस सिलिंडर आदि में आग लग जाने का खतरा रहता है  जिससे जान – माल की क्षति होती है। अगलगी से सुरक्षा एवं बचाव हेतु जिला स्तर पर बैठक कर अधिकारियो को अलर्ट रहने के साथ आवश्यक दिशानिर्देश दिया गया है। जिला पदाधिकारी  ने सभी अंचलाधिकारी,  अनुमंडल पदाधिकारी सहित कई अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की तथा अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहने तथा लोगों को सावधान रहने, जागरूक रहने एवं सतर्क रहने को कहा है। साथ ही  अगलगी की घटना होने पर सूचना पाते ही संबँधित अंचलाधिकारी को बिना देर किये घटनास्थल पर  फौरन पहुंचने तथा त्वरित रूप से राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने का सख्त निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी एवं पश्चिमी को सक्रिय एवं तत्पर रहने तथा सतत एवं प्रभावी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं एहतियाती उपायों का  पालन करने तथा आग लगने पर डायल 101/ 112 का उपयोग करने की अपील की है। विशेष स्थिति में निम्न नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है। जिला अग्निशमन पदाधिकारी मुजफ्फरपुर 94731 91917, अनुमंडल अग्निशामालय मुजफ्फरपुर, 0621- 2247222, अनुमंडल अग्निशामालय मोतीपुर,0622 -3233133. अगलगी से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश के रूप में क्या करें एवं क्या न करें बताया गया है।

क्या न करें-दीपक, लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगह पर ना रखें जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो। कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग नहीं लगायें। घर में किसी भी उत्सव के लिए लगाये कनात अथवा टेंट के नीचे से बिजली के तार को ना ले जाएं। जलती हुई माचिस की तीली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर ना फेंकें। सार्वजनिक स्थलों ट्रेनों एवं बसों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चलें।

क्या करें-रसोई घर यदि  फूस का हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य लगा दें। आग बुझाने के लिए घर में बोरे में भरकर बालू अथवा मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। आग लगने पर सर्वप्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें। शॉर्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय समय पर मरम्मत करा लें। अगर कपड़ों में आग लगे तो जमीन पर लेट कर /लुढक कर बुझाने का प्रयास करें।

गैस सिलेंडर की आग से सुरक्षा एवं बचाव- गैस सिलेंडर लेते समय पानी से जांच से लें कि बुलबुला दे रहा है या नहीं। रसोई में सिलेंडर को हमेशा सीधा खड़ा करके रखें। खाना बनाते समय चूल्हे पर रखे गर्म बर्तन को पल्लू से नहीं पकड़ें। चूल्हे पर उबलते हुए चाय, दूध आदि को छोड़कर रसोई से बाहर न जाएं। जलते हुए चूल्हे को पहले रेगुलेटर से उसके बाद स्टोव वाल्व से बंद करें। रेगुलेटर का पाइप नियमित रूप से साफ करें एवं समय पर पाइप बदलें। अगर रसोई में गैस की गंध आ रही हो तो इलेक्ट्रिक पैनल स्विच के साथ छेड़छाड़ नहीं करें। रसोई में एक सूती कपड़ा हमेशा भिगोकर रखें ताकि आपात स्थिति में आग लगने पर बुझाया जा सके। खाना बनाते समय एक बाल्टी/ मग के साथ पानी भरकर अवश्य रखें। कपड़ों में आग लगने पर भागें नहीं बल्कि जमीन पर लुढकें या फिर कंबल से लपेटकर बुझाएं।

भवनों में अग्नि सुरक्षा के उपाय के तहत क्या करें एवं क्या न करें।

क्या न करें- भवनों के प्रवेश तथा निकास को किसी भी परिस्थिति में अवरुद्ध न करें। भवनों में विद्युत आपूर्ति के तार हवा में झूलते न रहे। भवनों में जलते हुए सिगरेट आदि के टुकड़े यत्र तत्र न फेंकें। भवनों में अनावश्यक रूप से कूडा- करकट/ रद्दी सामानों/ ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण किसी भी परिस्थिति में न करें।

क्या करें- पुराने भवनों का फायर ऑडिट करायें तथा अग्निशमन विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों सुझावों का पालन करें। भवनो में अग्नि सुरक्षा योजनाओं को ऐसे स्थान पर दर्शाएं जिससे लोगों को समझने में आसानी हो। विद्युत प्रभार के अनुपात में ही भवनों में मानक विद्युत तार व उपकरण लगाएं तथा समय-समय पर जांच कराएं। नए भवनों का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुरूप ही करायें।

खेत में अग्नि सुरक्षा हेतु उपाय-

खेतों में पराली जलाने से बचें। खेतों में बिजली के उपकरणों का उपयोग करते समय सावधानी बरतें। खेतों के आसपास बीड़ी, सिगरेट आदि न पिएं। अगर खेत में आग लग जाए तो फैलने की दिशा में थोड़ी दूर तक फसल काट दें ताकि आग आगे की ओर न बढे।

ग्रामीण क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा एवं बचाव -फूस के घरों में मिट्टी का लेप जरूरी है। खाना बनाते समय पानी भरी बाल्टी रखें।उपयोग के बाद तुरंत चूल्हे की आग को बुझा दें। सुबह का खाना 9:00 बजे से पहले और शाम 6:00 बजे के बाद ही बनाएं।

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