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जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में उद्योग विभाग की योजनाओं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एवं बिहार लघु उद्यमी योजना की समीक्षात्मक बैठक आयोजित

ध्रुव कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर, बिहार, २० मार्च  

जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में उद्योग विभाग की योजनाओं प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एवं बिहार लघु उद्यमी योजना की समीक्षात्मक बैठक मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार में किया गया। बिहार लघु उद्यमी योजना की समीक्षा के क्रम में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतर्गत इस जिला के 1815 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जिसमें से 1690 लाभुकों को प्रथम किस्त के रूप में प्रति लाभुक 50000 रू दिये गये हैं। बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने बैंकवार स्वीकृति एवं व्यय की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की तथा लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने का सख्त निर्देश दिया। महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2024- 25 के लिए इस योजना का प्राप्त लक्ष्य 610 के विरुद्ध अब तक विभिन्न बैंक शाखाओं द्वारा 424 ऋण स्वीकृत किया गया है एवं 303 लाभुकों को ऋण वितरित किया जा चुका है। बैठक से इंडियन बैंक, केनरा बैंक, यूको बैंक के प्रतिनिधि अनुपस्थित पाए गए। इन बैंकों के द्वारा न तो टारगेट पूरा किया गया  एवं न ही बैठक में उपस्थित हुए। जिलाधिकारी ने संबंधित बैंक के उच्चाधिकारी को इस आशय के बारे में संसूचित करने का निर्देश दिया ताकि सरकारी दिशा निर्देश के अनुरूप कार्य में प्रगति लाया जा सके। साथ ही बैठक में अग्रणी बैंक प्रबंधक के उपस्थित पदाधिकारी को संबंधित बैंकों के उच्चाधिकारी से समन्वय स्थापित कर बैंक की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने तथा प्रगति लाने का निर्देश दिया। जिला पदाधिकारी ने बैंक अधिकारियो को 31 मार्च के पूर्व शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा के क्रम में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र द्वारा बताया गया कि संबंधित पोर्टल पर अब तक 9720 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें 8814 आवेदन को स्टेज 3 के लिए अग्रसारित कर दिया गया है। बैठक में उपस्थित विशेषज्ञ सदस्य  द्वारा संज्ञान में लाया गया कि बैंकों द्वारा इस योजना की ऋण स्वीकृति हेतु लाभुकों से collateral अर्थात सुरक्षा/जमानत की मांग की जाती है। इस संबंध में जिला पदाधिकारी ने विभागीय गाइडलाइंस का पालन करने तथा उसके अनुरूप कार्य करने को कहा। इसके तहत किसी तरह का कॉलेटरल नहीं देना है। इस संबंध मे जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह का स्पेशिफिक मामला संज्ञान में लाये जाते हैं  तो उस मामले की वरीय उप समाहर्ता से जांच कराई जाएगी तथा दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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